डीजीपी चयन पर विवाद : सीनियर IPS ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका….7 नामों के पैनल में जूनियर अफसरों को शामिल करने पर उठाया सवाल….ये 7 अफसर हैं DGP की दौड़ में, जिनका पैनल भेजा गया है केंद्र को

Update: 2020-01-26 13:51 GMT

लखनऊ 26 जनवरी 2020। यूपी पुलिस चीफ के चयन होने से पहले ही ब्योरोक्रेसी में बवाल मच गया है। डीजीपी चयन प्रक्रिया को हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी है। ये याचिका IPS जेएल त्रिपाठी ने दायर की है, जिनका आरोप है कि राज्य सरकार ने पक्षपात कर जूनियर अफसर के नाम पैनल में शामिल कर दिये, जबकि उन्हें अलग कर दिया गया।

दरअसर यूपी सरकार के मौजूदा डीजीपी ओपी सिंह 31 जनवरी को रिटायर हो रहे हैं। उनकी जगह पर नये डीजीपी की नियुक्ति को लेकर योगी सरकार ने यूपीएससी को 7 IPS के नामों का पैनल भेजा है, लेकिन 1986 बैच के जेएल त्रिपाठी पैनल में शामिल नहीं है। हालांकि ग्रेडेशन लिस्ट में त्रिपाठी राज्य के तीसरे सबसे सीनियर IPS हैं। उन्होंने इसे सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने सात सीनियर आईपीएस अफसरों की एक लिस्ट केंद्र सरकार को भेजी है। सरकार ने केंद्र को जिन 7 लोगों की लिस्ट भेजी है, उनका कार्यकाल डेढ़ वर्ष या उससे अधिक बचा है। जिन पुलिस अधिकारियों के नाम भेजे गए हैं, उनमें 1985 बैच के आईपीएस अफसर हितेश चंद्र अवस्थी हैं। 1986 बैच के आईपीएस सुजानवीर सिंह, 1987 बैच के आईपीएस डीजी ईओडब्ल्यू आरपी सिंह और 1987 बैच के ही आईपीएस विश्वजीत महापात्रा व जीएल मीना का नाम भी इस लिस्ट में शामिल हैं। 1988 बैच के आनंद कुमार और राजकुमार विश्वकर्मा का भी इस लिस्ट में नाम बताया जाता है।

 

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