CEO क्रेडा राजेश सिंह राणा का औचक निरीक्षण: सौर संयंत्रों की गुणवत्ता पर जीरो टॉलरेंस, लापरवाही पर अधिकारियों को नोटिस
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने की जिम्मेदारी क्रेडा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजेश सिंह राणा निभा रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने 17 जून 2025 को रायपुर संभाग के बलौदाबाजार, जांजगीर-चांपा और बिलासपुर जिलों के विभिन्न ग्रामों में सोलर संयंत्रों का औचक निरीक्षण किया।
रायपुर: राज्य सरकार एवं भारत सरकार की सौर ऊर्जा आधारित योजनाओं का लाभ आम नागरिकों तक पहुंचाने के लिए कार्यरत छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) द्वारा इन योजनाओं के क्रियान्वयन को उत्कृष्ट गुणवत्ता के साथ सुनिश्चित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने की जिम्मेदारी क्रेडा के CEO राजेश सिंह राणा निभा रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने 17 जून 2025 को रायपुर संभाग के बलौदाबाजार, जांजगीर-चांपा और बिलासपुर जिलों के विभिन्न ग्रामों में सोलर संयंत्रों का औचक निरीक्षण किया।
पाइपलाइन सुधार के निर्देश
निरीक्षण की शुरुआत बलौदाबाजार जिले के कहुवाडीह गांव से हुई, जहां जल जीवन मिशन के तहत सोलर पेयजल संयंत्र का निरीक्षण किया गया। संयंत्र कार्यशील पाया गया, लेकिन ग्रामीणों ने शिकायत की कि केवल 15-20 घरों तक ही जल आपूर्ति हो रही है। इस पर CEO राजेश सिंह राणा ने तत्काल पीएचई विभाग से समन्वय कर पाइपलाइन सुधार कार्य कराने के निर्देश दिए। इसके पश्चात कसडोल ब्लॉक के दर्रा गांव में भी जल जीवन मिशन के तहत स्थापित संयंत्र की जांच की गई, जहां भी सीमित घरों तक ही पानी पहुंचने की बात सामने आई। यहां भी सीईओ क्रेडा ने तत्परता दिखाते हुए तत्काल पाइपलाइन सुधार के निर्देश जारी किए।
"सौर समाधान" ऐप के प्रचार-प्रसार के निर्देश
इसी ब्लॉक के बैंगन डबरी गांव में सौर सुजला योजना के तहत जमुना महिलांगे के यहां लगाए गए 3 एचपी सबमर्सिबल पंप की जांच की गई। हितग्राही ने बताया कि संयंत्र सुचारू रूप से कार्य कर रहा है, और समस्या आने पर वह "सौर समाधान" ऐप का उपयोग कर शिकायत दर्ज कर सकता है। इस पर राणा ने ऐप के अधिक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए।
सीईओ ने दी चेतावनी
ग्राम हंसुआ में भी सौर सुजला योजना के तहत प्रहलाद साहू के यहां संयंत्र का निरीक्षण हुआ जो कार्यशील पाया गया। लेकिन निरीक्षण के दौरान कई संयंत्रों में परियोजना से संबंधित स्टीकर न होने पर सीईओ ने नाराजगी जताते हुए संबंधित अधिकारियों और टेक्नीशियन को नोटिस जारी करने तथा अनुबंध समाप्त करने की चेतावनी दी।
सीईओ का जताया आभार
जांजगीर-चांपा जिले के मेहंदी गांव में स्थापित संयंत्र कार्यशील तो था लेकिन जल आपूर्ति नहीं हो रही थी। ग्रामीणों से बातचीत के बाद राणा ने उनकी समस्याओं की जानकारी लेकर समाधान हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए। इसी जिले के पामगढ़ और मूलमूला गांव में भी निरीक्षण किया गया। पामगढ़ में संयंत्र से गांव वालों को पूर्ण लाभ मिल रहा था, जबकि मूलमूला में पाइपलाइन अधूरी होने के कारण समस्या बनी हुई थी। ग्राम मेऊ के आयुष अस्पताल में स्थापित 2.4 किलोवाट के ऑफ-ग्रिड सौर संयंत्र की जांच में पाया गया कि मेडिकल उपकरण निर्बाध रूप से सौर ऊर्जा से संचालित हो रहे हैं। अस्पताल स्टाफ ने क्रेडा के कार्यों की सराहना करते हुए सीईओ का आभार जताया।
जारी की गई नोटिस
निरीक्षण के दौरान दो संयंत्रों में गेट क्षतिग्रस्त होने और पानी खुले में बहने की शिकायत पर कड़ी नाराजगी जताते हुए जांजगीर-चांपा के जिला प्रभारी को कारण बताओ नोटिस, विकासखंड प्रभारी को निलंबन हेतु नोटिस और क्लस्टर टेक्नीशियन को अनुबंध समाप्ति की चेतावनी दी गई।
तकनीकी पहलुओं पर चर्चा
इसके पश्चात बिलासपुर जिले के हिर्री खदान में स्थापित किए जा रहे 500 किलोवाट ऑन-ग्रिड संयंत्र का निरीक्षण कर 25 दिन में गुणवत्तापूर्ण कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। साथ ही रियल टाइम जनरेशन रिपोर्ट की जानकारी लेकर तकनीकी पहलुओं पर चर्चा की गई।
सुधार के दिए निर्देश
इन्द्रापुरी गांव में वाटर लेवल कम होने के कारण संयंत्र अकार्यशील पाया गया, जिस पर त्वरित सुधार के निर्देश दिए गए। निरीक्षण के उपरांत सीईओ क्रेडा ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल जीवन मिशन, सौर सुजला, सोलर हाईमास्ट एवं अन्य योजनाओं के तहत कार्यों में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। स्थल निरीक्षण कर समयबद्ध और मानक के अनुरूप कार्य पूर्ण किए जाएं। इस प्रकार राणा द्वारा किए गए निरीक्षण ने यह स्पष्ट कर दिया कि क्रेडा राज्य में अक्षय ऊर्जा योजनाओं को जन-हितकारी और पारदर्शी रूप में लागू करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।