OP Chaudhri: करप्शन और कर्मचारियों पर लगाम! आवास और पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी का करप्शन और अनुशासन के लिए बड़ा फैसला, एनपीजी से बोले....

छत्तीसगढ़ के आवास और पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने अनुशासन और भ्रष्टाचार रोकने की दिशा में बड़े कदम उठाए हैं। उन्होंने कल पर्यावरण मंडल की बैठक लिए और आज टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की। दोनों बैठकों में उन्होंने कर्मचारियों, अधिकारियों में वर्क कल्चर खतम होने पर नाखुशी जताई।

Update: 2024-08-03 16:16 GMT

OP Chaudhri: रायपुर। छत्तीसगढ़ के वित्त, जीएसटी और आवास पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने कल पर्यावरण मंडल के कार्यों की समीक्षा की और आज टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की। बैठक में उन्होंने दोनों विभागों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम और सीसीटीवी लगाने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि 15 दिन के भीतर पूरे इन दोनों विभागों के पूरे प्रदेश में स्थित कार्यालयों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम और कैमरा लग जाना चाहिए।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इसके लिए डैश बोर्ड बनाएं ताकि कहीं से भी पासवर्ड डालकर उसकी मानिटरिंग की जा सके। बताते हैं, मंत्री ओपी चौघरी को इन दोनों विभागों में अधिकारियों और कर्मचारियों की लेटलतीफी के साथ ही करप्शन की शिकायतें मिल रही थीं। इसी को देखते उन्होंने दोनों विभागों की समीक्षा करने का फैसला किया।

वर्क कल्चर बेहद खराबः ओपी चौघरी

एनपीजी न्यूज से बात करते हुए मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि पिछले पांच साल में छत्तीसगढ़ के सरकारी कार्यालयों में वर्क कल्चर एकदम खराब हो गया है। प्रशासनिक चुस्ती के लिए हमने टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने का निर्णय किया है। पर्यावरण मंडल और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग में बायोमेट्रिक अटेंडेंटस सिस्टम के साथ ही सीसीटीवी लगाए जाएंगे।

आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने आज यहां न्यू सर्किट हाउस सिविल लाइन में नगर तथा ग्राम निवेश विभाग की समीक्षा की, जिसमें राज्य के सभी क्षेत्रीय कार्यालयों के अधिकारी उपस्थित हुए।

मंत्री चौधरी ने विभागीय समीक्षा बैठक में आवासीय कालोनियों के विकास अनुज्ञा, नियमितिकरण, विकास योजना तथा भवन निर्माण अनुज्ञा में सरलीकरण हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने ऑनलाईन प्रक्रिया में आ रही कठिनाईयों के संबंध में विस्तार से चर्चा की तथा उक्त समस्या को देखते हुए साफ्टवेयर में सरलीकरण करते हुए समस्त कार्यालय प्रमुखों को प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण सुनिश्चित करने निर्देशित किया।

मंत्री ओपी चौधरी द्वारा नए जिलों में कार्यालयों की स्थापना एवं कर्मचारियों के पद सरंचना के पुनःनिर्धारण पर भी चर्चा की गई साथ ही राज्य के प्रमुख जिले रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, राजनांदगाँव जैसे बड़े शहरों में कर्मचारियों-अधिकारियों के पद सरंचना में वृद्धि करने पर भी जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की उचित व्यवस्था से आमजनों के प्रकरणों का निराकरण सुगमता से समय-सीमा पर किया जा सकता है।

मंत्री ओ. पी चौधरी ने संचालक सौरभ कुमार को यह निर्देशित किया कि समस्त अधिकारी-कर्मचारी निर्धारित समय में कार्यालय में उपस्थित रहकर आमजनों के प्रकरणों का निराकरण करें। कार्यो में पारदर्शिता एवं तत्परता दिखनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि मिलने के समय का निर्धारण कर इसकी सूचना कार्यालय के सूचना पटल पर अवश्य लगाए।

इस अवसर पर आवास एवं पर्यावरण की सचिव आर संगीता, नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के संचालक सौरभ कुमार, अपर संचालक संदीप बांगड़े, सहित समस्त क्षेत्रीय कार्यालयों के प्रमुख अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।

