CG स्कूल शिक्षा विभाग का कमालः एक संभाग, दो-दो JD, एक जबरदस्ती बिना आदेश किया ज्वाइन, दूसरा वेतन के लाले, सरकार को अभ्यावेदन दे रोया दुखड़ा

शिक्षक पोस्टिंग घोटाले में स्कूल शिक्षा विभाग ने एक अगस्त 2023 को आदेश जारी कर सरगुजा संभाग के प्रभारी संयुक्त संचालक शिक्षा हेमंत उपाध्याय को निलंबित कर दिया था। संभाग आयुक्त की जांच में उनके विरुद्ध सहायक शिक्षक से शिक्षक के पद में पदोन्नति के पश्चात पदस्थापना आदेश में बड़ी संख्या में भ्रष्टाचार कर नियम विरुद्ध संशोधित पद्स्थापना आदेश जारी करने के आरोप सही पाया गया था।

Update: 2024-02-07 16:17 GMT

रायपुर/अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग में इन दिनों कुर्सी को लेकर अजीब रस्साकशी मची हुई है। आलम यह है कि एक संभाग में दो-दो ज्वाइंट डायरेक्टर हो गए हैं। शिक्षक पोस्टिंग घोटाले में अंबिकापुर के ज्वाइंट डायरेक्टर सस्पेंड किए गए थे। सरकार जब बदल रही थी, उस दौरान उन्हें हाई कोर्ट से स्टे मिल गया। जेडी ने बिना आदेश की प्रतीक्षा किए पहले वाले जेडी की कुर्सी पर जाकर कब्जा जमा लिए। बता दें, शिक्षक पोस्टिंग घोटाले में चार जेडी सस्पेंड हुए थे। इनमें से तीन को सरकार ने हाई कोर्ट के स्टे के बाद डीपीआई में पोस्टिंग कर दी है। मगर अंबिकापुर के जेडी रहे हेमंत उपध्याय की पोस्टिंग फाइल कहां है किसी को पता नहीं। दरअसल, उनका भी डीपीआई में पोस्टिंग होनी थी। मगर एक लॉबी का प्र्रेशर है कि उन्हें अंबिकापुर में ही जेडी पोस्ट किया जाए। इस चक्कर में उनकी फाइल इधर से उधर हो रही है। उधर बिना आदेश वे कुर्सी पर बैठ काम शुरू कर दिए हैं। यहां तक कि अंबिकापुर के संभाग आयुक्त ने उन्हें डीडीओ पावर भी दिला दिया है।

ज्ञातव्य है, शिक्षक पोस्टिं्रग घोटाले में स्कूल शिक्षा विभाग ने एक अगस्त 2023 को आदेश जारी कर सरगुजा संभाग के प्रभारी संयुक्त संचालक शिक्षा हेमंत उपाध्याय को निलंबित कर दिया था। संभाग आयुक्त की जांच में उनके विरुद्ध सहायक शिक्षक से शिक्षक के पद में पदोन्नति के पश्चात पदस्थापना आदेश में बड़ी संख्या में भ्रष्टाचार कर नियम विरुद्ध संशोधित पद्स्थापना आदेश जारी करने के आरोप सही पाया गया था। इसके बाद विभाग ने उन्हें निलंबित कर दिया था। इस मामले में प्रकरण में हेमंत उपाध्याय के अलावा रायपुर दुर्ग तथा बिलासपुर में पदस्थ संयुक्त संचालकों को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए सभी का मुख्यालय लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर निर्धारित किया गया था। वर्तमान में सभी के विरुद्ध शासन स्तर से आरोप पत्र जारी कर विभागीय जांच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। हेमंत उपाध्याय के निलंबित होने के बाद शासन ने जशपुर के जिला शिक्षा अधिकारी संजय गुप्ता को संयुक्त संचालक शिक्षा सरगुजा संभाग के पद पर प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरित कर पदस्थ किया गया था। आदेश के परिपालन में संजय गुप्ता ने 21 अगस्त 2023 को संयुक्त संचालक शिक्षा सरगुजा संभाग के पद पर कार्यभार ग्रहण कर लिया।

उपरोक्त निलंबन आदेश के विरुद्ध हेमंत उपाध्याय व बिलासपुर, रायपुर व दुर्ग के संयुक्त संचालकों ने उच्च न्यायालय में याचिका लगाई और निलंबन आदेश के खिलाफ बहाली पा ली। उच्च न्यायालय का फैसला इस संबंध में 14 दिसंबर 2023 को आया था। आदेश के परिपालन में हेमंत उपाध्याय को निलंबन अवधि में शासन के द्वारा निर्धारित मुख्यालय में उपस्थिति देते हुए तत्तसंबंध में आवेदन शासन को देना था तथा शासन से समुचित निर्देश/ आदेश पारित होने के उपरांत कार्य ग्रहण संबंधी कार्यवाही करना था।

