पेंशनर, अधिकारी व कर्मचारियों की दिवाली हुई फीकी... सरकार कर्मचारी हितों के प्रति उदासीन...
महँगाई भत्ता नही मिलने से प्रदेश के कर्मचारी है हताश निराश और आक्रोशित
रायपुर 3 नवम्बर 2021। कर्मचारी हितों के प्रति राज्य सरकार के उदासीन रवैये व उपेक्षापूर्ण व्यवहार ने राज्य शासन के कर्मचारियों के साथ ही पेंशनरों की भी दीवाली फीकी कर दी है। कर्मचारियों व पेंशनरों को उम्मीद थी कि दीपावली पर शासन महंगाई भत्ते घोषणा करेगी, परन्तु शासन द्वारा महंगाई भत्ते से सम्बंधित किसी भी प्रकार का बयान अथवा आदेश जारी नही किया गया है । कमर तोड़ महंगाई के चलते कर्मचारियों के घरों का बजट बिगड़ गया है घर चलना कठिन हो गया है।
वतर्मान में केंद्र के कर्मचारियों से राज्य के कर्मचारी 14% कम महंगाई भत्ता प्राप्त कर रहे हैं साथ ही पेंशनरो का महंगाई राहत केंद्र के मुकाबले 19% कम है, जुलाई में जारी 5% महंगाई राहत भी पेंशनरों को नही दिया गया।
प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने बताया कि वर्तमान सरकार के अस्तित्व में आने बाद से कर्मचारियों को दो बार एवं पेंशनरों को केवल एक बार महंगाई भत्ता प्रदान किया है जो कर्मचारियों के साथ कुठाराघात है।
वीरेंद्र दुबे ने आगे बताया कि राज्य शासन द्वारा महंगाई भत्ते की किस्त जारी नही होने से प्रदेश के कर्मचारी अधिकारी निराश,हताश और आक्रोशित है.
महंगाई भत्ता कर्मचारियों का अधिकार है उसे समय समय पर शासन को जारी करना चाहिए। पुरवर्ती सरकारो की भांति महंगाई भत्ता केंद्र के महंगाई भत्ते से सामान प्रदान किया जाना चाहिए।
प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा ने बताया कि राज्य शासन द्वारा सभी राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय मंचों में छत्तीसगढ़ की बढ़ती अर्थव्यवस्था का हवाला दिया जाता है, कोविड के दौरान भी छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को मजबूत बताया गया जबकि पेंशनरों तक को महंगाई भत्ता प्रदान नही किया गया है।
एक तरफ राज्य उत्सव जैसे बड़े कार्यक्रम में राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों से मंच सजा हुआ था, पूरा प्रदेश राज्य उत्सव का लुफ्त उठा रहा था वहीं दूसरी ओर प्रदेश के कर्मचारी व पेंशनरमहंगाई भत्ते के लिए तरस रहे हैं। शालेय शिक्षक संघ शासन से मांग करता है कि कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त 14% एवं पेंशनरों के लिए 19% महंगाई भत्ता के आदेश जारी करे।