Principal Promotion News: प्राचार्य पदोन्नति विवाद, याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने पूरी की बहस, कल शासन रखेगा अपना पक्ष

लेक्चरर से प्रिंसिपल पद पर पदोन्नति के लिए तय मापदंड को लेकर व्याख्याताओं ने हाई कोर्ट में याचिका दायरकी है। लेक्चरर्स की ओर से दायर याचिका में बीएड डिग्रीधारकों को ही प्राचार्य के पद पर पदोन्नति देने की मांग की है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने डिवीजन बेंच के समक्ष अपना पक्ष रख दिया है। शुक्रवार को भी मामले की सुनवाई होगी।

Update: 2025-06-12 10:19 GMT

Bilaspur High Court

बिलासपुर। लेक्चरर से प्रिंसिपल के पद पर पदोन्नति के लिए तय मापदंडों का पालन करने की मांग को लेकर लेक्चरर्स ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। गुरुवार को जस्टिस रजनी दुबे व जस्टिस एके प्रसाद की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने डिवीजन बेंच से कहा कि व्याख्याता से प्रिंसिपल के पद पर पदोन्नति के लिए बीएड डिग्रीधारकों को प्रमोशन देने की मांग की। शुक्रवार को भी इस मामले की सुनवाई होगी। राज्य शासन के अलावा हस्तक्षेप याचिकाकर्तओं की ओर से अधिवक्ता अपनी बात रखेंगे।

याचिकाकर्ता व्याख्याताओं की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ताओं ने पदोन्नति के लिए बनाए गए नियमों व मापदंडों के अलावाएनसीटीई के नियमों का हवाला देते हुए तय मापदंडों के अनुसार ही पदोन्नति देने की मांग की। बता दें कि याचिकाकर्ताओं के अलावा हस्तक्षेप याचिका भी दायर की गई है। हस्तक्षेप याचिका में डीएलएड डिप्लोमाधारकों को भी पदोन्नति देने की मांग की है। हस्तक्षेपकर्ताओं ने कहा कि प्राचार्य का पद प्रशासनिक है। लिहाजा डीएलएड डिप्लाेमाधारकों को इस पद पर पदोन्नति दी जा सकती है। इसके अलावा शिक्षा विभाग में संविलियन को भी आधार बनाया है। राज्य शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत ठाकुर, छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन की ओर से दायर हस्तक्षेप याचिका में अधिवक्ता अनूप मजूमदार, अमृतोदास, श्र विनोद देशमुख, जमील अख्तर ने पैरवी की।

प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने लगा दी थी रोक-

सुनवाई के दौरान राज्य शासन और स्कूल शिक्षा विभाग नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि आदेश के बाद भी शिक्षकों को प्राचार्य पद पर ज्वाइन कराया गया। नाराज कोर्ट ने तब कहा था कि यह न्यायालयीन अवमानना का मामला बनता है। आगामी आदेश तक सभी ज्वाइनिंग को भी हाईकोर्ट ने अमान्य कर दिया था।

प्राचार्य प्रमोशन को लेकर हाईकोर्ट में कई याचिकाएं लगी है। एक मामला 2019 से जुड़ा हुआ है, जबकि दूसरा प्रकरण 2025 और बीएड-डीएलएड से जुड़ा है। 28 मार्च 2025 को जब हाई कोर्ट की पिछली सुनवाई हुई थी, तो राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को आश्वस्त किया गया था कि अगली सुनवाई तक प्राचार्य प्रमोशन का आदेश जारी नहीं किया जाएगा। कोर्ट का आश्वस्त करने के बाद भी 30 अप्रैल को प्रमोशन लिस्ट जारी कर दी गई। अगले दिन एक मई को हाई कोर्ट ने इस पूरी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।

इन शिक्षकोें ने दायर की है याचिका-

याचिकाकर्ता जो प्राइमरी स्कूल में शिक्षक हैं- पी गलिक राव, लक्ष्मी प्रसाद रबेठ,दूज राम खरे, संजय कुमार वखारिया,रुपनारायण कुशवाहा, याचिकाकर्ता जो व्याख्याता हैं- अनुराग त्रिवेदी, अखिलेश त्रिपाठी, आनंद प्रसाद साहू,कोमल प्रसाद साहू, पुरुषोत्तम सिंह यदु।

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