अंबिकापुर के जेडी संजय गुप्ता ने स्कूल शिक्षा विभाग को अभ्यावेदन देकर कहा है कि हेमंत उपध्याय द्वारा बिना विभाग से पोस्टिंग आदेश निकले काम शुरू कर दिया गया है। जबकि नियमानुसार आज तक संजय गुप्ता ने उन्हें प्रभार नही सौंपा। संजय गुप्ता ने 21 दिसंबर 2023 को पत्र लिखकर शासन से उपरोक्त स्थिति में कार्यों के संपादन व खुद के वेतन भुगतान के संबंध में मार्गदर्शन मांगा जो आज तक उन्हें नहीं मिल पाया।

ये है जेडी संजय गुप्ता का अभ्यावेदन

प्रमोशन के उपरांत नियमों के विपरीत किए गए प्रस्तावना प्रकरण में निलंबन के विरुद्ध उच्च न्यायालय ने हेमंत उपाध्याय के अलावा रायपुर दुर्ग तथा बिलासपुर के संयुक्त संचालक को के कुमार जीएस मरकाम वी एस के प्रसाद को शासन ने आदेश जारी कर 17 जनवरी 2024 को निलंबन से बहस करते हुए लोक शिक्षण कार्यालय में पदस्थ किया है। पर हेमंत उपाध्याय संयुक्त संचालक शिक्षा सरगुजा के विरुद्ध शासन स्तर से विभागीय अनुशासनिक प्रकरण प्रक्रियाधीन होने के बावजूद न तो उच्च न्यायालय के आदेश 14 दिसंबर को निलंबन से बहाल किए जाने अथवा अन्यत्र पद्स्थापना संबंधी कोई भी आदेश पर्यंत तक जारी नहीं हुआ हैं।

हेमंत उपाध्याय को प्रभारी संयुक्त संचालक शिक्षा सरगुजा संभाग के पद पर रहते हुए इसी कार्यालय में शिक्षकों के पदोन्नति उपरांत नियम विरुद्ध पदस्थापना आदेश में संशोधन किए जाने के कारण इन्हें निलंबित किया गया है। जिसका विभागीय जांच शासन स्तर पर प्रक्रियाधीन है। ऐसी स्थिति में हेमंत उपाध्याय द्वारा उसी कार्यालय में कार्य ग्रहण किए जाने से तत्संबंधी कार्यालयीन अभिलेखों/ साक्ष्यों/ जांच को प्रभावित किए जाने की पूरी संभावना भी है। जिसके चलते योगेश गुप्ता ने शासन को लिखे अपने पत्र में किसी भी स्थिति के लिए हेमंत उपाध्याय को जिम्मेदार बताया है। साथ ही कहा है कि विभागीय जांच की कार्यवाही स्वतंत्रत व निष्पक्ष रूप से पूर्ण होने के लिए आवश्यक है कि निलंबन से बहाली के उपरांत उसी पद व स्थान पर हेमंत उपाध्याय की पदस्थापना नियमानुसार नहीं होना चाहिए।

संजय गुप्ता के शासन को लिखे पत्र के अनुसार उच्च न्यायालय के द्वारा 14 दिसंबर को हेमंत उपाध्याय का निलंबन से बहाली करने का जो आदेश जारी हुआ था उसके परिप्रेक्ष्य में शासन द्वारा हेमंत उपाध्याय को बहाल करने और संयुक्त संचालक शिक्षा अंबिकापुर का पदभार ग्रहण करने संबंधी कोई निर्देश जारी नहीं हुआ है। हेमंत उपाध्याय के द्वारा खुद से होकर संयुक्त संचालक शिक्षा सरगुजा के दायित्व का निर्वहन किया जा रहा है। साथ ही सरगुजा संभाग के आयुक्त से आहरण व संवितरण अधिकार का आदेश भी करा कर वित्तीय कार्य भी संपादित कर रहे हैं। अपने अधिकारों का फायदा उठा हेमंत उपाध्याय ने दिसंबर 2023 तक का अपना पूरा वेतन आहरित कर लिया हैं। जिसमें निलंबन अवधि का भी वेतन शामिल है। संजय गुप्ता ने अपने पत्र में बताया है कि हेमंत उपाध्याय ने खुद के निलंबन अवधि का भी वेतन जारी करवा लिया पर उनका ( संजय गुप्ता) का वेतन रोक दिया।।

संजय गुप्ता की पद्स्थापन स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश से संयुक्त संचालक शिक्षा के पद पर हुई है। पर वर्तमान स्थिति में वे अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन से वंचित है। उन्हें दिसंबर 2023 से वेतन प्राप्त भी नही है। संजय गुप्ता को पिछले 8 माह से पत्नी के स्वास्थ्य संबंधी समस्या को लेकर परेशान है । संजय गुप्ता ने इन बातों को पत्र में लिखकर शासन को अवगत करवाने के अलावा यह भी बताया है कि मेरे प्रकरण का निराकरण नहीं होने से मैं अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन से वंचित है जिसके चलते वे मानसिक रूप से व्यथित है और वह विभागीय तौर पर उपेक्षित महसूस कर रहे हूं। 

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