नई औद्योगिक नीति से छत्तीसगढ़ बनेगा मेडिकल इंडस्ट्री का पसंदीदा डेस्टिनेशन, इंवेस्टमेंट कमिश्नर ने ली दिल्ली में बड़ी बैठक

छत्तीसगढ़ सरकार की प्रस्तावित नई औद्योगिक नीति से न सिर्फ फामास्यूटिकल कंपनियों का निवेश बढ़ेगा बल्कि मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्रीज का भी रास्ता खुलेगा। विष्णुदेव साय सरकार के निर्देश पर दिल्ली में पोस्टेड इंवेस्ट कमिश्नर ऋतु सैन इस मुहिम में जुट गई है। उन्होंने पिछले सप्ताह फार्मास्यूटिकल कंपनियों की एक अहम बैठक ली।

Update: 2024-10-11 08:36 GMT

रायपुर। एक समय था जब छत्तीसगढ़ को केवल खनिज और वन संपदा के लिए जाना जाता था, लेकिन अब यह राज्य निवेश और औद्योगिक विकास के नए केंद्र के रूप में उभर रहा है। हाल ही में, नई दिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ सदन में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें देशभर के बड़े उद्योगपतियों और विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस बैठक का उद्देश्य था राज्य की नई औद्योगिक नीति को अंतिम रूप देना और इसमें फार्मास्यूटिकल और मेडिकल डिवाइस उद्योगों के निवेश की संभावनाओं पर चर्चा करना।

इस विशेष बैठक का आयोजन छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से किया गया था, जिसमें राज्य की इन्वेस्टमेंट कमिश्नर ऋतु सैन ने निवेशकों को राज्य की अद्वितीय संभावनाओं के बारे में बताया। उनका संबोधन न केवल छत्तीसगढ़ के औद्योगिक क्षमता पर प्रकाश डालता था, बल्कि एक नई उम्मीद जगाता था कि कैसे छत्तीसगढ़ भविष्य में निवेश का हॉटस्पॉट बनने की दिशा में अग्रसर है।

सबसे सस्ती बिजली और भरपूर पानी

ऋतु सैन ने अपने संबोधन में बताया कि छत्तीसगढ़ देश में सबसे सस्ती बिजली उपलब्ध कराने वाला राज्य है। उद्योगों के लिए यह एक बड़ा आकर्षण है, क्योंकि बिजली उद्योगों के संचालन की मुख्य लागतों में से एक होती है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में जल संसाधनों की भी कोई कमी नहीं है। यह राज्य न केवल औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल है, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों से भी भरपूर है।

राज्य में 44 प्रतिशत से अधिक वन क्षेत्र है, लेकिन इसके बावजूद उद्योगों के लिए पर्याप्त भूमि उपलब्ध है। छत्तीसगढ़ ने हाल ही में 5000 एकड़ का लैंड बैंक तैयार किया है, जिससे उद्योगपतियों को जमीन की उपलब्धता में कोई समस्या नहीं होगी। यह लैंड बैंक विशेष रूप से औद्योगिक निवेश के लिए आरक्षित किया गया है, और इसका मुख्य उद्देश्य उद्योगों को बिना किसी बाधा के सुगमता से स्थापित करना है।

सरल टैक्स व्यवस्था और सस्ती श्रम शक्ति

छत्तीसगढ़ की टैक्स प्रणाली भी अन्य राज्यों की तुलना में काफी सरल और अनुकूल है। यह उद्योगपतियों के लिए एक और बड़ा आकर्षण है। इसके साथ ही, राज्य में श्रमिकों की लागत भी अपेक्षाकृत कम है, जिससे यहां उद्योगों का संचालन सस्ता और लाभकारी होता है।

ऋतु सैन ने इस बात पर भी जोर दिया कि छत्तीसगढ़ में महिलाओं की भागीदारी सेक्स रेश्यो के मामले में महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यदि उद्योगपति छत्तीसगढ़ में निवेश करते हैं, तो इसका सबसे बड़ा लाभ महिलाओं को मिलेगा। इसका असर न केवल आर्थिक विकास पर पड़ेगा, बल्कि सामाजिक संरचना में भी सकारात्मक बदलाव लाएगा।

