17 करोड़ के आदिवासी नृत्य महोत्सव में सरकारी खजाने से एक पैसा नहीं, पढ़िये किस पब्लिक और प्रायवेट सेक्टर ने कितना पैसा दिया
Not a single penny from the government treasury in the 17 crore tribal dance festival, read which public and private sector gave how much money
NPG.NEWS
रायपुर, 27 अक्टूबर 2021। 28 अक्टूबर से शुरू होेने जा रहे भव्य आदिवासी नृत्य महोत्सव के लिए अहम बात यह है कि इसमें सरकारी खजाने से एक पैसा नहीं लग रहा। पब्लिक और प्रायवेट सेक्टर मिलकर पूरा खर्च उठा ले रहे। सरकारी और प्रायवेट कंपनियों ने इंडस्ट्री डिपार्टमेंट को जितनी राशि की सहमति भेजी है, महोत्सव में उतना ही खर्च बैठना है।
खबर है, सबसे अधिक पैसा देश की सबसे बड़ी सरकारी माईनिंग कंपनी एनएमडीसी देगा। 2019 के आदिवासी नृत्य महोत्सव में भी एनएमडीसी ने सात करोड़ रुपए दिया था।
भिलाई स्टील प्लांट ने आज खुद से पहल करते हुए एक करोड़ का चेक उद्योग विभाग को भेज दिया। कोल इंडिया की सबसे बड़ी कंपनी एसईसीएल भी महोत्सव के लिए एक करोड़ दे रही है। बालको का हायर मैनेजमेंट ने एक करोड़ स्वीकृत कर दिया है। बालको कुछ बढ़ा सकता है। एनटीपीसी ने 50 लाख का एप्रूवल दे दिया है। उद्योग विभाग के अधिकारियों का कहना है, एनटीपीसी का चेक भी दो-चार रोज में आज जाएगा।
एनएमडीसी ने सीएसआर में खर्च करने में अपना हाथ उपर रखा हुआ है। इसी महीने कंपनी के सीएमडी सुमित देब ने कंपनी की मीटिंग में घोषणा की थी कि इस वित्तीय वर्ष में एनएमडीसी बस्तर के विकास में सवा सौ करोड़ रुपए खर्च करेगी। कंपनी पिछले 10 साल में 12 सौ करोड़ रुपए बस्तर के विकास में खर्च कर चुकी है। बस्तर में जो भी डेवलपमेंट हुआ है, उसमें एनएमडीसी की भूमिका हैं। वो चाहे जगदलपुर मेडिकल कॉलेज बिल्डिंग हो या दंतेवाड़ा का एजुकेशन सिटी। बस्तर कें स्कूल और अस्पताल में भी एनएमडीसी की महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसमें भी अच्छी बात यह है कि कुल सीएसआर का 65 फीसदी हिस्सा वह शिक्षा में खर्व कर रहा। बस्तर में शिक्षा पर एनएमडीसी हर साल करीब 64 करोड़ खर्च करता है।