Teacher Transfer: गांवों के 300 स्कूल शिक्षक विहीन, 5500 स्कूल सिंगल टीचर के भरोसे और शहरों में 7300 शिक्षक अतिशेष....

Teacher Transfer: छत्तीसगढ़ में शिक्षकों की कमी को दूर करने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विधानसभा के मानसून सत्र में बताया कि प्रदेश के 300 स्कूल शिक्षक विहीन हैं और 5500 स्कूलों में सिर्फ एक शिक्षक हैं। उन्होंने बताया कि युक्तियुक्तकरण के जरिये सरकार शिक्षकों की कमी दूर करने का प्रयास कर रही है। मगर दूसरी तरफ विडंबना यह है कि हजारों शिक्षक शहरों के स्कूलों में अतिशेष हैं।

Update: 2024-07-24 11:05 GMT

Teacher Transfer: रायपुर। छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में एक तरफ 300 से अधिक स्कूल शिक्षक विहीन हैं और 5500 स्कूलों में सिर्फ एक शिक्षक तैनात हैं। विधानसभा के मानसून सत्र में रायपुर के स्कूलों में शिक्षकों की कमी पर पूछे गए सवाल के जवाब में कल मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सदन को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्कूलों में शिक्षकों की कमी पूरी करने के लिए युक्यिक्तकरणकी प्रक्रिया शुरू कर चुकी है। इससे काफी स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर होगी। इसके बाद फिर शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। मगर अफसरों ने युक्तियुक्तकरण से पहले सरकार को अतिशेष स्कूलों का आंकड़ा दिया है, वह चौंकाने वाला है।

7300 अतिशेष शिक्षक

एक तरफ 300 से अधिक स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं हैं। और 5500 स्कूल एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। इनमें लगभग सभी स्कूल दूरस्थ इलाकों के हैं, जहां कोई शिक्षक जाना नहीं चाहता। इसके उलट शहरों के स्कूलों में 7300 अतिशेष शिक्षक हैं। इन शिक्षकों ने स्कूलों में स्वीकृत पद के बराबर शिक्षक होने के बाद भी एप्रोच या पैसा के बल पर अपनी पोस्टिंग करा ली। स्कूल शिक्षा विभाग ने जरूरत नहीं होने के बाद भी शिक्षकों की पोस्टिंग कर दी।

युक्तियुक्तकरण प्रारंभ

जैसा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कल सदन को बताया कि शिक्षकों की कमी दूर करने युक्तियुक्तकरण का प्रॉसेज शुरू कर दिया गया है, स्कूल शिक्षा विभाग ने अतिशेष शिक्षकों की जानकारी बनाकर सरकार को भेज दिया है। इसमें 7300 शिक्षकों की सूची है, जिन्हें किसी दूसरे स्कूलों में ट्रांसफर किया जाएगा। अफसरों ने अतिशेष शिक्षकों का ट्रांसफर का ड्राफट बनाकर भी सरकार को दिया है। इनमें सहायक शिक्षक, शिक्षक और व्याख्याताओं का ट्रांसफर जिले के कलेक्टर करेंगे। सहायक शिक्षक और शिक्षक में जो बच जाएंगे, उसे ज्वाइंट डायरेक्टर करेंगे और व्याख्याताओं का डीपीआई से ट्रांसफर किया जाएगा। हालांकि, अभी ये ड्राफ्ट है। सरकार इस पर चर्चा कर अंतिम मुहर लगाएगी।

स्कूलों का भी युक्तियुक्तकरण

प्रारंभिक तौर पर शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए प्रदेश में पहली बार स्कूलों का भी युक्तिकरण करने का फैसला लिया गया है। जिन स्कूलों में 10 से कम बच्चे हैं, उन्हें पास के स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में ऐसे स्कूल हैं, जिसमें दो से पांच, सात बच्चे हैं। ऐसे 100 से अधिक स्कूलों में दो से तीन शिक्षक हैं। इनमें अधिकांश लोगों ने सिफारिश और पैसे के बल पर अपनी पोस्टिंग करा ली है। सरकार के खजाने पर ये बड़़ा बोझ है। चार-पांच बच्चों पर तीन-तीन शिक्षक। डेढ़-दो लाख रुपए तो उनके वेतन पर ही सरकार खर्च कर रही है। और पढ़ा कितने बच्चों को रहे हैं..तीन से लेकर पांच-सात को। स्कूलों के युक्तियुक्तकरण से करीब पांच हजार शिक्षक और अतिशेष निकलेंगे। याने कुल मिलाकर 12 हजार शिक्षक अतिशेष होंगे। स्कूल शिक्षा के जानकारों का कहना है कि इससे काफी कुछ प्राब्लम साल्व हो जाएगा।

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