ULLAS: छत्तीसगढ़ के 10 लाख लोगों को सशक्त बनाने का लक्ष्य: उल्लास करेगा मदद, जानिये... क्या है यह पूरी योजना
ULLAS: छत्तीसगढ़ के 10 लाख लोगों को सशक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस काम में केंद्र सरकार की उल्लास योजना मदद करेगी। इसको लेकर राज्य के सभी जिलों को लक्ष्य दिया गया है।
ULLAS: रायपुर। केंद्र सरकार की उल्लास योजना के तहत राज्य के 10 लाख लोगों को न केवल साक्षर बल्कि पूरी तरह सशक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना को लेकर राज्य के सभी जिलों को लक्ष्य दिया गया है। इस संबंध में स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने सभी कलेक्टरों सहित अन्य संबंधितों को पत्र भेजा है।
स्कूल सचिव ने लिखा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिश एवं संयुक्त राष्ट्र संघ के सतत विकास लक्ष्य (SDG) के अनुसार 2030 तक सभी युवा, प्रौढ़, पुरूष एवं महिलाओं को शत्प्रतिशत बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान प्रदान कराना है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत् अनुशंसित उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम केन्द्र प्रवर्तित योजना है जो सभी के लिए शिक्षा हेतु प्रारंभ की गई है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत 15 वर्ष से अधिक उम्र के असाक्षरों को शत्प्रतिशत साक्षर किए जाने का लक्ष्य है।
जैसा कि आपको मालूम ही है कि साक्षरता केवल पढ़ना लिखना और अंक ज्ञान में आत्मनिर्भर होना ही नहीं है बल्कि इससे भी बढ़कर कार्यात्मकता, सशक्तिकरण तथा आगे सीखते रहना है। साक्षरता एक व्यक्ति के लिए बेहतर आजीविका व अवसरों तक पहुंचने के लिए जरूरी है। समुदाय के लिए समाज की एकता व सबके स्वास्थ्य व शिक्षा हेतु जरूरी है। साक्षरता देश के लिए जनतंत्र की मजबूती व आर्थिक तरक्की एवं विकास हेतु जरूरी है।
उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के पांच महत्वपूर्ण घटक है
1. बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान (Foundational Literacy And Numeracy) 15 वर्ष और उससे अधिक उम्र के असाक्षरों को 200 घण्टे का अध्यापन कराकर बुनियादी साक्षरता व संख्या ज्ञान प्रदान कराकर नवसाक्षर बनाना।
2. महत्वपूर्ण जीवन कौशल (Critical Life Skills) वित्तीय साक्षरता, कानूनी साक्षरता, डिजिटल साक्षरता, पर्यावरण साक्षरता, मतदान साक्षरता, आपदा प्रबंधन, वाणिज्य कौशल, स्वास्थ्य जागरूकता,
परिवार कल्याण आदि
3. बुनियादी शिक्षा (Basic Education) समतुल्यता कार्यक्रम अंतर्गत प्रारंभिक स्तर (कक्षा 3 से 5), मध्य स्तर (कक्षा 6 से 8) और माध्यमिक स्तर (कक्षा 9 से 12 वीं) की समतुल्यता प्रदान करना।
4. व्यावसायिक कौशल विकास (Vocational Skills Development)
नवसाक्षरों को रोजगार प्रदान करने व्यावसायिक कौशल विकास प्रशिक्षण।
5. सतत् शिक्षा (Continuing Education)
शिक्षार्थियों को कला, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, संस्कृति, खेल मनोरंजन एवं स्थानीय रूचि के अनुसार अन्य विषय में उन्नत सामग्री प्रदान करना है।
उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए निम्न वर्ग को प्राथमिकता प्रदान की जाएगी
बालिकाएँ एवं महिलाएँ एससी/एसटीएससी / अल्पसंख्यक / ओबीसी विशेष आवश्यकता वाले व्यक्ति / दिव्यांगजन (विकलांग) / ट्रांसजेण्डर सीमांत किसान/घुमंतु / निर्माण श्रमिक / मजदूर आदि
उल्लास कार्यक्रम हेतु निम्न क्षेत्र को प्राथमिकता प्रदान की जाएगी
नीति आयोग के सभी आकांक्षी जिले एवं वामपंथ उग्रवाद प्रभावित जिले
राष्ट्रीय / राज्य औसत से कम साक्षरता दर वाले जिले
2011 की जनगणना के अनुसार महिला साक्षरता दर से 60% कम दर वाले जिले
बड़ी एससी/एसटी/अल्पसंख्यक आबादी वाले जिले / ब्लॉक
शैक्षिक रूप से पिछड़े ब्लॉक और प्रभावित जिले
सबसे पहले 15-35 वर्ष आयु वर्ग को व उसके बाद 35 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग को शामिल किया जाएगा।
प्रौढ़ शिक्षा को भारत सरकार द्वारा अब "सबके लिए शिक्षा नाम से प्रतिस्थापित करने का निर्णय लिया है क्योकि 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के असाक्षरों के लिए यह ज्यादा उपयुक्त होगा।
उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु 22 मार्च 2024 को आयोजित परियोजना अनुमोदन बोर्ड (पीएबी) द्वारा राज्य में वार्षिक योजना का अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है। जिसके अनुसार जिलेवार लक्ष्य तय कर दिए गए है
