Chhattisgarh Teacher News: शिक्षक संघ ने सुशासन तिहार के जरिये वेतन विसंगति, क्रमोन्नति और युक्तियुक्तकरण पर मुख्यमंत्री से रखी ये मांग, बोले...पहले प्रमोशन हो फिर....

Chhattisgarh Teacher News: छत्तीसगढ़ के शिक्षक संघ ने सुशासन तिहार के जरिये शिक्षकों की मांग उठाई है। मुख्यमंत्री से वेतन विसंगति, क्रमोन्नति की मांग करते हुए कहा है कि प्रमोशन से पहले शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण न किया जाए।

Update: 2025-04-08 12:50 GMT
Chhattisgarh Teacher News: शिक्षक संघ ने सुशासन तिहार के जरिये वेतन विसंगति, क्रमोन्नति और युक्तियुक्तकरण पर मुख्यमंत्री से रखी ये मांग, बोले...पहले प्रमोशन हो फिर....
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Chhattisgarh Teacher News: रायपुर। प्रदेश की जनता के लिए सरकार ने सुशासन तिहार के जरिए शासन तक अपनी बात पहुंचाने का जरिया दिया है और इसका उपयोग शिक्षक भी बखूबी कर रहे हैं। इसकी शुरुआत करते हुए सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे और प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप पाण्डेय ने सुशासन तिहार में आवेदन कर सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की है। उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए जहां भाजपा के जनघोषणा पत्र में उल्लेखित सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति और सभी कर्मचारियों को क्रमोन्नति वेतनमान प्रदाय किए जाने की बात कही है वही केंद्र के समान महंगाई भत्ता उसी देय तिथि से दिए जाने की मांग रखी है।

उनका कहना है कि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में स्पष्ट रूप से इन बातों का उल्लेख किया है किंतु न तो वेतन विसंगति को लेकर किसी प्रकार की अब तक कोई पहल की गई है और न ही क्रमोन्नत वेतनमान को लेकर , उल्टा जब शिक्षिका सोना साहू क्रमोन्नत वेतनमान के मामले में उच्च न्यायालय से जीत गई है तो सरकार के द्वारा उसे सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया गया । इसी प्रकार केंद्र के देय तिथि से महंगाई भत्ता देने के बजाय 10 महीने बाद की तिथि से महंगाई भत्ता दिया जा रहा है और पूर्व के एरियर्स को देने के विषय में शासन की ओर से चुप्पी साध लिया जा रहा है । ज्ञापन के माध्यम से जनघोषणा पत्र में उल्लेखित इन वादों को पूरा करने की मांग की गई है ।

इसी प्रकार एक और ज्ञापन के माध्यम से शिक्षको के युक्तियुक्तकरण से पूर्व शिक्षकों की पदोन्नति और खुली स्थानांतरण नीति लागू करने की मांग की गई है।

इसे लेकर सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक विवेक दुबे और प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप पाण्डेय का कहना है कि “प्रदेश में बीते दो दशक से शिक्षक अपने पदोन्नति की राह देख रहे हैं और ऐसे शिक्षकों को पदोन्नति कर रिक्त स्थानों को भरने के बजाय फिर से एक बार युक्तियुक्तकरण के जिन्न को जिंदा किया जा रहा है। यह समझ से परे है कि पदोन्नति और खुली स्थानांतरण नीति जैसे विकल्पों को अपनाने के बजाय बार-बार केवल युक्तियुक्तकरण की ओर क्यों ध्यान दिया जा रहा है।

सरकार चाहे तो आज इस समस्या का समाधान हो सकता है इसके लिए समयबद्ध तरीके से पहले पदोन्नति कर दिया जाए और इसी प्रकार खुली स्थानांतरण नीति लागू कर रिक्त स्थानों पर शिक्षकों को आने दिया जाए और उसके बाद भी यदि युक्तियुक्तकरण की स्थिति निर्मित होती है तो युक्तियुक्तिकरण किया जाए और अतिशेष न होने की स्थिति में नई भर्ती कर रिक्त पदों को भर जाए । आखिर यह कैसी नीति है जिसके तहत जो शिक्षक पूर्व से पदस्थ हैं उन्हें उनका पदोन्नति और स्थानांतरण जैसा अधिकार न देकर केवल उन्हें अन्यत्र हटाकर ही व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री जी के पास सुशासन तिहार के माध्यम से ज्ञापन भेज कर इन विकल्पों पर विचार करने की मांग की गई है।

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