फार्मा उद्योग के लिए अपार संभावनाएं

छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में नवा रायपुर में एक फार्मा पार्क की पहचान की है, जो फार्मास्यूटिकल उद्योग के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। राज्य में हर्बल और मेडिकल प्लांट्स की अपार उपलब्धता भी इसे फार्मास्युटिकल उद्योग के लिए एक आदर्श स्थल बनाती है।

इस बैठक में फार्मास्युटिकल उद्योग से जुड़े कई प्रमुख उद्योगपतियों और विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। उन्होंने राज्य की इन संभावनाओं को देखा और अपने विचार साझा किए। उद्योगपतियों ने कहा कि छत्तीसगढ़ में फार्मास्युटिकल उद्योग के लिए निवेश करना न केवल लाभकारी होगा, बल्कि यह एक स्थायी और दीर्घकालिक लाभदायक अवसर भी है।

एमएसएमई का बढ़ता दायरा

छत्तीसगढ़ में छोटे और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) का दायरा भी तेजी से बढ़ रहा है। राज्य में वर्तमान में 25,000 से अधिक एमएसएमई इकाइयां संचालित हो रही हैं, जो राज्य के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। ऋतु सेन ने बताया कि राज्य सरकार ने एमएसएमई सेक्टर के विकास के लिए विशेष योजनाएं बनाई हैं, जिससे इन उद्योगों को सरकारी सहायता मिल रही है और वे तेजी से बढ़ रहे हैं।

औद्योगिक कॉरिडोर और कनेक्टिविटी

कोरबा और बिलासपुर के बीच एक इंडस्ट्रियल कॉरिडोर प्रस्तावित है, जो राज्य के औद्योगिक विकास को और गति देगा। इस कॉरिडोर के बनने से न केवल उद्योगों के लिए कनेक्टिविटी में सुधार होगा, बल्कि राज्य के आर्थिक ढांचे में भी बड़ा परिवर्तन आएगा। राज्य की कनेक्टिविटी भी पहले से ही बहुत अच्छी है, जिससे उद्योगों को अपना माल सुगमता से देश के अन्य हिस्सों में भेजने में कोई परेशानी नहीं होती।

सरकार का सहयोग और प्रगतिशील दृष्टिकोण

इस बैठक का मुख्य उद्देश्य उद्योगपतियों को यह दिखाना था कि छत्तीसगढ़ सरकार उद्योगों के विकास के लिए पूरी तरह से समर्पित और सहयोगी है। राज्य की नई निवेश नीति में उद्योगपतियों को कई क्षेत्रों में सब्सिडी दी गई है, जिससे उनके निवेश को और भी लाभप्रद बनाया जा सके।

ऋतु सैन ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार न केवल प्रो-एक्टिव है, बल्कि प्रोग्राम इम्प्लीमेंटेशन में भी बहुत तेजी से काम करती है। राज्य की नीतियों में नवाचार पर विशेष जोर दिया गया है, जिससे निवेशकों को राज्य में अपने व्यवसाय को सुचारू रूप से चलाने का अवसर मिलता है।

विदेशी निवेश की बढ़ती संभावनाएं

ऋतु सैन ने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (थ्क्प्) स्वास्थ्य और डायग्नोस्टिक केंद्रों में तेजी से बढ़ रहा है। यह राज्य की बढ़ती निवेश संभावनाओं का संकेत है। सरकार की नीतियों और सहयोग से विदेशी निवेशकों को भी छत्तीसगढ़ में निवेश करने का भरोसा मिल रहा है।

