प्राचार्य पदोन्नति की फिर उठी मांग...फेडरेशन के प्रदेश संयोजक कमल वर्मा ने PS और DPI को लिखा पत्र...संजय शर्मा ने एलबी संवर्ग को रोकने की साजिश दिया करार

Update: 2023-03-21 08:50 GMT

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रायपुर। प्रदेश में पदोन्नति का दौर जारी है एक तरफ जहां हाई कोर्ट से स्टे हटने के बाद शिक्षक और व्याख्याता बनाने की प्रक्रिया चल रही है वहीं दूसरी तरफ अब व्याख्याताओं और प्रधान पाठकों को प्राचार्य के पद पर पदोन्नति देने की मांग जोर पकड़ने लगी है । 16 मार्च को जहां डीपीआई से मिलकर छत्तीसगढ़ शिक्षक कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल शुक्ला ने यह मांग रखी वहीं अब अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के प्रदेश संयोजक कमल वर्मा ने पत्र लिखकर स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और डीपीआई संचालक को यह कहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत व्याख्याताओं एवं प्रधान पाठकों की पदोन्नति 2013 से नहीं हो पाई है और प्रदेश के अनेक व्याख्याता एवं प्रधान पाठक बिना पदोन्नति पाए ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं जिसके कारण उन्हें काफी आर्थिक नुकसान हुआ है साथ ही अनेक व्याख्याता एवं प्रधान पाठक आगामी 2 माह के अंदर सेवानिवृत्त होने वाले हैं । ऐसे में उन्होंने अधिकारियों से अनुरोध किया है कि 2 माह के अंदर स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत कार्यरत व्याख्याता और प्रधान पाठक की पदोन्नति आदेश जारी की जाए।

पदोन्नति हुई तो एल बी (लेक्चरर) रह जाएंगे वंचित !

इस मामले में सबसे बड़ा पेंच यह है कि शिक्षक भर्ती एवं पदोन्नति नियम 2019 में जो प्रावधान किए गए हैं उसके तहत 90% पदों पर जहां पदोन्नति होनी है वहां 65% पदों को लेक्चरर को दिया गया है और 25% पदों को मिडिल एचएम को...और उसमें भी यह बाध्यता रखी गई है कि 65% पदों में से 70% पद नियमित व्याख्याताओं को दिया जाएगा वहीं 30% पद शिक्षाकर्मी से आए व्याख्याता (एल.बी) को...इसमें यह भी प्रावधान रखा गया है कि यदि एलबी लेक्चरर नहीं मिलते हैं तो उनके पद भी नियमित कैडर से भर दिए जाएंगे इसी प्रकार नियमित कैडर नहीं मिलते हैं तो उनके पद एलबी कैडर से भर दिए जाएंगे । ऐसे में यदि जुलाई 2023 से पहले प्राचार्य पदों पर पदोन्नति होती है तो सीधे तौर पर लेक्चर एलबी के लिए रखे गए 30% पद भी नियमानुसार नियमित लेक्चरर के खाते में चले जायेंगे क्योंकि 5 वर्ष की सेवा पूर्ण न होने के कारण लेक्चरर एलबी अभी इस दायरे में नहीं आए हैं कि उनका प्रमोशन प्राचार्य पद पर हो सके । और एक बार पूरे रिक्त पदों पर पदोन्नति हो गई तो जब तक नियमित लेक्चरर रिटायर नहीं होंगे तब तक एलबी संवर्ग को इंतजार करना पड़ेगा इधर 98 से नियुक्ति पाए एलबी लेक्चरर में से भी बहुत से लोग रिटायरमेंट के कगार पर हैं ऐसे में यह विषय उनके लिए भी संजीदगी भरा है । ऐसे भी जो प्रतिशत 25% पद मिडिल स्कूल एचएम से भरा जाना है उसमें एल बी की पात्रता नहीं है क्योंकि किसी भी मिडिल स्कूल में (एलबी) संवर्ग 5 साल के अनुभव के साथ वाला HM बना ही नहीं है । ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि शासन की पहल इस दिशा में क्या होती है

इधर इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ टीचर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने भी एलबी संवर्ग के साथ हो रहे वाले भेदभाव का जिक्र करते हुए इसे जानबूझकर एल बी लेक्चरर को प्राचार्य बनाने से रोकने की साजिश करार दिया है । उनका कहना है की

1998 से जो शिक्षा कर्मी, एल बी व्याख्याता एक ही पद पर हायर सेकेंडरी स्कूल में गुणवत्ता पूर्ण सेवा दे रहे है, उनके पदोन्नति का प्रावधान नही बनाया गया, अब 5 मई 2019 को बनाया गया, किन्तु शिक्षक व सहायक शिक्षक के साथ व्याख्याता एल बी के पदोन्नति हेतु अवधि को 5 वर्ष से घटाकर 3 वर्ष नही किया गया, यह तो व्याख्याता एल बी को प्राचार्य पद में जाने से रोकने का मामला है, कई व्याख्याता एल बी बिना पदोन्नति के रिटायर हो गए, और लोग भी होंगे, एक ही पद पर पूरी सेवा से व्याख्याता संवर्ग के मनोबल को तोड़ा जा रहा है, हमने विभाग के जवाबदेह अधिकारियों से व्याख्याता एल बी, व्याख्याता ई/टी शासकीय व प्रधान पाठक की पदोन्नति एक साथ किये जाने का आग्रह किया था, किन्तु व्याख्याता एल बी को वन टाइम रिलेक्सेशन न देकर उन्हें उनके अधिकार से वंचित कर रिटायर किया जा रहा है।

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