स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देशन में राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण छत्तीसगढ़ द्वारा लोक शिक्षण संचालनालय व समग्र शिक्षा के समन्वय से इस योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। अकादमिक कार्य एससीईआरटी में स्थापित राज्य साक्षरता केन्द्र (SCL) द्वारा किया जा रहा है।
ब्लॉक स्तर पर बीईओ / बीआरसी / ब्लॉक परियोजना अधिकारी एवं संकुल स्तर पर सीएसी/सीआरसी के समन्वय से योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा।
चिन्हांकित स्कूलों में उल्लास साक्षरता केन्द्र (सामाजिक चेतना केन्द्र) स्थापित किया जाएगा। केन्द्र की स्थापना संबंधी मार्गदर्शिका पृथक से भेजी जा रही है।
उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम स्वयंसेवकों के माध्यम से ऑनलाइन व ऑफलाइन मोड में संचालित किया जाएगा। शिक्षार्थियों को अध्यापन कराने वाले स्वयंसेवी शिक्षकों को वेतन/मानदेय प्रदान नहीं किया जाएगा। अलबत्ता उन्हें प्रोत्साहित / सम्मानित कर प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।
स्वयंसेवकों में 5 वी कक्षा के उपर के स्कूली छात्र, एमएड, बीएड, बीएलएड/बीटीसी/ जेबीटी आदि पाठ्यक्रमों के शिक्षक, शिक्षा संस्थानों को शामिल किया जाएगा।
समुदाय के सदस्य, एनवाईकेएस, एनएसएस, एनसीसी, सीएमओ के स्वयंसेवक, गृहणियाँ, स्व सहायता समूह के सदस्य, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षक, सेवानिवृत्त शिक्षक कर्मी, पंचायती राज संस्थाओं के नगरीय निकाय सहित अन्य संस्थाओं को शामिल किया जाएगा।
शिक्षार्थियों व स्वयंसेवकों के चिन्हांकन के लिए उल्लास मोबाइल एप के माध्यम से राज्य से दिए गए निर्देशानुसार सर्वे का कार्य किया जाएगा व उसकी उल्लास पोर्टल पर एण्ट्री का कार्य किया जाएगा। जिसकी नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी।
उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम में शासकीय, गैर शासकीय संस्थाओं, समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करने व्यापक जागरूकता के लिए वातावरण निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर किया जाएगा। इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए नवाचारी गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। वातावरण निर्माण के लिए समस्त प्रकार के तरीकों व माध्यमों का उपयोग किया जाएगा। ULLAS (Understanding of Lifelong Learning for All in Society समाज में सभी के लिए आजीवन सीखने की समझ) जन-जन साक्षर लोगो का उपयोग सभी पत्रों, बेनर इत्यादि में किया जाए।
उल्लास कार्यक्रम के लिए राज्य स्तर पर राज्य स्रोत समूह, जिला स्रोत समूह, स्रोत कुशल प्रशिक्षक व स्वयंसेवी शिक्षकों तथा साक्षरता कार्यकर्ताओं को ऑनलाइन / ऑफलाइन मोड पर नियमित रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा।
उल्लास साक्षरता केन्द्र के लिए केन्द्र व राज्य स्तर पर तैयार "उल्लास प्रवेशिका" के माध्यम से 200 घंटे का अध्यापन कराकर उन्हें NEP 2020 के मापदंड के अनुसार बुनियादी साक्षरता व गणितीय कौशल में दक्ष बनाया जाएगा। जिसकी सघन मॉनिटरिंग की जाएगी।
बुनियादी साक्षरता व संख्या ज्ञान पूर्ण करने वाले शिक्षार्थियों का आंकलन वर्ष में दो बार सितम्बर 2024 व मार्च 2025 को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) द्वारा राष्ट्रव्यापी FLNAT बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान आकलन परीक्षा ली जाकर उन्हें NIOS द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।
इस महत्वपूर्ण योजना के जिला/ब्लॉक, नगरीय निकायों / ग्राम स्तर पर सफल क्रियान्वयन हेतु 'मार्गदर्शन, नियोजन, निरीक्षण, नियंत्रण व सहयोग" प्रदान करने प्रभावी प्रबंध सूचना तंत्र (MIS) स्थापित करते हुए स्कूल शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन द्वारा इसे एजेण्डे में शामिल कर उल्लास कार्यक्रम की नियमित समीक्षा की जाएगी।
उल्लास कार्यक्रम की गुणवत्ता की जांच हेतु पंचायती राज अधिनियम में निहित नियमों के अनुसार ग्राम सभा को प्रत्येक वर्ष साक्षरता कक्षाओं का "सामाजिक अंकेक्षण" करने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
योजना के अतिरिक्त सहायता, बेहतर क्रियान्वयन और कवरेज के लिए केन्द्र / राज्य सरकार के सीएसआर मानदंडों के तहत् राज्य और जिला स्तर सीएसआर भागीदारी प्राप्त की जाएगी।