Teacher News: सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हड़कंप: लाखों शिक्षकों की नौकरी पर मंडराया संकट!
Shikshak Ki Naukri Khatre Me: लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर को एक फैसला सुनाया है, जिससे शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है। फैसला ये है कि सरकारी स्कूल में कक्षा पहली से आठवीं तक पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों को दो साल के अंदर TET टेस्ट पास करना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर उनकी नौकरी खतरे में पड़ सकती है।
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Shikshak Ki Naukri Khatre Me: लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर को एक फैसला सुनाया है, जिससे शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है। फैसला ये है कि सरकारी स्कूल में कक्षा पहली से आठवीं तक पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों को दो साल के अंदर TET टेस्ट पास करना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर उनकी नौकरी खतरे में पड़ सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया यह फैसला
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर को एक फैसला सुनाया है, फैसला ये है कि सरकारी स्कूल में कक्षा पहली से आठवीं तक पढ़ाने वाले और जिनकी सेवा 5 साल से ज्यादा बची है, उन शिक्षकों को दो साल के अंदर शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास करना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर उन्हें इस्तीफा देना होगा या फिर रिटायरमेंट लेना होगा। वहीं जिनकी सेवा अवधि 5 साल से कम बची है उन्हें छुट हो मिलेगी ही पर उनके प्रमोशन का रास्ता बंद हो जाएगा।
इन शिक्षकों पर मंडराया खतरा
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद उन शिक्षकों पर खतरा मंडरा रहा है, जिन्होंने शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास नहीं की है या फिर जिनके पास शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) के लिए आवश्यक ग्रेजुएशन और प्रशिक्षण नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उन्हें अब दो साल के अंदर शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास करना अनिवार्य है।
उत्तर प्रदेश के 2 लाख बेसिक शिक्षकों पर पड़ेगा असर
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले देशभर में लगभग 10 लाख शिक्षक प्रभावित होंगे। अकेले उत्तर प्रदेश में ही लगभग 2 लाख बेसिक शिक्षकों पर इसका असर पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट का यह भी कहना है कि अल्पसंख्यक संस्थान पर यह फैसला लागू होगा कि नहीं इसका फैसला बड़ी बैच करेगी।
क्या है शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET)
बता दें कि शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) अब सरकारी शिक्षक बनने के लिए अनिवार्य हो गया है। शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) यह जांच करती है कि कोई व्यक्ति कक्षा पहली से आठवीं तक पढ़ाने के योग्य है या फिर नहीं।
जानिए क्या है पूरा मामला
बता दें कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने 2010 में एक आदेश जारी किया था कि कक्षा पहली से आठवीं तक पढ़ाने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास करना अनिवार्य है, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने पहले तो शिक्षकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास करने के लिए 5 साल दिया था, बाद में इसे 4 साल और बढ़ा दिया गया था। लेकिन कई उम्मीदवार ने इस नियम को कोर्ट में चैलेंज कर दिया।
हर हाल में शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास करना अनिवार्य
जून 2025 में मद्रास हाई कोर्ट ने कहा था कि जिन शिक्षकों की नियुक्ति जुलाई 2011 से पहले हुई था, उन्हें सेवा में बने रहने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास करने की जरूरत नहीं हैं। हालांकि प्रमोशन पाने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास करना अनिवार्य होगा। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को बदलते हुए यह फैसला सुनाया कि अब सेवा में बने रहने या फिर प्रमोशन पाने के लिए हर हाल में शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास करना अनिवार्य है।