Bilaspur News: प्रिंसिपल की घिनौनी हरकत, इसलिए मिली मौत की सजा... जिसने भी सुना रह गए अवाक
इस घटना को पढ़कर आपको भी यकीन नहीं होगा कि विद्यालय में बच्चों को नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाला कोई शिक्षक ऐसी हरकत भी कर सकता है क्या। इस प्रिंसिपल ने जो कुछ किया वह ना केवल सभ्य समाज के लिए स्वीकार्य है और ना ही इस तरह की घटना को सहज ढंग से लिया जा सकता है। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक प्रिंसिपल की हत्या कर दी गई। पुलिस ने जब गुत्थी सुलझाई तब वह भी अवाक रह गई। दरअसल यह मामला है भी ऐसा ही है। पढ़िए हत्यारे की जुबानी, किसलिए एक प्राचार्य को मौत के घाट उतर दिया और उसके बाद क्या कर रहा था।
Bilaspur News: इंचार्ज प्रिंसिपल के हत्या के मामले में जब पुलिस ने खोजबीन पूरी कर ली और हत्यारे को पकड़ने के बाद जब कारण पूछा तो पुलिस के अफसर से लेकर जवान सभी अवाक और भाैचक रह गए। दरअसल प्रभारी प्राचार्य ने 24 साल के एक युवक को पहले शराब पिलाई। शराब के नशे में जब युवक धुत हो गया तब उसने उसके साथ जो किया वह वाकई चौंकाने वाला था। युवक को जब होश आया तब उसे इस बात की जानकारी लगी। वह तैश में आ गया और मारे गुस्से के उसके सिर पर कमरे में रखा रोटी बनाने का तवा दे मारा। मौके पर ही प्रभारी प्राचार्य की मौत हो गई। प्राचार्य का मोटर साइकिल लेकर वह फरार हो गया।
हत्या के बाद युवक की नाराजगी और गुस्सा कम नहीं हुआ। उसने प्राचार्य की पीठ पर उनकी प्राचार्य वाली सील से चार– पांच बार मुहर लगा दी फिर उन्हीं की बाइक से फरार हो गया। दरअसल प्राचार्य ने युवक के साथ अप्राकृतिक कृत्य किया था। हत्या के बाद पुलिस से बचने के लिए पहचान छुपाने आरोपी ने सिर मुंडा लिया था । आरोपी डोंगरगढ़ में माता के दर्शन करने के बाद महाराष्ट्र भागने की फिराक में था। जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान पुलिस ने 300 के करीब सीसीटीवी कैमरे से पड़ताल भी की थी। मामला बिलासपुर के सरकंडा थाना क्षेत्र के चिल्हाटी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी का है।
0 क्या है मामला
जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा ब्लाक के ग्राम डोंगरी में प्रभारी प्राचार्य के पद पर 42 वर्षीय मनोज चंद्राकर पदस्थ थे। उनका 14 साल का बेटा और 9 साल की बेटी है। वे बिलासपुर के मोपका चौकी अंतर्गत हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी चिल्हाटी के मकान क्रमांक 39 में किराया लेकर दो माह से रह रहे थे। शीतकालीन अवकाश में पत्नी व बच्चों को बलौदा ब्लाक के गृहग्राम बिरगहनी में छोड़ा दिया था। बिरगहनी प्रभारी प्राचार्य का पैतृक गांव है। यहां से प्रभारी प्राचार्य बैंक संबंधी काम बताकर 22 दिसंबर को बिलासपुर आ गया। 24 दिसंबर की शाम तक पत्नी से उनकी बात हुई फिर उन्होंने फोन उठाना बंद कर दिया। परेशान पत्नी अपने भाई को लेकर 26 दिसंबर को चिल्हाटी स्थित हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के मकान पहुंची। इस दौरान मनोज चंद्राकर का निर्वस्त्र अवस्था में खून से सना शव मिला। प्राचार्य मनोज चंद्राकर के कान के पास से खून बह रहा था और पास ही तवा पड़ा था जिसमें खून के छींटे थे। मृतक के साले की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और फोरेंसिक तथा फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट को बुलवाकर जांच शुरू करवाई।
