Teacher yuktiyuktkaran: छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने सीएम को लिखा पत्र, 2008 के सेटअप का पालन कराने की मांग...
Teacher yuktiyuktkaran: छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर 2008 के सेटअप का पालन करने की माँग की है. पत्र में लिखा है कि युक्तियुक्तकरण नीति से प्रत्येक शाला में एक शिक्षक पद घटाया गया है. सवाल उठाया है कि शिक्षक 5 कक्षा कैसे पढ़ाएंगे?. प्रायमरी, मिडिल व कामर्स के एक एक पद सभी स्कूल में समाप्त होंगे.
Teacher yuktiyuktkaran: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने मुख्यमंत्री से माँग की है कि युक्तियुक्तकरण में दखल दें व 2008 के सेटअप का पालन कराएं. युक्तियुक्तकरण के वर्तमान नियम में प्रत्येक शाला में एक शिक्षक पद घटाया गया. इससे प्राथमिक शाला में 2 शिक्षक 5 कक्षा को कैसे पढ़ाएंगे? युक्तियुक्तकरण की वर्तमान नीति में प्रायमरी, मिडिल व कामर्स के एक एक शिक्षकों की संख्या सभी स्कूल में समाप्त किये गए है, स्वाभाविक रूप से निजी शाला को प्रोत्साहन का नियम है वर्तमान युक्तियुक्तकरण की नीति। कम शिक्षक होने से कक्षा संचालन भी संभव नही, इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
युक्तियुक्तकरण नीति को एकतरफा लागू किया जा रहा है, नीति के सम्बंध में विभाग द्वारा दावा आपत्ति क्यो नही लिया गया,?
संजय शर्मा ने कहा कि युक्तियुक्तकरण की दोषपूर्ण नीति से शिक्षा विभाग में शिक्षा की गुणवत्ता गिरेगी व कम शिक्षक होने से निजी शालाओ को लाभ मिलेगा, सामान्य व निम्न वर्ग के पालक के बच्चे को उचित शिक्षा से वंचित होना पड़ेगा।
सेटअप शिक्षा विभाग के शालाओं में पद का मूल आधार है अतः 2008 को जारी सेटअप का समुचित क्रियान्वयन हो, युक्तियुक्तकरण के दोषपूर्ण व विसंगतिपूर्ण बिंदुओं को शिक्षा विभाग अलग करें, इसके बाद शिक्षकों की व्यवस्थापन के विषय में सोंचे।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश संयोजक सुधीर प्रधान, वाजिद खान, प्रदेश उपाध्यक्ष हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहु, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, शैलेंद्र यदु, डॉक्टर कमल वैष्णव, प्रदेश सचिव मनोज सनाढ्य, प्रदेश कोषाध्यक्ष शैलेंद्र पारीक ने मांग किया है कि अतिशेष के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही किया जावे और 2008 के सेटअप का शालाओ में पालन किया जावे।
नीति में सबसे बड़ी विसंगति तो यही है कि प्रत्येक शाला में एक-एक पद न्यूनतम छात्र संख्या पर कम किया गया है साथ ही एक ही परिसर के शालाओं को सम्बद्ध करने कहा गया है, इससे शाला का प्रबंध कमजोर होगा और इस नियम के तहत सम्बद्ध शालाओ के प्रधान पाठक पद को खत्म किया जा रहा है, इससे शिक्षकों की पदोन्नति नही होगी।
प्राचार्य, व्याख्याता, शिक्षक, प्रधानपाठक (प्राथमिक/पूर्व माध्यमिक) के पदों पर पहले पदोन्नति किया जावे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पालन किया जावे एवम शिक्षक संगठनों के विरोध व सुझाव पर बैठक व चर्चा कर सेटअप 2008 का पालन करते हुए नियमानुसार व्यवस्थापन किया जावे, इस हेतु छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन द्वारा विस्तृत सुझाव दिया गया है।