वहीँ, शुक्रवार को हुई बैठक में आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने अटल नगर नवा रायपुर स्थित छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के कार्यालय में राज्य के सभी क्षेत्रीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। उन्होनें अधिकारियों से कहा स्व-प्रेरित होकर पर्यावरण संरक्षण से जुडे कार्यों में अपना योगदान दे। उनके द्वारा कार्यों में पारदर्शिता एवं तत्परता हेतु प्रदेश एवं जिला स्तरीय कार्यालयों में बायोमैट्रिक उपस्थिति, सी.सी.टी.वी. कैमरा लगाने एवं डैश बोर्ड तैयार करने के निर्देश दिये गये ताकि डैश बोर्ड के माध्यम से अधिकारियों द्वारा प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा की जा सके। मंत्री चौधरी ने सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को मिलने का समय भी निर्धारित कर इसकी सूचना कार्यालय के सूचना पटल पर लगाने कहा।

मंत्री चौधरी द्वारा उद्योगों द्वारा फ्लाई ऐश के परिवहन एवं निपटारे हेतु नियमों के पालन कड़ाई से कराने हेतु निर्देश दिया गया। फ्लाई ऐश लाने ले जाने के लिये उपयोग किये जा रहे वाहनों में जी.पी.एस. सिस्टम व जियो टेगिंग के उपयोग के निर्देश दिये, जिससे कि फ्लाई ऐश इधर-उधर न फेका जा सके।

मंत्री चौधरी ने क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि उद्योगों को प्रदान किये गये पर्यावरणीय स्वीकृति की शर्तों में शामिल वृक्षारोपण की शर्त का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित कराये तथा उद्योगों केवल वृक्षारोपण करने तक सीमित ना रहें अपितु लगाये गये पौधों के संवर्धन हेतु भी निरीक्षण का एक सिस्टम तैयार किया जाये। सभी क्षेत्रीय अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि वें अपने-अपने क्षेत्रों में सघन वृक्षारोपण करायें एवं इन पेड़ों में पीपल, नीम आदि पेड़ शामिल किये जाए। श्री चौधरी ने वाहन प्रदूषण नियंत्रण पर जोर देते हुये निर्देशित किया कि सभी क्षेत्रीय अधिकारी वाहन प्रदूषण मापन प्रदूषण जाँच सिस्टम को शक्तिशाली बनाये एवं वाहन प्रदूषण मापन केन्द्रो की समय-समय पर बैठक आयोजित करें।

मंत्री चौधरी ने अधिकारियों से चर्चा में कहा कि पर्यावरण संरक्षण में उठाये गये कदमों को और कैसे प्रभावी बनाया जा सकता है तथा आने वाली चुनौतियों से कैसे निपटा जा सकता है, इस पर भी विचार करें। उन्होनें जल एवं वायु प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण अधिनियम के अंतर्गत किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की। मंत्री चौधरी ने परिसंकटमय एवं अन्य अपशिष्ट नियम के प्रावधानों का पालन, जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं नियम, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन एवं नियम, ई अपशिष्ट प्रबंधन एवं नियम, निर्माण विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन एवं नियम, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, उद्योगों, खदानों, संस्थानों के चिमनी उत्सर्जन, परिवेशीय वायु मापन, उपचारित दूषित जल गुणवत्ता का मापन कार्य, राष्ट्रीय जल गुणवत्ता मापन कार्यकम के अंतर्गत प्राकृतिक जल स्त्रोतों, परिवेशीय वायु गुणवत्ता के मापन कार्यों की भी समीक्षा की।

मंत्री चौधरी ने कहा की शीघ्र ही सभी स्टेक होल्डर्स की बैठक ली जायेगी एवं प्रदूषण नियंत्रण सुधार कार्यों में बुद्ध जीवी वर्ग की मदद ली जायेगी। मंत्री चौधरी ने मंडल की पद संरचना की समीक्षा करते हुये मुख्यालय एवं क्षेत्रीय कार्यालयों में पुनः पदसंरचना निर्धारित करने के निर्देश दिये। उनके द्वारा सभी कर्मचारियों के डेटा को एच.आर.एम.एस. सिस्टम में एक माह के भीतर अपलोड करते हुये ऑनलाईन कार्यवाही के निर्देश दिये गये। बैठक में मंडल की अध्यक्ष एवं सचिव, आवास एवं पर्यावरण विभाग आर. शंगीता एवं मंडल के सदस्य सचिव पी. अरूण प्रसाद भी उपस्थित थे।

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