0 सीसीटीवी कैमरे से मिली जानकारी
सीसीटीवी कैमरे से जब पुलिस ने जांच शुरू की तब एक युवक प्रभारी प्राचार्य की बाइक लेकर रेलवे स्टेशन की ओर जाते दिखा पर युवक का चेहरा सीसीटीवी फुटेज में स्पष्ट नहीं हो सका। तकनीकी जांच में पहले आरोपी का मोबाइल बंद मिला फिर वह शिवनाथ एक्सप्रेस से डोंगरगढ़ की ओर जाने की जानकारी मिली। पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने तत्काल टीम रवाना करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इसके बाद पुलिस के जवान डोंगरगढ़ रवाना हो गए। पहले भाटापारा और दुर्गा के पुलिस वालों को भी आरोपी को पकड़ने हेतु जानकारी दी गई। पर आरोपी उनकी पहुंच से बाहर निकल गया। फिर बिलासपुर पुलिस ने डोंगरगढ़ पहुंचकर आरोपी हरीश कुमार पैकरा पिता अधीन पैकरा उम्र 24 वर्ष निवासी सुभाष तालाप के पास ग्राम खम्हारडीह थाना लवन जिला बलौदा बाजार को गिरफ्तार कर लिया।
फौज में जाने की कर रहा था तैयारी,घर से भाग कर आया था आरोपी
आरोपी हरीश पैकरा का बड़ा भाई फौज में है। आरोपी भी भाई की तरह फौज में जाने के लिए तैयारी कर रहा था। उसका भाई छुट्टी पर घर आया हुआ है। भाई को कोई काम नहीं करने और निठल्ला होने का ताना दिया था। ताने से नाराज होकर हरीश पैकरा घर छोड़कर 23 दिसंबर को ट्रेन से बिलासपुर आ गया। किसी काम से प्रभारी प्राचार्य मनोज चंद्राकर भी स्टेशन गया था। यहां हरीश और मनोज चंद्राकर की जान–पहचान हुई। इस दौरान हरीश ने घर से भागने की अपनी आप-बीती प्राचार्य को बताई और अब बिलासपुर स्टेशन में ही रहने की बात कही। प्रभारी प्राचार्य मनोज चंद्राकर ने उसे अपने साथ घर चल कर रह लेने की बात कही। पर हरीश ने मना कर दिया। तब मनोज चंद्राकर उसका नंबर लेकर वापस आ गया।
0 इसलिए कर दी हत्या, पीठ पर गोद दिया सील
दूसरे दिन प्रभारी प्राचार्य मनोज चंद्राकर फिर से स्टेशन पहुंचा और हरीश पैकरा से मुलाकात कर उसे शराब और मुर्गा पार्टी करने के लिए अपने घर चलने की बात कही। हरीश उनकी बात मानकर उनकी बाइक में बैठ पार्टी मनाने प्रभारी प्राचार्य के घर आ गया। यहां दारू मुर्गा पार्टी के दौरान प्रभारी प्राचार्य ने हरीश को नशे में धुत कर दिया। फिर उसके साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाया। नशे में धुत होने की वजह से हरीश उस वक्त तो ज्यादा विरोध नहीं कर सका। पर जब उसका नशा फटा तो नाराजगी में उसने किचन से तवा निकाल प्राचार्य पर ताबड़तोड़ हमला कर मौत के घाट उतार दिया। हत्या के बाद आरोपी इतने गुस्से में था कि उसने प्रभारी प्राचार्य की सील से मृतक प्रभारी प्राचार्य के पीठ पर चार से पांच जगह मुहर लगा दी।
0 दोस्त को दी हत्या की जानकारी
हत्या को बाद आरोपी हरीश पैकरा प्रभारी प्राचार्य की बाइक लेकर ही स्टेशन पर फरार हो गया। यहां ट्रेन से दुर्ग चला गया। इस दौरान आरोपी ने रायपुर में रहने वाले अपने एक दोस्त को घटनाक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि उसने मनोज चंद्राकर की हत्या कर दी है। हत्या का कारण भी उसने बताया। आज उसे ज्यूडिशियल रिमांड में कोर्ट में पेश किया जाएगा।