Relationship Tips: शादीशुदा ज़िन्दगी के ये पांच दुश्मन, इनसे हमेशा बच कर रहें...

Update: 2023-08-25 06:11 GMT

Relationship Tips : मुंबई। शादी, दो लोगों का सबसे गहरा संबंध, खुशी की कुंजी, परिवार का आधार और आखिरी सांस तक सहयोग का भरोसा... लेकिन इसी शादीशुदा ज़िन्दगी में अगर कपल में से कोई एक लगातार गलती किए जा रहा हो, कभी नासमझी में और कभी जानबूझकर तो रिलेशन को खींचना असंभव लगने लगता है। कई बार नौबत तलाक तक पहुंच जाती है या फिर शादी सिर्फ मजबूरी का नाम बनकर रह जाती है। शादी को बर्बादी के कगार पर पर पहुंचाने वाले पांच मुख्य कारणों का ज़िक्र हम यहां कर रहे हैं। देख लीजिए कहीं आप दोनों में से किसी एक से ये गलतियाँ तो नहीं हो रही? हो रही हैं तो शादी को बचाने के लिए समय रहते संभल जाइए।

० हर वक्त ताने मारना-लड़ाइयां हैं धीमा ज़हर

सभी कपल कभी न कभी लड़ते हैं। दो लोगों में मनमुटाव कोई नई बात नहीं है। जब पति- पत्नी साथ समय बिताएंगे, घर, बच्चों और फ्यूचर को लेकर प्लानिंग करेंगे तो किसी बात पर असहमति होगी ही। ऐसी असहमति और बहस ज़रूरी भी है क्योंकि इससे एक अच्छा और फायदेमंद हल निकलता है।

बल्कि कभी असहमति न होना अस्वाभाविक है जो बताता है कि आप एक-दूसरे से जुड़े ही नहीं हैं सिर्फ ज़िम्मेदारी को ढो रहे हैं।

लेकिन अगर कोई एक या दोनों पार्टनर बात-बात पर ताने मारने लगें, जब- तब लड़ाइयां होने लगें, न कोई गलती मानने को तैयार हो और न ही सुधार की कोशिश नजर आ रही हो तो मामला गंभीर हो सकता है।

लगातार होने वाली लड़ाइयां परिवार को टूटने के कगार पर ले जाती हैं। दोनों थोड़ी मैच्योरिटी दिखाएं और अपनी बिगड़ चुकी आदतों को सुधारने का प्रयास करें। समय के साथ रिश्ते में सुधार दिखेगा।

० अंतरंगता में दिलचस्पी कम होना

शादी के तुरंत बाद वाला हनीमून पीरियड ज़िंदगी भर नहीं चल सकता, यह सच है। जिम्मेदारी, व्यस्तता, उम्र, परिस्थितियां और कभी- कभी विशेष स्वास्थ्यगत समस्या के चलते भी किसी कपल की अंतरंगता में कमी आ सकती है लेकिन अगर जानबूझकर कोई एक पार्टनर दूरी बनाने की कोशिश कर रहा है, तो यह खतरे की घंटी है।

इस मुद्दे पर खुलकर बात करें। एक-दूसरे के लिए प्यार और समर्पण जताने के बहुत से तरीके हैं। जिनके लिए ढेर सारे समय की ज़रूरत नहीं है। शादीशुदा रिश्ते में रोमांस की वापसी के लिए एक-दूसरे को समय दें, समझें और कोई अड़चन है तो उसका हल निकालने का प्रयास करें।

० भावनात्मक सहयोग कम मिलना

शादी के बाद पार्टनर एक-दूसरे से भावनात्मक संबल चाहते हैं। अगर कोई एक उदास या परेशान है,बीमार महसूस कर रहा है,तो वह चाहता है कि पार्टनर उससे प्यार के दो मीठे बोल बोले। उसकी दशा को समझे और सपोर्ट करे। कभी-कभार हो सकता है कि व्यस्तता या स्थिति को न समझ पाने की वजह से पार्टनर सही रिस्पाॅन्स न दे लेकिन हर बार, साल दर साल अगर ऐसा हो तो एक पार्टनर मन से टूटने लगता है और इसी के साथ कई बार परिवार भी टूटने के कगार पर आ जाता है।

अगर दोनों में किसी से भी ये गलती हो रही है तो सावधान हो जाएं। अपने व्यवहार को समय रहते बदलें। ये भी हो सकता है कि पार्टनर आपकी इमोशनल नीड्स को न समझ पा रहा हो (ऐसा भी कई बार होता है), तो निस्संकोच अच्छे तरीके से अपनी बात रखें। बात करने से बात बनती है। साथ ही ये भी देख लें कि आपकी अपेक्षाएं कुछ ज्यादा तो नहीं हैं।

० सम्मान न करना और शारीरिक प्रताड़ना

मानसिक और शारीरिक किसी भी तरह से साथी को प्रताड़ित करना गुनाह से कम नहीं हैं। ये शादी को सजा में बदल देता है। अगर आप अपने पार्टनर को इस-उस बात का सहारा लेकर अपमानित और शर्मिंदा करने का बहाना ढूंढते हैं और ऐसा करके खुश होते हैं तो आप बहुत गलत कर रहे हैं। शादियाँ पल-पल में नहीं तोड़ी जातीं। इसलिए मजबूरी में भले ही एक पक्ष अपमान को पी रहा है तो धीरे-धीरे मन में भरता ज़हर कभी न कभी फूटेगा और इसका खामियाजा आपको भी उठाना पड़ेगा। इसलिए अकेले में या दूसरों के सामने साथी का अपमान करने से बचें।

इसी तरह शारीरिक प्रताड़ना की तो शादीशुदा ज़िन्दगी में कोई जगह होनी ही नहीं चाहिए। कपल में भले ही कभी उम्र का अंतर हो लेकिन यह रिश्ता बराबरी का है। जिसमें किसी भी एक के मन में दूसरे पर हाथ उठाने का विचार ही नहीं आना चाहिए। परस्पर सम्मान रखकर ही आप शादी को खुशनुमा बना सकते हैं।

० शक और धोखा हैं रिश्ते के सबसे बड़े दुश्मन

शादीशुदा रिश्ते के दो बड़े दुश्मन हैं पहला, अपने पार्टनर पर शक़ करना या दूसरा अपने पार्टनर से चीटिंग करना। अगर दोनों में से कोई भी एक शक्की प्रवृत्ति का है तो दूसरे के लिए सामान्य ज़िंदगी जीना भी मुश्किल हो जाता है। मर्यादा का पालन शादीशुदा रिश्ते की नींव है लेकिन हर समय सावधान रहकर व्यवहार करना भी मुश्किल है। हर छोटी बात पर अगर एक पार्टनर तफ्तीश शुरू कर दे तो दूसरे के लिए जीवन नर्क समान हो जाता है।

दूसरा, पार्टनर को धोखा देना, विवाहेत्तर संबंध रखना। अगर दोनों में से कोई भी एक ऐसा कर रहा है तो रिश्ते का खराब होना तय है। शादी का रिश्ता विश्वास पर टिका है। विश्वास टूटा, तो सिर्फ मजबूरी ही वो कारण हो सकता है, जिसके कारण रिश्ता चलता रहे। अगर बार- बार समझाने पर भी एक पार्टनर अपने अन्यत्र संबंध नहीं तोड़ता तो एक समय के बाद राहें ज़ुदा होने की संभावना बहुत ज्यादा है। परिवार और समाज में अपने रिश्ते का सम्मान बनाए रखने के लिए भी अपने पार्टनर से वफ़ादारी बेहद ज़रूरी है।

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