हिस्सेदारी ले लो... LIC के बाद इन सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में केंद्र सरकार, 65 हजार करोड़ जुटाने का लक्ष्य

केंद्र सरकार विनिवेश के मोर्चे पर चुनौतियों का सामना कर रही है। इस वजह से कंपनियों के शेयर बेचने की योजना पर चल रहा है काम।

Update: 2022-05-25 10:31 GMT

NPG डेस्क, 25 मई 2022। सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी के बाद अब केंद्र सरकार कुछ और सरकारी कंपनियों के शेयर बेचने की तैयारी में है। इसकी प्रक्रिया चल रही है। इसके जरिए केंद्र सरकार इस वित्तीय वर्ष में 65 हजार करोड़ जुटाने के लक्ष्य पर काम कर रही है। खबर है कि केंद्र सरकार द्वारा गठित आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने हिंदुस्तान जिंक की पूरी हिस्सेदारी बेचने की मंजूरी दे दी है। ऐसा होता है तो अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता के पास सबसे बड़ी हिस्सेदारी होगी। फिलहाल वेदांता की हिस्सेदारी 64.92 फीसदी है। इस डील से केंद्र सरकार को 36 हजार करोड़ मिलने की उम्मीद है।

इन कंपनियों के शेयर बेचने पर चल रहा काम

एलआईसी और हिंदुस्तान जिंक ही नहीं, बल्कि आईटीसी, पवन हंस, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया और आईडीबीआई जैसी कंपनियों के विनिवेश की तैयारी चल रही है। आईटीसी में केंद्र सरकार की 7.91 फीसदी की हिस्सेदारी है। इसके शेयर बेचने की प्रक्रिया सितंबर तक पूरी होने की बात कही जा रही है। हाल ही में एलआईसी आईपीओ के जरिए केंद्र को 20560 करोड़ मिले हैं। हाल ही में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड का विनिवेश रोका पड़ा था।

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