पहली बार विशेषज्ञों से सलाह

इस पूरी बैठक का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह था कि पहली बार किसी राज्य सरकार ने निवेश नीति बनाने से पहले विषय विशेषज्ञों को बुलाकर उनसे सलाह ली। छत्तीसगढ़ सरकार ने यह समझा कि उद्योगपतियों और विशेषज्ञों की राय को अपनी नीति में शामिल करके ही वह एक प्रभावी और व्यावहारिक निवेश नीति बना सकती है।

विशेषज्ञों ने भी छत्तीसगढ़ के इस कदम की सराहना की और कहा कि राज्य की निवेश नीति अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल बन सकती है।

विशेषज्ञों और उद्योगपतियों के विचार

इस बैठक में कई प्रमुख उद्योगपतियों और विशेषज्ञों ने भाग लिया और छत्तीसगढ़ में निवेश के प्रति अपनी रुचि जताई। एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री के वरिष्ठ बिजनेस डेवलपमेंट सलाहकार, राकेश भाटिया ने छत्तीसगढ़ की सस्ती बिजली और टैक्स प्रणाली की तारीफ की। उन्होंने कहा कि यह राज्य उन उद्योगों के लिए उपयुक्त है, जो कम लागत में अधिक उत्पादन चाहते हैं।

राजीव नंदन, अप्पासामी एसोसिएट्स के मार्केट एक्सेस और गवर्नमेंट अफेयर्स के प्रमुख, ने कहा कि छत्तीसगढ़ में मेडिकल डिवाइस और डायग्नोस्टिक्स उद्योग के लिए अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी और प्रोत्साहन से उनकी कंपनी राज्य में निवेश करने को लेकर बेहद उत्साहित है।

प्रवीण के मित्तल, जो एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर मेडिकल डिवाइसेस के कार्यकारी निदेशक हैं, ने बताया कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति उद्योगपतियों के लिए एक बड़ा अवसर है। सरकार की सक्रिय भागीदारी ने निवेशकों का भरोसा मजबूत किया है, जिससे यह राज्य उद्योगों के लिए एक आदर्श स्थल बन रहा है।

भूवेश प्रताप सिंह, आईएएस, डिप्टी सेक्रेटरी, डिपार्टमेंट ऑफ प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (भारत सरकार) ने “म्ेंम वि क्वपदह ठनेपदमे” पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य में कानूनी प्रक्रियाओं को सरल बनाने के साथ-साथ एकल खिड़की प्रणाली से निवेशकों को काफी सहूलियत हो रही है। उन्होंने बताया, “छत्तीसगढ़ की इन पहलों ने राज्य में निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है और उद्योगों की स्थापना में तेज़ी आई है।”

अभिषेक कुमार सिंह, आईएफएस, डायरेक्टर, डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्यूटिकल्स, ने बताया कि छत्तीसगढ़ में मेडिकल डिवाइस उद्योग के लिए असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार की नीतियां इस क्षेत्र के विकास के लिए अत्यंत अनुकूल हैं। सही रणनीतियों और समर्थन के साथ, छत्तीसगढ़ जल्द ही इस क्षेत्र में अग्रणी राज्य बन सकता है।”

छत्तीसगढ़ः भविष्य का निवेश गंतव्य

इस बैठक के परिणामस्वरूप यह स्पष्ट हो गया कि छत्तीसगढ़ निवेश के मामले में देश का अग्रणी गंतव्य बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। यहां की सस्ती बिजली, सरल टैक्स व्यवस्था, पर्याप्त भूमि, और सस्ती श्रम शक्ति इसे अन्य राज्यों से अलग बनाती है। इसके अलावा, फार्मास्युटिकल उद्योग के लिए विशेष रियायतें और हर्बल व मेडिकल प्लांट्स की उपलब्धता भी इसे एक आदर्श निवेश स्थल बनाती हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार की नीतियों, सरकारी सहयोग, और तेज प्रोग्राम इम्प्लीमेंटेशन के चलते आने वाले वर्षों में यह राज्य न केवल देश बल्कि वैश्विक स्तर पर भी निवेश का प्रमुख केंद्र बन सकता है।

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