Higher Education News: अगले शिक्षा सत्र से 3 साल का कोर्स ढाई और चार साल का कोर्स तीन वर्ष में पूरा कर सकेंगे यूजी के छात्र...

Higher Education News: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के अनुसार अगले शैक्षणिक सत्र से प्रदेश के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में 3 वर्ष का ग्रेजुएशन ढ़ाई वर्ष में पूरा किया जा सकेगा। वही 4 वर्ष के कोर्स वाला ग्रेजुएशन 3 वर्ष में पूरा किया जा सकेगा। 4 वर्ष का ग्रेजुएशन करने वाले छात्र सिर्फ एक वर्ष में पोस्ट ग्रेजुएशन की भी डिग्री ले सकेंगे।

Update: 2024-11-20 07:22 GMT

Higher Education News: रायपुर। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की अनुसार अगले शिक्षा सत्र से 3 साल का कोर्स ढाई साल और चार साल का कोर्स तीन साल में विद्यार्थी पूरा कर सकेंगे। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा यूजीसी के गाइडलाइन का पालन करने की शिक्षा नीति 2020 को सत्र 2023–24 से लागू की गई है। इसके अनुसार अब यूजी कोर्स की अवधि 3 की बजाय 4 साल हो गई है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लागू होने पर छात्र-छात्राओं को ऑप्शन दिया गया है। इसके अनुसार वह यूजी कोर्स तय समय से कम अवधि में भी पूरा कर पाएंगे। यह प्रावधान नए सत्र 2024–2025 से लागू होगा। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन अगले शैक्षणिक सत्र से विद्यार्थियों को अपने स्नातक स्तरीय कोर्स को तय समय से पहले पूरा करने की अनुमति देगा। जिसके तहत तीन साल की स्नातक डिग्री ढ़ाई साल में और चार साल की स्नातक डिग्री तीन साल में पूरा करने का मौका मिलेगा।

कम समय में पूरा करने के अलावा 3 साल में स्नातक करने वाले छात्रों को कोर्स 1 वर्ष अतिरिक्त अर्थात 4 वर्ष में पूरा करने का भी विकल्प मिलेगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रम को अपग्रेड किया गया है। जिसके तहत यदि कोई विद्यार्थी 6 माह पहले या एक वर्ष पहले अपने डिग्री कोर्स को खत्म करना चाहता है तो उसे इसकी सुविधा होगी। स्नातक डिग्री लेने के लिए कई एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स का प्रावधान रखा गया है। प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू हो जाएगी। जिसके तहत 4 साल का यूजी का कोर्स 3 साल में पूरा करने का विकल्प होगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत एक फायदा यह भी है कि चार वर्ष में स्नातक पूरा करने वाले छात्र सिर्फ एक वर्ष में पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा कर सकेंगे। छात्रों को समय की बचत होगी। इसके लिए मद्रास आईआईटी के डायरेक्टर वी कामकोटि के नेतृत्व वाली कमेटी ने यूजीसी से सिफारिश की थी।

यह भी है फायदे

ग्रेजुएशन की पढ़ाई के साथ-साथ छात्र वर्किंग एक्सपीरियंस भी हासिल कर सकेंगे। ग्रेजुएशन अंतिम वर्ष के दौरान रिसर्च प्रोजेक्ट सहित एकेडमी एक्टिविटी में शामिल हो सकेंगे। इसके अलावा जो छात्र अपनी पढ़ाई पूरा करना चाहते हैं उन्हें पुराने कोर्स की तरह समय की बाध्यता नहीं होगी और वह जल्दी स्नातक की पढ़ाई पूरी कर अन्य काम कर सकेंगे।

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