Chhattisgarh News: युक्तियुक्तकरण के विरोध में बड़े आंदोलन का शंखनाद: फेडरेशन ने मुख्य सचिव को सौंपी नोटिस
Chhattisgarh News: प्रदेश में स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के विरोध में फेडरेशन ने बड़े आंदोलन का शंखनाद कर दिया है। आज फेडरेशन की तरफ से मुख्य सचिव को नोटिस दी गई है।
Chhattisgarh News: रायपुर। प्रदेश सरकार ने स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण का फैसला किया है। प्रदेश के शिक्षक संगठनों के साथ ही दूसरे कर्मचारी संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के सबसे बड़े संगठन फेडरेशन ने इसके विरोध में आंदोलन का शंखनाद कर दिया है। फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा के नेतृत्व में फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल ने आज मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपकर आंदोलन की सूचना दी। सीएस की अनुपस्थिति में उनकी ओएसडी पूनम सोनी को ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन में फेरेशन की तरफ से बताया गया है कि 24 अगस्त को आयोजित फेडरेशन की महाबैठक में युक्तियुक्तकरण नीति के दोषपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा उपरांत निर्णय लिया गया है कि फेडरेशन के द्वारा ध्यानाकर्षित किये गये बिंदुओं का समाधान नहीं होने की स्थिति में 16 सितंबर 2024 को नवा रायपुर में मेगा महारैली किया जाएगा। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन, जो कि 112 मान्यता एवं गैर मान्यता प्राप्त संगठनों का प्रतिनिधि संगठन है, आपसे अनुरोध करता है कि उपरोक्त तथ्यों से अवगत होते हुए शासन द्वारा जारी युक्तियुक्तकरण आदेश के क्रियान्वयन पर तत्काल रोक लगाने का कष्ट करेंगे।
फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने युक्तियुक्तकरण की खामियां बताते हुए कहा कि स्कूल/उच्चतर माध्यमिक के सेटअप में परिवर्तन किया जाना शिक्षा व्यवस्था के लिये घातक है। विषय अध्यापन व्यवस्था कैसे होगा? इस पर विचार किये बिना दर्ज संख्या के आधार पर शिक्षकों की पदस्थापना करने की युक्तियुक्तकरण नीति शिक्षा व्यवस्था के लिए आत्मघाती कदम है, अव्यवहारिक है। जिसके कारण न केवल वर्तमान पदस्थापना तथा भविष्य की पदोन्नति भी प्रभावित होगी। साथ ही, प्राथमिक / माध्यमिक के विद्यार्थियों को विषय/ कक्षा शिक्षक से वंचित होना पड़ेगा। प्रदेश के शिक्षकों में रोष व्याप्त है कि शिक्षा की गुणवत्ता कैसे संभव होगा। शिक्षक विहीन विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिये कक्षावार विषय शिक्षकों की उपलब्धता उचित है। लेकिन जिन विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिये विषय शिक्षक उपलब्ध हैं, उनको दर्ज संख्या के आधार पर विषय शिक्षक विहीन करने का युक्तियुक्तकरण नीति अनुचित है। अतिशेष गणना में प्रधानपाठक प्राथमिक शाला एवं माध्यमिक विद्यालय को शामिल करना पूर्णतः गलत है। पदोन्नति के पद को उसके फीडर पद के समकक्ष रखा जाना नियम विरुद्ध है। इस तरह संदर्भित आदेश शिक्षा, शिक्षक और शिक्षार्थी तीनों के लिए अहितकर है।