CG की बड़ी उपलब्धि : राज्य में स्कूली शिक्षा की बेहतरी के लिए खर्च किए जाएंगे 2500 करोड़, विश्व बैंक और केंद्र सरकार की मंजूरी...

CG की बड़ी उपलब्धि : राज्य में स्कूली शिक्षा की बेहतरी के लिए खर्च किए जाएंगे 2500 करोड़, विश्व बैंक और केंद्र सरकार की मंजूरी...

Update: 2023-09-23 13:36 GMT

CG Ki Badi Upalabdhi : रायपुर. छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षा में बेहतरी के लिए आने वाले 5 साल में 2500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. यह राशि वर्ल्ड बैंक से मिलेगी. इस संबंध में वर्ल्ड बैंक व केंद्र सरकार की मंजूरी मिल गई है. साथ ही, वर्ल्ड बैंक, केंद्र व राज्य सरकार के बीच यह परियोजना शुरू करने के लिए हस्ताक्षर भी हो गया है. इस परियोजना का नाम चाक है, जिसके अंतर्गत पूरी राशि खर्च की जाएगी. पहले चरण में 400 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जा चुका है.

राज्य में आने वाले 5 सालों में स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण काम किए जाएंगे. इसमें स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी व हिंदी माध्यम उत्कृष्ट स्कूलों की तर्ज पर नए स्कूल खोले जाएंगे. दूरदराज के गांवों में स्कूलों भवन व जरूरत के अनुसार अतिरिक्त कक्ष का निर्माण किया जाएगा. पढ़ाई के स्तर में सुधार के लिए नए कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे. खासकर उन क्षेत्रों में जहां पर पढ़ाई का स्तर कमजोर है. इसके लिए चाक परियोजना के अंतर्गत विस्तृत कार्ययोजना बनाई गई है. विश्व बैंक और केंद्र सरकार से 2500 करोड़ की परियोजना को मंजूरी मिलना बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है.

बता दें कि छत्तीसगढ़ में पिछले चार सालों में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम खोले गए हैं. यहां अमीर और गरीब दोनों ही तरह के बच्चों को निजी स्कूलों की तरह अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है. इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है. लोगों की मांग पर अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी माध्यम के भी उत्कृष्ट विद्यालय खोले गए हैं. यहां पढ़ाई के साथ-साथ स्कूली बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए किताबी और प्रैक्टिकल पढ़ाई के लिए अच्छे लैब की सुविधा है।

चाक परियोजना से मिलने वाली राशि से इन कोशिशों को आगे बढ़ाने में आसानी होगी. इसके अलावा जहां इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है, वहां बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा. पूरे प्रोजेक्ट की अवधि पांच साल की है, जिससे जरूरत के मुताबिक हर क्षेत्र में जरूरी विकास के काम किए जा सकें. इसमें अनुसूचित जाति व जनजाति बहुल क्षेत्रों के विकास पर ज्यादा फोकस किया जाएगा. साथ ही, प्राचार्य व शिक्षकों को भी बेहतर प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे नवाचार के जरिए बच्चों को बेहतर माहौल में अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराएं.

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