कोरोना के देवदूत की कोरोना से ही मौत : सैंकड़ों कोरोना मरीज को अस्पताल दाखिल और सैकड़ों शवों का दाह संस्कार कराया…….अब एम्बुलेंस ड्राइवर आरिफ की कोविड से ही हुई मौत…. उपराष्ट्रपति सहित कई दिग्गजों ने जताया शोक

Update: 2020-10-11 01:26 GMT

नयी दिल्ली 11 अक्टूबर 2020। कोरना संकट में देवदूत बनकर सेवा में जुटे एंबुलेंस ड्राइवर आरिफ अब इस दुनिया में नहीं है। अब तक सैकडों कोरोना मरीज को अस्पताल पहुंचाने वाले और 100 से ज्यादा कोरोना से मृत हुए लोगों के अंत्योष्ठि करने वाले आरिफ खान की कोरोना से ही मौत हो गयी। आरिफ की मौत पर कई दिग्गजों ने शोक संवेदनाएं प्रकट की है। खुद उपराष्ट्रपति वैकेया नायडू ने एंबुलेंस ड्राइवर आरिफ की मौत पर दुख जताया है।

दिल्‍ली के सीलमपुर इलाके में रहने वाले आरिफ खान ने अपनी जान जोखिम में डालकर 200 से ज्यादा मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाया और 100 से अधिक शवों को अंत्येष्टि के लिए श्मशान पहुंचाया. कोरोना महामारी ने एक जिंदादिल वॉरियर की जान ले ली. कोरोना वायरस से संक्रमित आरिफ खान का शनिवार की सुबह निधन हो गया. उनका उपचार हिंदूराव अस्पताल में चल रहा था.

आरिफ के निधन पर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शोक व्यक्त किया है. बताया जाता है कि आरिफ खान पिछले 25 साल से शहीद भगत सिंह सेवा दल के साथ जुड़े थे. वह फ्री में एम्बुलेंस की सेवा मुहैया कराने का काम करते थे. 21 मार्च से आरिफ खान कोरोना के मरीजों को उनके घर से अस्पताल और आइसोलेशन सेंटर तक ले जाने का काम कर रहे थे. बताया जाता है कि आरिफ की तबीयत 3 अक्टूबर को खराब हुई थी. तब भी वह कोरोना संक्रमित को लेकर अस्पताल जा रहे थे.

आरिफ ने तबीयत बिगड़ने पर कोरोना टेस्ट कराया. रिपोर्ट पॉजिटिव आई. परिजनों के मुताबिक जिस दिन उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, उसी दिन उनका निधन हो गया. वे परिवार में कमाने वाले इकलौते सदस्य थे. जितेंद्र सिंह शंटी ने आरिफ को असली कोरोना वॉरियर बताते हुए सरकार से एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग की है.

 

 

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