छत्तीसगढ़ के मानिकपुर जंगल में बाघ की चहल कदमी, पंजे के निशान मिलने से हड़कंप...
मानिकपुर की वादियों से एक अच्छी खबर निकलकर आ रही है। जंगल में दो मवेशियों का शिकार हुआ है। जो पग मार्क मिले है वह बाघ का है। वन अगसरों के साथ ही पर्यावरण प्रेमी इस खबर से खासे उत्साहित हैं।
सरगुजा. बलरामपुर जिले के धमनी वन परिक्षेत्र में वन्य प्राणी के फुटप्रिंट (पदचिन्ह) मिले हैं। दो दिन पहले दो मवेशियों का शिकार वन्य प्राणी ने किया था। मिले पग मार्क को देख कर बाघ होने की संभावना जताई जा रही है। इसके पदचिन्ह की जांच की जा रही है। इस क्षेत्र में पहले भी बाघ का मूवमेंट हो देखा गया है।
छत्तीसगढ़ के गुरुघासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व और झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व के बीच बलरामपुर जिले का बड़ा वन क्षेत्र आता है। इस वनक्षेत्र से होकर बाघों का मूवमेंट होते रहा है। बाघ कारीडोर के रूप मेंइस वन क्षेत्र क पहचान बन रही है. दो दिन पहले बलरामपुर जिले के मानिकपुर से लगे जंगल में दो मवेशियों का वन्य प्राणी ने शिकार किया था। एक मवेशी की मौके पर ही मौत हो गई थी। दूसरा मवेशी घायल था।
बाद में उसकी भी मौत हो गई थी। शिकार के बाद मवेशी को खाने के लिए भी वन्य प्राणी आया था, इसी बीच कई स्थानों पर पैरों के निशान भी मिले हैं. पग मार्क के आधार पर क्षेत्र में बाघ के विचरण की बात कही जा रही है। शिकार के बाद मृत मवेशी का मांस खाने के लिए बाघ ही आता है लेकिन ट्रैप कैमरे नहीं लग पाने के कारण उसकी तस्वीर कैद नहीं हो सकी थी।
डीएफओ अशोक तिवारी का कहना है कि वन्य जीव को किसी ने अभी तक देखा नहीं है। यह बाघ है या तेंदुआ. फ़िलहाल यह अभी स्पष्ट नहीं है। पदचिन्हों की जांच चल रही है। वन कर्मचारियों द्वारा ग्रामीणों को समझाइश दी जा रही है कि कोई भी जंगल की तरफ न जाएं। अपने घरों में सुरक्षित रहें। बाघ के मूवमेंट पर नजर रखने का प्रयास किया जा रहा है। लगातार गश्त भी किया जा रहा है।