High Court News: हाई कोर्ट में चल रही थी सुनवाई तभी वंदे भारत ट्रेन की सफ़ाई के दौरान मजदूर के मौत की आई खबर, हाई कोर्ट ने रेल अफसर से ऑनलाइन मांगा जवाब
हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही थी, इसी दोरान सूचना मिली कि वंदे भारत ट्रेन की सफ़ाई के दौरान हाईटेंशन तार से झुलसे मजदूर की मौत हो गई है. कोर्ट ने रेल अफ़सरों को ऑनलाइन तलब किया.
बिलासपुर। हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही थी, इसी दोरान सूचना मिली कि वंदे भारत ट्रेन की सफ़ाई के दौरान हाईटेंशन तार से झुलसे मजदूर की मौत हो गई है. कोर्ट ने रेल अफ़सरों को ऑनलाइन तलब किया. बिलासपुर के कोचिंग डिपो में ओएचई तार की करंट से झुलसे श्रमिक की मौत हो गई है। इस हादसे के बाद पिछले पांच दिनों से अपोलो अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था।
दूसरी तरफ रेलवे प्रशासन और ठेकेदार से मदद नहीं मिलने से नाराज परिजनों ने डीआरएम ऑफिस के सामने धरना-प्रदर्शन भी किया और पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की। उन्होंने मदद नहीं मिलने पर अब उग्र आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है। इधर हाईकोर्ट ने मामले में संज्ञान लेते हुए गुरुवार को रेलवे जीएम और रेलवे डीआरएम को आनलाइन तलब किया था। उस दौरान मजदूर की मौत की सूचना नहीं आई थी।
इस हादसे में श्रमिक की मौत के बाद परिवार की जिंदगी पूरी तरह बदल गई है। पिछले 5 दिनों से उसका इलाज चल रहा था लेकिन, रेलवे प्रशासन और ठेकेदार ने अब तक प्रताप बर्मन और उसके परिवार को किसी तरह से आर्थिक सहायता नहीं दी है। इसके चलते रेलवे प्रशासन और ठेकेदार के खिलाफ आक्रोश भड़क गया है। सिरगिट्टी टीआई किशोर केंवट ने बताया कि हादसे में बुरी तरह से झुलसे श्रमिक का अपोलो अस्पताल में इलाज चल रहा था। गुरुवार की सुबह अस्पताल से सूचना मिली कि इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई है। जिसके बाद पुलिस अस्पताल पहुंची। इसके बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सिम्स लाया गया, जहां पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है।
अब तक पीड़ित परिवार को कोई मदद नहीं
जांजगीर-चांपा जिले के मुलमुला निवासी प्रताप बर्मन रेलवे में ठेका श्रमिक था। वो कोचिंग डिपो में इलेक्ट्रिशियन का काम कर रहा था। 23 अगस्त को वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के एक्स्ट्रा कोच का एसी सुधारते समय प्रताप बर्मन ओएचई तार की करंट की चपेट में आ गया, जिससे उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजन का आरोप है कि, बिजली सप्लाई बंद किए बगैर ही प्रताप को कोच के ऊपर चढ़ा दिया गया था। सुरक्षा से खिलवाड़, अफसर और ठेकेदार की लापरवाही के चलते ये हादसा हुआ। हादसे के बाद बुरी तरह से झुलसे प्रताप को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस हादसे के बाद परिजन और समाज के लोगों में रेलवे प्रशासन और ठेकेदार के खिलाफ आक्रोश है। वजह यह है कि अब तक पीड़ित परिवार को कोई मदद नहीं मिली है।
रेलवे और ठेकेदार ने जिम्मेदारी से खड़े किया हाथ
याचिका की सुनवाई के दौरान बात सामने आई कि घटना के बाद रेलवे प्रशासन और ठेकेदार ने जिम्मेदारी से हाथ खड़े कर दिए हैं। परिवार को न्याय दिलाने की मांग भी की गई। श्रमिक प्रताप बर्मन के परिवार को मुआवजा देने और नौकरी की व्यवस्था करने की मांग भी की गई। इधर परिजनों का आरोप है कि, रेलवे में इलेक्ट्रिक विभाग में काम के लिए सुरक्षा के कड़े नियम है। चाहे रेलकर्मी हो या फिर ठेका श्रमिक, उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी रेल प्रशासन की है। रेलवे में काम के दौरान सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं लेकिन, श्रमिक की जान बचाने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए। रेलवे में सीधे तौर पर श्रम कानून का उल्लंघन किया जा रहा है। रेलवे के अधिकारी ठेकेदार को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। मांग है कि इस हादसे के लिए जवाबदेही तय की जाए और दोषी रेल अफसरों के साथ ही ठेका कंपनी पर सख्त कार्रवाई की जाए।