JD और BEO पर गंभीर आरोप...DPI की मनाही के बाद भी शिक्षकों को कर दिया करोड़ों का एरियर्स भुगतान...DPI ने 3 दिन में मांगा जवाब

Update: 2022-11-10 14:36 GMT

Shiksha Vibhag 

रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग का भगवान ही मालिक है क्योंकि जिस प्रकार यहां कामकाज हो रहा है वह समझ से परे है आलम यह है कि जेडी स्तर के अधिकारी तक बंदरबांट करने के लिए डीपीआई के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं। डीपीआई सुनील कुमार जैन ने रायपुर जेडी के कुमार को जो पत्र जारी किया है वह अत्यंत ही गंभीर मामले से जुड़ा है जहां शासन को जेडी और बसना BEO ने मिलकर करोड़ो रुपए का चूना लगा दिया है।

दरअसल डीपीआई के पास सहायक शिक्षक हरिराम साव और अन्य 12 शिक्षक द्वारा शिकायत की गई थी जिस पर जांच चल रही थी लेकिन जेडी और बसना BEO ने बिना शिकायतकर्ताओं का पक्ष सुने और उच्च अधिकारी के संज्ञान में प्रकरण का अंतिम निष्कर्ष लाए बिना आनन फानन में सहायक शिक्षकों को करोड़ों रुपए का एरियर्स भुगतान कर दिया, स्वेच्छाचारी कि हद देखिए इतना कुछ करने के बाद भी और मामला डीपीआई में लंबित होने के बाद भी जेडी और बसना BEO ने संचालनालय को लिखित या मौखिक जानकारी देना तक उचित नहीं समझा। अब डीपीआई ने जेडी के कुमार को पत्र लिखकर तीन दिवस के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है कि आखिर एक अनुभवी अधिकारी होने के बाद भी उनके द्वारा ऐसा क्यों किया गया लेकिन बड़ा सवाल यह भी खड़ा होता है कि आखिरकार संचालनालय का छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग में कोई महत्व है भी कि नहीं क्योंकि ऐसे कई मामले निकल कर सामने आ चुके हैं जिसमें निचले स्तर के अधिकारी अपनी मनमानी लगातार कर रहे हैं उच्च अधिकारियों द्वारा दिए गए आदेशों की अवहेलना भी हो रही है लेकिन किसी भी अधिकारी पर कार्रवाई की गाज संचालनालय द्वारा नहीं गिराई जाती प्रमोशन के मामले में ही फरवरी में जो निर्देश जारी किए गए थे।


अधिकांश जिलों में उसकी अवहेलना की गई और प्रमोशन निरस्त भी किया गया बावजूद इसके संचालनालय में बैठे अधिकारियों ने एक भी जिम्मेदार अधिकारी पर गाज तक गिरना उचित नहीं समझा जबकि पूरे प्रदेश में इस बात का हल्ला है कि जमकर लेनदेन की जा रही है और मनचाही जगह पर पोस्टिंग देने का खेल जारी है यहां तक कि राजनांदगांव जिले में तो धरना प्रदर्शन का दौर जारी है। पोस्टिंग में इतना बड़ा खेल खेला गया है कि दिव्यांग और महिलाओं तक का ध्यान नहीं रखा गया है और इसी बीच में आप इतना गंभीर मामला सामने आया है जिसमें स्वयं डीपीआई स्पष्टीकरण मांग रहे हैं लेकिन बड़ा सवाल यह है कि यह स्पष्टीकरण क्या केवल मामले को दबाने के लिए है या फिर इस बार डीपीआई कोई नई नजीर पेश करेंगे और जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी।

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