Indian Air Force Day 2024: जानें भारतीय वायुसेवा दिवस का इतिहास, उद्देश्य, थीम और आदर्श वाक्य, भगवद्गीता से है संबंध
भारतीय वायुसेना दिवस हर साल 8 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन इंडियन एयरफोर्स की स्थापना हुई थी। 8 अक्टूबर को भारतीय वायुसेना मनाने का उद्देश्य है- उसके योगदान और उपलब्धियों को सम्मानित करना। इंडियन एयरफोर्स डे के दिन हमारे जांबाज सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जाती है, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए खुद को कुर्बान कर दिया।
Indian Air Force Day 2024: भारतीय वायुसेना दिवस हर साल 8 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन इंडियन एयरफोर्स की स्थापना हुई थी। 8 अक्टूबर को भारतीय वायुसेना मनाने का उद्देश्य है- उसके योगदान और उपलब्धियों को सम्मानित करना। इंडियन एयरफोर्स डे के दिन हमारे जांबाज सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जाती है, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए खुद को कुर्बान कर दिया।
इस साल भारतीय वायुसेना का 92वां स्थापना दिवस
8 अक्टूबर 2024 को भारतीय वायुसेना अपना 92वां स्थापना दिवस मना रही है। इस साल की थीम है- भारतीय वायुसेना- सक्षम, सशक्त, आत्मनिर्भर। भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य नभः स्पृशं दीप्तम् है। इसका अर्थ है- गौरव के साथ आकाश को छुओ। नीला, आसमानी नीला और सफेद इसके रंग हैं। भारतीय वायुसेना का ये ध्येय वाक्य गीता के 11वें अध्याय से लिया गया है।
11वें अध्याय में जानिए कि श्रीकृष्ण ने अर्जुन को क्या उपदेश दिया
अर्जुन अपने परिजनों के खिलाफ युद्ध लड़ने से विचलित थे। तब श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में उन्हें गीता का उपदेश दिया था। युद्ध से पहले जब भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को अपना विराट रूप दिखाते हैं और तो उसे देखकर अर्जुन भयभीत हो जाते हैं। जो आदर्श वाक्य IAF ने अपनाया है, वह इस श्लोक का हिस्सा है, 'नभ:स्पृशं दीप्तमनेकवर्ण व्यात्ताननं दीप्तविशालनेत्रम्, दृष्ट्वा हि त्वां प्रव्यथितान्तरात्मा धृतिं न विन्दामि शमं च विष्णो।' इसका अर्थ है, 'हे विष्णु, आकाश को स्पर्श करने वाले, देदीप्यमान, अनेक वर्णों से युक्त एवं फैलाए हुए मुख और प्रकाशमान विशाल नेत्रों से युक्त आपको देखकर भयभीत अन्तःकरण वाला मैं धीरज और शांति नहीं पाता हूं।'
भारतीय वायुसेना की स्थापना
इंडियन एयरफोर्स (IAF) की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को ब्रिटिश शासनकाल में हुई थी। उस वक्त इसे रॉयल इंडियन एयरफोर्स कहा जाता था। इसका उद्देश्य ब्रिटिश साम्राज्य की सुरक्षा में सहयोग करना था। आजादी के बाद 1950 में इसे भारतीय वायु सेना नाम दिया गया।
पहले भारतीय चीफ थे चीफ एयर मार्शल सुब्रतो मुखर्जी
चीफ एयर मार्शल सुब्रतो मुखर्जी इंडियन एयर फोर्स के पहले भारतीय चीफ थे। साल 1965 में जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ, तो उस समय पाकिस्तान के पास अमेरिका से बेहतर फाइटर जेट्स थे, लेकिन इन सबके बावजूद वो भारतीय वायुसेना के सामने नहीं टिक सका था। इंडियन एयरफोर्स के जवानों ने पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए थे।
1999 में इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तान के छुड़ा दिए थे छक्के
1999 में भारतीय वायु सेना ने ऑपरेशन सफेद सागर चलाया था, जो विश्व में किसी भी वायु सेना द्वारा चलाया गया सबसे अनोखा हवाई ऑपरेशन था। ऑपरेशन सफेद सागर के तहत दुश्मन के ठिकानों पर हवाई हमले कर उनकी योजना को नाकाम कर दिया गया। भारतीय वायु सेना के जवानों ने अपने अदम्य साहस का परिचय दिया और युद्ध को भारत की विजय में बदल दिया।
भारत का सबसे ऊंचा वायुसेना स्टेशन सियाचिन ग्लेशियर पर
भारत का सबसे ऊंचा वायुसेना स्टेशन हिमालय में समुद्र तल से 22,000 फीट की ऊंचाई पर सियाचिन ग्लेशियर पर स्थित है। बता दें कि एयर मार्शल पद्मावती बंदोपाध्याय 3-स्टार रैंक पर पदोन्नत होने वाली एकमात्र महिला भारतीय वायुसेना अधिकारी हैं।
गाजियाबाद में स्थित हिंडन एयरबेस पर होता है मुख्य समारोह
इंडियन एयरफोर्स डे पर परेड, एयर शो और हमारी वायुसेना की ताकत को दिखाने वाली प्रदर्शनियों और करतबों का आयोजन किया जाता है। मुख्य समारोह दिल्ली के पास गाजियाबाद में स्थित हिंडन एयरबेस पर होता है। यहां देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत अन्य महत्वपूर्ण गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में वायु सेना के विमान हवाई करतब दिखाते हैं।
इंडियन एयरफोर्स के पास आधुनिक लड़ाकू विमान
पिछले कुछ सालों में भारतीय वायु सेना ने राफेल और सुखोई-30 जैसे आधुनिक लड़ाकू विमानों को शामिल किया है। इसके अलावा स्वदेशी विकसित हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस को भी अपने वायु बेड़े में शामिल किया है।
भारतीय वायुसेना के पास 259 Su-30MKI का बेड़ा है, जिनमें से 272 का अनुबंध रूस से लाइसेंस के तहत भारत में किया गया है। बेड़े के लंबे समय से लंबित उन्नयन को अब 84 जेट विमानों के साथ क्रियान्वित किया जा रहा है, जिन्हें HAL द्वारा 15 वर्षों में शुरू में उन्नत किया जाएगा। एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने पहले कहा था कि 84 जेट विमानों में 78% स्वदेशी सामग्री के साथ 51 प्रणालियों का उन्नयन होगा। Su-30 निकट भविष्य में भारतीय वायुसेना की लड़ाकू शक्ति का एक बड़ा हिस्सा बनेंगे और 2055 के बाद भी सेवा में बने रहेंगे।