स्‍वास्‍थ्‍य कर्मचारियों की बर्खास्‍तगी के खिलाफ फेडरेशन ने खोला मोर्चा, विरोध में प्रदेशभर में सौंपा गया ज्ञापन, जानिए क्‍या है आगे की रणनीति

Update: 2023-09-04 14:55 GMT

रायपुर। स्वास्थ्य कर्मचारियों के माँगों के पक्ष में एवं दंडात्मक कार्यवाही के विरोध में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने राज्य स्तर पर सभी कलेक्टर एवं ब्लॉक स्तर पर एस डी एम को ज्ञापन सौंपा है। फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा, सचिव राजेश चटर्जी एवं प्रवक्ता चंद्रशेखर तिवारी का कहना है कि कोरोना महामारी से छत्तीसगढ़ के जनता की दिन-रात सेवा करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों को निलंबित अथवा बर्खास्त करना अमानवीय एवं शर्मनाक कृत्य है। स्वास्थ्य कर्मचारियों के माँगों का समाधान नहीं होना स्वास्थ्य विभाग की अक्षमता है। कोरोना काल के दौरान स्वास्थ्य अमला के कर्तव्यपरायणता का अच्छा सिला स्वास्थ्य विभाग दे रहा है।

रायपुर कलेक्टर कार्यालय में उमेश मुदलियार व पंकज पांडे के नेतृत्व में जोरदार प्रदर्शन करते हुए कलेक्टर को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा गया।प्रदर्शन के दौरान कर्मचारी नेता नरेश वाढ़ेर, सी.एल. दुबे, विश्वनाथ ध्रुव, संजय शर्मा, यशवंत वर्मा, कमलेश तिवारी, सुनील नायक, रामचन्द्र ताण्डी, सुरेन्द्र त्रिपाठी, आलोक जाधव, विमलचन्द्र कुण्डु, प्रकाश ठाकुर, विनोद सिन्हा, बी.आर. वर्मा, होरीलाल छैदईया, नारायण बाघ, श्रीमती नलिनी चन्द्राकर, साहिल मुदलियार, राजकुमार शर्मा, शुभम भट्ट, सुमित अग्रवाल, कुन्दन साहू, सतीश मूर्ति, अश्वनी साहू, गणेश तिवारी, रोहित साहू, सनत साहू, विश्वजीत मल्लिक, महादेव साहू, मनोज सैनिक, राजकुमार बंजारे, ईश्वरी साहू, ललित यादव, जे. पापा राव आदि उपस्थित रहे।

इंद्रावती भवन नवा रायपुर में प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा के नेतृत्व में संतोष कुमार वर्मा,कार्यकारी अध्यक्ष,विभागाध्यक्ष शासकीय

कर्मचारी संघ, बिंदेश्वर रौतिया, प्रांताध्यक्ष लघु वेतन कर्मचारी संघ, जय कुमार साहू, जगदीप बजाज,महेंद्र साहू,कुमार वर्मा,आलोक वशिष्ठ, डिकेंद्र खूंटे,लोकेश वर्मा, संतोष साहू,चेतन सिंह साहू सहित भारी संख्या में कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन कर मंत्रालय में मुख्य सचिव कार्यालय में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे।

कर्मचारी नेताओं ने आगे बताया कि पूरे प्रदेश में छत्तीसगढ़ हेल्थ फेडरेशन से संबंध शासकीय सेवकों के विरुद्ध की गई दमनात्मक कार्रवाई के विरोध में माननीय मुख्यमंत्री जी के नाम कलेक्टर एवं एस डी एम के माध्यम से ज्ञापन दिया गया है। फेडरेशन का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के मुद्दों पर विचार करना चाहिए था। पूरा प्रदेश जानता है कि कोरोना महामारी के दौरान यही स्वास्थ्य विभाग का अमला ही जनता के उपचार एवं सेवा में अपने घर -परिवार को त्यागकर अपने कर्तव्यपथ पर डटा रहा। लेकिन सरकार ने उन दिनों को भुला दिया है।


उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ हेल्थ फेडरेशन से सम्बद्ध 12 संगठनों द्वारा वेतन विसंगति सहित 5 सूत्रीय मुद्दों को लेकर 21 अगस्त से शासन को विधिवत सूचना देकर अनिश्चितकालीन आंदोलन पर है। आंदोलन में शामिल स्वास्थ्य चिकित्सक, ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक, एवं नर्सिंग संवर्ग से जुड़े समस्त कर्मचारी संगठन लगातार शासन को अनेक बार आवेदन, निवेदन व उच्च पदस्थ अधिकारियों से समक्ष भेंट कर निराकरण करने हेतु अनुरोध करते आ रहे हैं। विभाग के द्वारा किसी भी तरह की सुनवाई नहीं होने पर लोकतांत्रिक तरीके से उन्हें आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इन संगठनों के द्वारा पूर्ण किए गए आंदोलन को संज्ञान में लेते हुए शासन स्तर पर कमेटी बनाई गई है।लेकिन कमेटी ने आज पर्यन्त रिपोर्ट नहीं सौंपा है ! उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए प्रदेश भर के चिकित्सक,नर्सिंग स्टाफ एवं ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों ने अपनी जान जोखिम में डालकर हजारों लोगों को मौत के गाल मे समाने से बचाए थे। अनेक स्वास्थ्य कर्मी आम लोगों को सेवा करते हुए कोरोना से संक्रमित होकर इस दुनिया से चल बसे!प्रदेश भर में कोरोना योद्धाओं को सम्मान में फूलों की वर्षा कर तालियां बजाकर जगह जगह सामान दिया गया था।

कोरोना योद्धाओं की सम्मान में कई वादे भी किए गए थे।लेकिन वे वादे ,सिर्फ कागजी कार्रवाई तक सिमट कर रह गया है।

प्रदेश सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ हेल्थ फेडरेशन से संवाद कर मांगों के निराकरण करने की बजाय ऐसे कोरोना योद्धाओं के खिलाफ एस्मा कानून के तहत निलंबन,बर्खास्तगी एवं एफ आई आर की कार्रवाही कर रही है। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री जी से अनुरोध करता है हड़ताली कर्मचारियों के विरुद्ध की गई कार्यवाही को वापस लेते हुए परस्पर संवाद के माध्यम से सभी जायज मांगों के समाधान के दिशा में कार्रवाई करें।

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