2 से अधिक बच्चे वालों की बढ़ेगी मुश्किलें, सुविधाओं में होगी कटौती ….. राज्य सरकार जनसंख्या नियंत्रण पर कानून लाएगी…. कई सख्त पाबंदियों पर हो रहा है विचार

Update: 2021-06-20 08:33 GMT

लखनऊ 20 जून 2021। जनसंख्या के लिहाज से देश की सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में अब 2 से अधिक बच्चे वाले अभिभावकों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. ‘हम दो हमारे दो’ और ‘बच्चे दो ही अच्छे’ वाली सोच को सरकार अब कानूनी शक्ल दे सकती ​है. राज्य विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून का मसौदा बनाना शुरू कर दिया है. राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदित्यनाथ मित्तल ने इसकी जानकारी दी.

जनसंख्या नियंत्रण पर कानून बनने के बाद उत्तर प्रदेश में अब 2 से अधिक बच्चों के माता-पिता को आने वाले समय में सरकारी सुविधाओं और सब्सिडी से वंचित होना पड़ सकता है. बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाना शुरू कर दिया है. माना जा रहा है कि विधि आयोग अगले 2 महीने में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप देगा. आयोग ने मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत अन्य राज्यों में लागू कानूनों का अध्ययन करना शुरू कर दिया है. मिल रही जानकारी के अनुसार इस नए कानून से दो से अधिक बच्चे के माता-पिता को सरकारी सुविधाओं या मिलने वाली सब्सिडी में कटौती पर विचार किया जा रहा है.

सरकारी नौकरी में भी कटौती पर राज्य विधि आयोग कर रहा है विचार
आयोग इस पर मंथन करेगा कि दो से अधिक बच्चों वाले अभिभावकों के लिए सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाली सुविधाओं में कितनी कटौती की जाए. फिलहाल राशन व अन्य सब्सिडी में कटौती के विभिन्न पहलुओं पर विचार शुरू कर दिया गया है. राज्य में इस कानून के दायरे में अभिभावकों को किस समय सीमा के तहत लाया जाएगा और उनके लिए सरकारी सुविधाओं के अलावा सरकारी नौकरी में क्या व्यवस्था होगी, ऐसे कई बि‍ंदु भी बेहद अहम होंगे.

आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एएन मित्तल का कहना है कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर राजस्थान व मध्य प्रदेश में लागू कानूनों का अध्ययन शुरू कर किया गया है. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने भी राज्य में बहुत जल्द जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की बात कह दी है. यूपी विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायूमूर्ति एएन मित्तल ने कहा कि बेरोजगारी व भुखमरी समेत अन्य पहलुओं को ध्यान में रखकर विभिन्न बि‍ंदुओं पर विचार के आधार पर जनसंख्या नियंत्रण कानून का ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा.

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