ICICI Bank Hikes Minimum Savings Account Balance: ICICI Bank का बड़ा झटका! अब Savings Account में रखना होगा ₹50,000, वरना लगेगा भारी चार्ज

ICICI Bank Hikes Minimum Savings Account Balance: आईसीआईसीआई बैंक प्राइवेट सेक्टर का बड़ा बैंक माना जाता है लेकिन अब लगता है कि बैंक द्वारा आम लोगों के लिए दरवाजे बंद किए जा रहे हैं। क्योंकि बैंक ने मिनिमम बैलेंस में पांच गुना वृद्धि की है और बैंक ने इस भारी भरकम वृद्धि का कारण भी नहीं बताया है। बैंक ने शहरी इलाकों में बचत बैंक खाताघारकों के लिए न्यूनतम बैलेंस को बढ़ाया है। एक सप्ताह पहले तक इसकी राशी 10 हजार रूपए तक थी लेकिन अब इसे बढ़ाकर 50 हजार रूपए कर दिया गया है। ऐसा न करने पर आपको पैनल्‍टी चुकानी होगी।

Update: 2025-08-09 06:57 GMT

ICICI Bank Hikes Minimum Savings Account Balance: आईसीआईसीआई बैंक प्राइवेट सेक्टर का बड़ा बैंक माना जाता है लेकिन अब लगता है कि बैंक द्वारा आम लोगों के लिए दरवाजे बंद किए जा रहे हैं। क्योंकि बैंक ने मिनिमम बैलेंस में पांच गुना वृद्धि की है और बैंक ने इस भारी भरकम वृद्धि का कारण भी नहीं बताया है। बैंक ने शहरी इलाकों में बचत बैंक खाताघारकों के लिए न्यूनतम बैलेंस को बढ़ाया है। एक सप्ताह पहले तक इसकी राशी 10 हजार रूपए तक थी लेकिन अब इसे बढ़ाकर 50 हजार रूपए कर दिया गया है। ऐसा न करने पर आपको पैनल्‍टी चुकानी होगी।

आरबीआई के दिशा-निर्देशों के मुताबिक प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खोले गए खाते में न्यूनतम बैंलेंस की अनिवार्यता नहीं होती। इतना ही नहीं केंद्रीय बैंक ने 1 जुलाई 2015 को कस्टमर सर्विस इन बैंक्स संबंधित सर्कुलर जारी किया था जिसके अनुसार बैंक अपने अनुसार शुल्क निर्धारित कर सकते हैं लेकिन शुल्क वाजिब होना चाहिए और सेवाओं को प्रदान करने की औसत लागत से अधिक नहीं होनी चाहिए।

इधऱ ICICI बैंक ने अपने सेविंग अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज को कम कर दिया है यह कटौती 0.25 प्रतिशत की है। यानी जिन ग्राहको के बचत खाते में 50 लाख रूपए तक की राशि जमा है उन्हे भी कम ब्याज मिलेगा। ऐसे खाताधारकों को पहले 3 प्रतिशत का ब्याज मिलता था पर अब उन्हे 2.75 प्रतिशत का सालाना ब्याज मिलेगा। जिन खातों में 50 लाख रूपए से ज्यादा की राशि जमा है उन पर 3.50 प्रतिशत तक का ब्याज मिलता था जो अब घटकर 3.25 प्रतिशत हो गया है।

कटौती की क्या है वजह-

विशेषज्ञों का ये मानना है कि बैंक द्वारा ब्याज की दरों में की जाने वाली कटौती आरबीआई की नीतियों का ही परिणाम है। जब आरबीआई बैंकों को कम ब्याज दर पर पैसे देता है तो बैंक भी ग्राहकों को कम ब्याज देते हैं। जो लोग अपने बचत को सेविंग अकाउंट में रखते हैं और ब्याज से ही कमाई करते हैं उन पर इसका ज्यादा असर होगा।

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