Narayana Hospital News: नारायणा हॉस्पिटल की एक दिवसीय स्टेट कॉन्फ्रेंस "रायपुर ऑर्थो ट्रामा समिट - 2025" सफलतापूर्वक सम्पन्न

Narayana Hospital News: "Fracture to Function -Bridging Gaps in Trauma Management" थीम पर देवेंद्र नगर, रायपुर स्थित नारायणा हॉस्पिटल द्वारा एक दिवसीय "रायपुर ऑर्थो ट्रॉमा समिट - 2025" कॉन्फ्रेंस का आयोजन, होटल बेबीलॉन कैपिटल में रविवार, दिनांक 7 सितंबर 2025 को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ,जिसमें छत्तीसगढ़ एवं आसपास के अन्य प्रदेशों के 200 से भी अधिक ऑर्थो ट्रॉमा सर्जन सम्मिलित हुए.

Update: 2025-09-07 13:54 GMT

Narayana Hospital News: "Fracture to Function -Bridging Gaps in Trauma Management" थीम पर देवेंद्र नगर, रायपुर स्थित नारायणा हॉस्पिटल द्वारा एक दिवसीय "रायपुर ऑर्थो ट्रॉमा समिट - 2025" कॉन्फ्रेंस का आयोजन, होटल बेबीलॉन कैपिटल में रविवार, दिनांक 7 सितंबर 2025 को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ,जिसमें छत्तीसगढ़ एवं आसपास के अन्य प्रदेशों के 200 से भी अधिक ऑर्थो ट्रॉमा सर्जन सम्मिलित हुए.




नारायणा हॉस्पिटल के सु्विख्यात ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. सुनील खेमका ने बताया कि, इस कांफ्रेंस में 25 से भी अधिक ऑर्थो ट्रॉमा सर्जनों ने अपने अपने टॉपिक्स उपस्थित विशेषज्ञों के समक्ष प्रेजेंट किए .यह कॉन्फ्रेंस पूरी तरह ट्रॉमा सर्जरी के ऊपर बेस्ड थी, इसमें हिप जॉइंट का फ्रैक्चर, घुटने के आजू-बाजू का फ्रैक्चर,एंकल ज्वाइंट का फ्रैक्चर, एल्बो के आसपास का फैक्चर एवं शोल्डर ज्वाइंट का फ्रैक्चर्स आदि के बारे में देश के टॉप सात ट्रॉमा सर्जनों ने Distal Femur, Neck Femur Fracture, shaft Femur Fracture, Khemka Technique, Proximal Tibia Fracture, Elbow Fracture, Trochanteric Fracture, Spine Fracture एवं Ancle Injury जैसे जटिल विषयों पर आधे-आधे घंटे का केस डिस्कशन किया,इस कॉन्फ्रेंस में कई कॉम्प्लिकेटेड केसेस दिखाए गए, उन्हें किस मेथड का उपयोग कर कैसे बेहतर तरीके से सर्जरी कर सकते हैं, इस पर बहुत ही ज्ञानवर्धक डिस्कशन हुआ.

नारायणा हॉस्पिटल के रोबोटिक सर्जन डॉ.प्रीतम अग्रवाल,ऑर्थो ट्रॉमा सर्जन डॉ.अम्बरीश वर्मा,डॉ. प्रदीप पटेल और डॉ. राम खेमका के अनुसार यह प्योरली प्रैक्टिकल एवं केस बेस्ड कॉन्फ्रेंस थी,इसमें कोई भी थ्योरेटिकल डिस्कशन नहीं हुआ,इसमें ऑर्थो ट्रॉमा सर्जरी को कैसे बेहतर ढंग से अंजाम दिया जा सकता है, उन बातों पर लैक्चर्स हुए और बहुत ही इंटरएक्टिव सेशन हुए, देश के विभिन्न मेट्रो शहरों से आए नेशनल स्टैंडर्ड के अनुभवी सात ट्रॉमा सर्जनों ने उपस्थित हड्डी-रोग विशेषज्ञों के साथ अलग-अलग विषयों पर अपने अनुभव साझा किए,उन्होंने बताया कि हमारी इस कांफ्रेंस से अगर कोई भी ट्रॉमा सर्जन इन नई - नई मेथड या टैक्निक्स को सीखकर उसे इंप्लीमेंट करता है, तो ये नई टेक्निक्स हजारों मरीजों तक पहुंचेगी और कहा जाता है कि टेक्निक्स को सीखने में उम्र कभी भी बाधा नहीं होती, हर उम्र में सीखा जा सकता है, वर्तमान समय में मेडिकल साइंस जब इतनी तेजी से चेंज हो रहा है तो ऑर्थो ट्रॉमा सर्जरी के क्षेत्र में वर्तमान में प्रचलित हो रही तकनीक से ज्यादा से ज्यादा मरीज लाभान्वित होने चाहिए, और इन सभी नई टेक्निक्स को साझा करने और उन्हें आत्मसात करने ऐसी कॉन्फ्रेंस हमेशा आयोजित होती रहना चाहिए.

Tags:    

Similar News