छत्तीसगढ़ के महावृक्षारोपण अभियान में झलक रही विविधता, सीएम विष्णुदेव के निर्देश पर ग्रामीण इलाकों फलदार तो शहरों में लगाए जा रहे छायादार पौधे

CM Vishnudeo: छत्तीसगढ़ की संस्कृति अपनी अति विशिष्ट परंपराओं और पर्वों के लिए जानी जाती है और हर पर्व, प्रकृति के पीछे गहरे समर्पण की मिसाल देता है।

Update: 2024-08-16 09:00 GMT

CM Vishnudeo रायपुर। छत्तीसगढ़ की संस्कृति अपनी अति विशिष्ट परंपराओं और पर्वों के लिए जानी जाती है और हर पर्व, प्रकृति के पीछे गहरे समर्पण की मिसाल देता है। हरियाली को लेकर ऐसा ही दुर्लभ पर्व हरेली है, जब पूरी धरती हरीतिमा की चादर ओढ़ लेती है। धान के खेतों में रोपा लग जाता है और खेतों में चारों ओर प्रकृति अपने सुंदर नजारे में अपने को व्यक्त करती है। धरती माता का पूरा स्नेह पृथ्वीवासी या हर जीव-जन्तु पर उमड़ता है और इस स्नेह के प्रतिदान के लिए हम प्रकृति को पूजते हैं। इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक पेड़ माँ के नाम पर लगाने के अभियान का आगाज किया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में यह अभियान पूरे उत्साह से चल रहा है। मुख्यमंत्री ने हरेली के अवसर पर लोगों से पेड़ लगाने की अपील की है। यह पेड़ वे अपनी मां के नाम लगाएंगे साथ ही धरती मां के नाम लगाएंगे, जो धरती हमें इतना कुछ देती है, उसके श्रृंगार के लिए पौधा लगाएंगे और सहेजेंगे। यह पौधा हमारी हरेली की स्मृतियों को सुरक्षित रखने के लिए भी यादगार होगा। साथ ही प्रदेश भर में जहां भी खुले मैदानों में पौधरोपण के आयोजन होंगे वहां लोग गेड़ी का आनंद भी लेंगे। अपनी प्रकृति और परिवेश से जुड़ने और इसे समृद्ध करने से बढ़कर सुख और क्या होगा। ’एक पेड़ मां के नाम’ एक अनूठा वृक्षारोपण अभियान का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ मातृत्व का सम्मान, हरे-भरे परिदृश्य को और अधिक हराभरा बनाना है। इस अभियान के तहत हर व्यक्ति को अपनी मां के सम्मान में एक पौधा लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस विचार के पीछे एक गहरा भावनात्मक तत्व है, जो मां के अनमोल योगदान का प्रतीक है।

देश में 140 करोड़ वृक्षों के रोपण का लक्ष्य

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर एक पेड़ मां के नाम वृक्षारोपण अभियान का शुभारंभ किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत देश में सितम्बर 2024 तक 80 करोड़ एवं मार्च 2025 तक 140 करोड़ वृक्षों के रोपण का लक्ष्य है। ‘एक पेड़ मां के नाम‘ महावृक्षारोपण अभियान के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में 2 करोड़ 75 लाख पौधों का रोपण एवं वन विभाग द्वारा वन एवं वनेत्तर क्षेत्रों में 03 करोड़ 95 लाख 85 हजार पौधों का रोपण किया किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ में सीएम ने किया था अभियान का आगाज

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य में 4 जुलाई को ’एक पेड़ माँ के नाम’ वृक्षारोपण महाअभियान की शुरुआत की थी। उन्होंने रायपुर स्थित अपने निवास पर दहीमन का पौधा लगाया और नागरिकों से अपनी माँ के नाम पर एक पेड़ लगाने का आग्रह किया। सरगुजा क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला दहीमन का पौधा अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है और इसका उपयोग विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में क्रियान्वित इस अभियान के तहत लोग अपनी माता कि सम्मान में पेड़ लगाने के अलावा अपनी आस्था के अनुसार देवी-देवताओं के नाम पर भी पौधे लगा रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में पेड़ लगाने का यह अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह मातृत्व का सम्मान करने का एक अनूठा तरीका भी है। यह अभियान न केवल छत्तीसगढ़ के लोगों को प्रकृति के प्रति जागरूक बना रहा है, बल्कि उन्हें अपनी जड़ों से जोड़ने का काम भी कर रहा है।

छत्तीसगढ़ में 2 करोड़ 75 लाख पौधों का रोपण

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ’एक पेड़ माँ के नाम’ वृक्षारोपण महाअभियान के तहत वृक्षारोपण स्थलों का नामकरण स्थानीय देवी-देवताओं के नाम से करने का आह्वान किया है। सभी जिलों में ग्राम एवं पंचायत स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर जनप्रतिनिधियों की भागीदारी से वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में 2 करोड़ 75 लाख पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में वनों की कटाई और प्रदूषण की बढ़ती समस्या को देखते हुए, इस अभियान का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक पेड़ लगाकर पर्यावरण को सुरक्षित रखना है। हर व्यक्ति के जीवन में मां का स्थान विशेष होता है। इस अभियान के माध्यम से, लोग अपनी मां के प्रति अपने प्रेम और सम्मान को व्यक्त कर सकते हैं।

