नवा रायपुर बनेगा पीपल सिटी: हर जगह दिखेगा पीपल का पेड़, अमित शाह ने "पीपुल फॉर पीपल", का किया आरंभ

Update: 2024-08-25 16:40 GMT

रायपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नवा रायपुर में निर्माणाधीन नवीन विधानसभा परिसर में ‘‘पीपुल फॉर पीपल’’ अभियान का शुभारंभ किया। इस अभियान का उद्देश्य नवा रायपुर को पीपल सिटी के रूप में विकसित करना है, जहां हर जगह पीपल का पेड़ देखने को मिलेगा। वित्त, आवास और पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि आने वाले दिनों में नवा रायपुर में कहीं भी जाएं पीपल का पेड़ जरूर नजर आएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक पेड़ मां के नाम’’ अभियान से प्रेरित होकर नवा रायपुर में एक लाख से अधिक स्थानीय प्रजाति के बड़े पेड़ लगाए जा रहे हैं। वर्तमान में 20,000 से अधिक केवल पीपल के वृक्ष रोपे जा चुके हैं। श्रीमद भगवद्गीता में भगवान श्री कृष्ण ने पीपल को ‘‘वृक्षों में मैं पीपल हूं’’ के रूप में मान्यता दी है, और यह 100 वर्षों से अधिक जीवनदायिनी वायु प्रदान करता है। मोबाइल एप के माध्यम से वर्चुअल एडॉप्शन की सुविधा प्रदान की गई है, जिसमें 2000 से अधिक लोग शामिल हो चुके हैं।

स्मार्ट सिटी योजनाओं के तहत 204.84 करोड़ रुपए के विकास परियोजनाओं का लोकार्पण

अमित शाह ने स्मार्ट सिटी योजना के तहत 204.84 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। नवा रायपुर अटल नगर में 75 करोड़ रुपये की लागत से एक रेलवे स्टेशन का निर्माण पूरा हुआ है, जो शहर की कनेक्टिविटी को सुधारने में मदद करेगा।

स्मार्ट सड़कें और पार्किंग

 35.25 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 5.3 किलोमीटर स्मार्ट सड़कें बनाई गई हैं और 23.12 करोड़ रुपये की लागत से 100 बस, 148 कार, टैक्सी और 250 दोपहिया वाहनों की पार्किंग की सुविधाएं विकसित की गई हैं।

विश्वस्तरीय स्मार्ट स्कूल

राखी गांव में 18 करोड़ रुपये की लागत से एक हायर सेकंडरी स्मार्ट स्कूल का निर्माण किया गया है, जो 1200 से अधिक बच्चों को विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त, आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों के लिए 11 करोड़ रुपये की लागत से एक और स्कूल तैयार किया गया है, जिसमें 950 विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। नवा रायपुर अटल नगर के 11 गांवों में 10.35 करोड़ रुपये की लागत से प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों का उन्नयन किया गया है, जिससे लगभग 4300 बच्चों को बेहतर शिक्षा का अवसर मिलेगा।

भू-संवर्धन और वृक्षारोपण

जल संवर्धन और वृक्षारोपण के लिए 32.12 करोड़ रुपये की लागत से परियोजनाओं का कार्य शुरू किया गया है। इसमें 16 करोड़ रुपये की लागत से जल निकायों, नालों और तालाबों का पुनर्जीवित किया गया है, जबकि 16.12 करोड़ रुपये की लागत से वर्षा जल की प्राकृतिक धाराओं को विकसित करने और नए तालाबों के निर्माण के साथ वृक्षारोपण का कार्य किया गया है।

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