50 % पेंशन निर्धारण का प्रावधान करने की मांग, छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने कहा- हिमाचल, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड में पूर्ण पेंशन, छत्तीसगढ़ में 33 वर्ष क्यो?

Update: 2023-06-21 16:00 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव महोदय, सचिव वित्त विभाग, सचिव सामान्य प्रशासन विभाग को ज्ञापन देकर तथा वित्त विभाग के उप सचिव अतीश पांडेय से चर्चा करके 20 वर्ष की अर्हकारी सेवा होने पर 50 % पेंशन निर्धारण का प्रावधान करने की मांग की है।

ज्ञात हो कि दिनांक 1/1/1996 से प्रभावशील पुनरीक्षित वेतनमानों में प्राप्त वेतन के आधार पर पेंशन, पेंशन नियम 1976 में परिभाषित अनुसार 33 वर्ष की अर्हकारी सेवा होने पर 50 % पेंशन निर्धारण का प्रावधान छत्तीसगढ़ राज्य में प्रचलित है, कम सेवा होने पर अनुपातिक पेंशन निर्धारण का नियम है।

सौपे गए ज्ञापन में केंद्र सरकार व अन्य राज्यों द्वारा किए गए आदेशों का हवाला देते हुए तथ्यात्मक पक्ष रखा गया है जिसमें भारत सरकार के आदेश सं. 38/37/08-पी.एंड पी डब्ल्यू (ए) कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय (पेंशन एवं पेंशन भोगी कल्याण विभाग नई दिल्ली ) दिनांक 2 सितंबर 2008 के पेंशन नियम के बिंदू 5 (2) में प्रावधान किया गया है कि पूरी पेंशन के लिए 33 वर्षों की पात्र सेवा के संबंधों को समाप्त कर दिया जाएगा एक बार सरकारी सेवक द्वारा 20 वर्षों की निर्धारित सेवा पूरी कर लेने के बाद पेंशन परिलब्धियों या पिछले 10 महीने के दौरान प्राप्त उपलब्धियों के औसत जो भी अधिक हो कि 50% पेंशन दी जाएगी"।

Government of himachal pradesh finance (pension) department simla – 171002, 14 october 2009 में प्रावधान है कि Linkage of full pension with 33 years of qualifying service shall be dispensed with. Once a Government servant has rendered the minimum qualifying service of twenty years, pension shall be paid

उत्तरप्रदेश सरकार के आदेश संख्या 1754/79-5-09–02/2009 लखनऊ दिनांक 16 सितंबर 2009 के "पेंशन नियम 4( 2) में प्रावधान है कि वर्तमान में पूर्ण पेंशन प्राप्त करने के लिए अधिकतम 33 वर्ष की अर्हकारी सेवा प्रदान करना अनिवार्य है, परंतु उक्त व्यवस्था संशोधित करते हुए तत्काल प्रभाव से या व्यवस्था की जाती है कि पूर्ण पेंशन प्राप्त करने के लिए 20 वर्ष की अर्हकारी सेवा करना अनिवार्य है जो कर्मी 20 वर्ष की हर कार्य सेवा पूर्ण कर के सेवानिवृत्त होते हैं उन्हें अंतिम आहरित वेतन के 50 प्रतिशत अथवा अंतिम 10 माह में आहरित वेतन के औसत जो भी अधिक लाभप्रद हो, के आधार पर पेंशन अनुमन्य ( permissible ) होगी"।

Full View

उत्तराखंड सरकार के आदेश संख्या 723 / xxvii( 7)/2010 देहरादून 29 अक्टूबर 2010 के स्पस्टीकरण आदेश के बिंदु क्रमांक 6 में प्रावधन किया गया है कि 1 – 1 – 2006 के बाद सेवानिवृत्त कार्मिकों को "20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर पूर्ण पेंशन एवं अंतिम माह में आरिफ औसत वेतन का 50% का लाभ अनुमन्य ( permissible ) किया गया है"।

राजस्थान सरकार ने मंत्रिमंडल में निर्णय लिया है कि राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1996 में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। इससे कार्मिक को 28 वर्ष की अर्हकारी सेवा के स्थान पर 25 वर्ष की सेवा पूर्ण कर सेवानिवृत होने पर ही पूर्ण पेंशन का लाभ प्राप्त हो सकेगा।

प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में 33 वर्ष की अर्हकारी सेवा होने के कारण राज्य के अधिसंख्य कर्मचारी 50 प्रतिशत पेंशन निर्धारण के लाभ से वंचित हो रहे है, अतः केंद्र सरकार, हिमाचल प्रदेश सरकार, उत्तरप्रदेश सरकार, व उत्तराखंड सरकार, राजस्थान सरकार की तरह छत्तीसगढ़ राज्य में भी पेंशन निर्धारण के लिए 33 वर्ष अर्हकारी सेवा के स्थान पर 20 वर्ष अर्हकारी सेवा होने पर 50 % पेंशन निर्धारण का प्रावधान किया जावे, उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ में सेवा प्रारम्भ के लिए महिलाओं की आयु 45 वर्ष है, ऐसे में 33 वर्ष की सेवा अवधि असंभव है, अलग अलग विभाग के लाखों कर्मचारी 33 वर्ष की सेवा के बिना अधूरे पेंशन के साथ रिटायर हो रहे है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने पुरानी पेंशन लागू की है तो उसका समग्र लाभ पूर्ण पेंशन हेतु अर्हकारी सेवा को घटाकर 20 वर्ष किये जनेवपर ही मिलेगा, इसी को ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार ने फैसला लिया है, छतीसगढ़ के कर्मचारी पूर्ण पेंशन के लाभ से वंचित होने के कारण निराश है।

ज्ञात हो कि मनमोहन सिंह के कांग्रेस सरकार ने 2008 में केंद्र में 33 वर्ष को घटाकर 20 वर्ष में पूर्ण पेंशन का नियम बनाया था, इसलिए छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार से भी उम्मीद व अपेक्षा है।

ज्ञापन सौपने वाले प्रतिनिधि मंडल में छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश संयोजक सुधीर प्रधान, प्रदेश उपाध्यक्ष देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, विनोद गुप्ता, प्रदेश कोषाध्यक्ष शैलेन्द्र पारीक, रायपुर जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश सोनकला, धमतरी जिलाध्यक्ष डॉ भूषण लाल चंद्राकर, रमेश यादव, कोमेश साहू, शेखर प्रसाद साव, डॉ सी एल साहू, वकील मिर्जा, अमित शर्मा, विजय धुर्वे, सुशील साहू, शामिल थे।

Tags:    

Similar News