DGP Ashok Juneja: 35 साल की सर्विस में जुनेजा ने कभी पुअर पोस्टिंग नहीं की, एक्सटेंशन से देश में छत्तीसगढ़ की धमक बढ़ी, जानिये कैसे?

DGP Ashok Juneja: भारत सरकार की कैबिनेट कमिटी ने छत्तीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा को छह महीने का एक्सटेंशन दे दिया है। जुनेजा का एक्सटेंशन इस मायने में खास है कि डीजीपी होने की वजह से 13 महीने की एक्सट्रा सर्विस उन्हें पहले ही मिल चुकी थी। इसके बाद छह महीने का फिर एक्सटेंशन।

Update: 2024-08-04 09:16 GMT

DGP Ashok Juneja रायपुर। छत्तीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा को भारत सरकार ने छह महीने का एक्सटेंशन दे दिया है। कल अवकाश के दिन होने के बाद भी कैबिनेट की अप्वाइंटमेंट कमिटी ने उनके एक्सटेंशन को हरी झंडी दे दी। अब राज्य सरकार के गृह विभाग से औपचारिक आदेश निकलना बाकी है, जो कल किसी भी टाईम निकल जाएगा।

राकेट की रफ्तार में चली फाइल

बता दें, कैबिनेट की अप्वाइंटमेंट कमिटी के चीफ प्रधानमंत्री होते हैं। अप्वाइंटमेंट कमिटी की अनुशंसा के बाद फाइल फायनल क्लियरेंस के लिए प्रधानमंत्री के पास जाती है। राज्य सरकार ने शुक्रवार याने 2 अगस्त को जुनेजा के एक्सटेंशन का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा था। अब जरा समझिए कि 2 अगस्त के दोपहर लेटर गया और 4 अगस्त की शाम को अप्वाइंटमेंट कमिटी की आदेश डीओपीटी के वेबसाइट पर लोड हो गया। याने छत्तीसगढ़ सरकार के प्रस्ताव भेजने के 24 घंटे में अप्वाइंटमेंट कमिटी की बैठक हो गई और प्रधानमंत्री के हरी झंडी के बाद आदेश साइट पर अपलोड भी हो गया। हालांकि, इस तरह के फैसले इसी तरह होते हैं मगर छत्तीसगढ़ के डीजीपी की फाइल कुछ ज्यादा फास्ट चली।

डबल एक्सटेंशन

डीजीपी अशोक जुनेजा का एक्सटेंशन इस मामले में खास है कि डीजीपी का टेन्योर दो साल का होने की वजह से उन्हें पहले ही 13 महीने का एक्सटेंशन मिल चुका है। जुनेजा अगर डीजीपी नहीं होते तो पिछले साल 30 जून को रिटायर हो गए होते। मगर डीजीपी को पूर्णकालिक नियुक्ति के डेट से दो साल का टेन्योर होता है। इस दृष्टि से उन्हें एक्स्ट्रा 13 महीने का पहले ही लाभ मिल चुका है। और उसके बाद फिर छह महीने का एक्सटेंशन। जुनेजा जैसे केस में एक्सटेंशन मिलता नहीं। वैसे भी चीफ सिकरेट्री और डीजीपी को आसानी से एक्सटेंशन मिलता नहीं। छत्तीसगढ़ में ही कई चीफ सिकरेट्री का सेवा विस्तार का प्रस्ताव भेजा गया मगर मंजूर नहीं हुआ। लेकिन, बस्तर में नक्सल मोर्चे पर मिली कामयाबी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रयासों से जुनेजा को 24 घंटे में एक्सटेंशन मिल गया। इससे देश की ब्यूरोक्रेसी में छत्तीसगढ़ की धमक बढ़ी है। दरअसल, इस तरह के शीर्ष पदों पर भारत सरकार से सेवावृद्धि मिलती है तो उसकी चर्चा देश की ब्यूरोक्रेसी में होती है...पोस्टिंग में उसके दृष्टांत दिए जाते हैं। देश में अहम संदेश ये भी गया कि छत्तीसगढ़ की भारत सरकार में इस लेवल पर सुनवाई हो रही कि 24 घंटे में अफसरों को एक्सटेंशन मिल जा रहा।

पोस्टिंग में किस्मती

अशोक जुनेजा पोस्टिंग के मामले में बेहद किस्मती हैं। पुलिस और पुलिस से रिलेटेड कोई भी ऐसी चमकदार पोस्टिंग नहीं होगी, जो उन्होंने नहीं की होगी। बिलासपुर, रायपुर और दुर्ग जैसे जिले के एसपी, एसएसपी रहे। फिर बिलासपुर और रायपुर के आईजी भी। पुलिस मुख्यालय में एडीजी प्रशासन रहे, तो खुफिया चीफ का दायित्व भी निभाया। संचालक खेल और युवा कल्याण रहे तो मंत्रालय में सिकरेट्री होम भी। डेढ़ साल से अधिक समय तक एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर रहे।

इसके बाद दो साल के लिए सेंट्रल डेपुटेशन पर चले गए। वहां नारकोटिक्स में कुछ दिन काम करने के बाद वे कॉमनवेल्थ गेम के सिक्यूरिटी हेड बन गए। उस समय वे कैनिबेट सिकरेट्री अजीत सेठ को वे रिपोर्टिंग करते थे। छत्तीसगढ़ में वे 11 नवंबर 2021 को प्रभारी डीजीपी बने थे। इसके करीब 10 महीने बाद 5 अगस्त 2022 को पूर्णकालिक डीजीपी बनाए गए। अगर नवंबर 2021 में ही वे अगर पूर्णकालिक डीजीपी बन गए होते तो ठीक चुनाव के दौरान नवंबर 2023 में उनका दो साल कंप्लीट हो गया होता। 35 साल की सर्विस में जुनेजा ने कभी पुअर पोस्टिंग नहीं की। ऐसी किस्मत आईएएस, आईपीएस में कम ही अफसरों को मिलती है।

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