फलदार पौधों का किया जा रहा रोपण

‘एक पेड़ मां के नाम‘ महावृक्षारोपण अभियान के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में आम, जामुन, बेल, कटहल, सीताफल, अनार, शहतूत, बेर, तेन्दू, गंगाईमली जैसे फलदार पौधे तथा लघु वनोपज एवं औषधीय प्रजाति के पौधों जैसे-हर्रा, बहेड़ा, आंवला, नीम, पुत्रजीवा, काला सिरस, रीठा, चित्रक आदि प्रजातियों के पौधों का रोपण हो रहा है। शहरी क्षेत्रों में छायादार प्रजातियां बरगद, पीपल, मौलश्री, कदम, पेल्ट्राफार्म, गुलमोहर, करंज, अशोक, अर्जुन के साथ अन्य प्रजातियों का रोपण किया जा रहा है। अभियान अंतर्गत सभी स्कूलों, छात्रावासों, आंगनवाड़ी केन्द्र, पुलिस चौकी, अस्पताल, शासकीय परिसर, शासकीय एवं अशासकीय भूमि, विभिन्न औद्योगिक संस्थानों की रिक्त भूमि पर इस महावृक्षारोपण अभियान के अंतर्गत वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा है।

लोगों को किया जा रहा जागरूक

‘एक पेड़ मां के नाम‘ महावृक्षारोपण अभियान को सफल बनाने के लिए प्रचार-प्रसार विभिन्न माध्यमों, सोशल मीडिया, रेडियो, और टीवी के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। वन विभाग द्वारा विभिन्न प्रजातियों के पौधों की व्यवस्था की गई, जो स्थानीय वातावरण के अनुकूल हों। प्रत्येक जिले में वृक्षारोपण के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है, जहां जनसमुदाय अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए अपनी मां के नाम पर पौधा लगा रहे है। अभियान की शुरुआत के कुछ ही दिनों में अपार सफलता मिली।

अब तक डेढ़ करोड़ पौधों का रोपण

छत्तीसगढ़ में एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत जून माह में 13 लाख और जुलाई माह में 1 करोड़ 38 लाख पौधों का रोपण किया जा चुका है। अगस्त माह के मध्य तक डेढ़ करोड़ पौधों का रोपण किया जा चुका है। वहीं माह के अंत तक राज्य में कुल 2 करोड़ 75 लाख पौधों का रोपण किया जाएगा। वन विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत 3 करोड़ 95 लाख 85 हजार से अधिक पौधे लगाकर वनीकरण एवं पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है।

मां की तरह करें सेवा जतनः साव

उप मुख्यमंत्री अरुण साव का कहना है कि ’एक पेड़ मां के नाम’ देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चलाया गया अभियान है। सबसे पवित्र रिश्ता मां का होता है। मां कष्ट सहकर बच्चों का पालन-पोषण करती है। इसलिए मां की सेवा और समर्पण पर श्रद्धा भाव अर्पित करते हुए हम सभी को उनके नाम एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए। मां-बाप की तरह ही उसकी सेवा-जतन करना चाहिए।

जंगल सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारीः कश्यप

वन मंत्री केदार कश्यप का कहना है कि इस अभियान के तहत पूरे प्रदेश में 3 करोड़ 95 लाख से ज्यादा पौधे लगाएं जाएंगे। उन्होंने इस अभियान को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने जो पौधा उपस्थित महिलाओं को दिया है, उसका रोपण और देखभाल उनकी जिम्मेदारी है। बस्तर के जंगलों में प्रभु श्रीराम के चरण पड़े हैं, यही कारण है कि बस्तर के जंगलों में एक भी कांटे नहीं हैं, हमारे जंगल हमारी संस्कृति और परंपरा के प्रतीक हैं इसलिए जंगलों को सुरक्षित रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।

प्रदूषण नियंत्रण में महत्वपूर्ण कदमः विजय शर्मा

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इस महाभियान को लेकर कहा कि पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखने के लिए पेड़-पौधे लगाना जरूरी हैं। ये हमें जीवन के लिए आक्सीजन, खाने के लिए फल और गर्मी में छांव देते हैं। धरा को हरा-भरा करने एवं जीवन को बचाने के लिए पेड़ लगाना चाहिए। ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान आक्सीजन की मात्रा बढ़ाने, धरती का तापमान कम करने, भूजल स्तर को ऊपर लाने और प्रदूषण नियंत्रण में महत्वपूर्ण योगदान होगा। इस प्रकार के अभियानों से हम एक हरित और स्वच्छ भविष्य की कल्पना कर सकते हैं।

बच्चों की तरह करें देखभालः राजवाड़े

महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े का कहना है कि जीने के लिए सांस और सांस लेने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत धरती के सभी जीवों के लिए हमेशा बना रहेगा। वृक्षों से जीवनदायिनी ऑक्सीजन मिलती है, इसका मतलब पेड़ पौधों के बिना मानव और जीव जंतुओं का जीवन संभव नहीं है। हर साल बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया जाता है लेकिन उसमें से कितने पौधे जीवित बचते हैं। इसका आंकलन करना जरुरी है। जिस प्रकार मां-बाप अपने बच्चों की देखभाल तब-तक करते हैं, जब तक वे अपने पैरों पर खड़े नहीं हो जाते। उसी प्रकार पौधे लगाने के बाद 5-6 साल तक भली-भांति देख-रेख करना जरूरी है।

छत्तीसगढ़ को हरियर प्रदेश बनाना हैः वर्मा

कैबिनेट मंत्री टंक राम वर्मा का कहना है कि छत्तीसगढ़ को हरियर प्रदेश बनाना है। इस प्रतिबद्धता को पूरा करने आप सभी अपने खेत, खलिहान और जहां भी खाली जमीन मिलता है वहां पेड़ जरूर लगाएं। उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर हर प्राणी को जीने के लिए ऑक्सीजन की जरुरत होती है जो पेड़ से मिलती है। उन्होंने कहा कि स्वयं पेड़ लगाएं एवं समाज के लोगों को भी पेड़ लगाने के लिए प्रेरित कर्रे।

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