CG News: छत्तीसगढ़ के नौनिहालों की पौष्टिकता बढ़ाने में कारगर होगा सीएम विष्णुदेव की न्यौता भोज योजना

CG News: छत्तीसगढ़ सरकार बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए समाज की इसी परम्परा का सहारा ले रही है। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना में समुदाय की भागीदारी जोड़ते हुए न्योता भोजन की अनूठी पहल की गई है।

Update: 2024-03-06 08:26 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ में दानवीर लोगों की कमी नहीं है। वैसी भी दान देने की परम्परा हमारे समाज में प्राचीन काल से चली आ रही है। यहां नई फसल की खुशी में छेरछेरा पर्व में दान देने की परंपरा है। यह हमारे समाज की दानशीलता का उदाहरण है। हमारे शास्त्रों में भी अन्नदान को महादान की संज्ञा दी गई है।

छत्तीसगढ़ सरकार बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए समाज की इसी परम्परा का सहारा ले रही है। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना में समुदाय की भागीदारी जोड़ते हुए न्योता भोजन की अनूठी पहल की गई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने गृह ग्राम बगिया में आश्रम शाला के बच्चों को अपने जन्मदिवस पर न्योता भोजन कराते हुए इस योजना की शुरूआत की है।

छत्तीसगढ़ में स्कूली बच्चों को अब नियमित रूप से मिल रहे भोजन के अलावा समाज के अग्रणी और सक्षम लोगों के जरिए न्योता भोजन में पौष्टिक और रूचिकर खाद्य सामग्री मिलेगी। ‘न्योता भोजन’ तीन प्रकार के हो सकते हैं-पूर्ण भोजन (शाला की सभी कक्षाओं हेतु), आंशिक पूर्ण भोजन (शाला के किसी कक्षा विशेष हेतु), अतिरिक्त पूरक पोषण सामग्री।

दान-दाताओं द्वारा प्रदान किया जाने वाला खाद्य पदार्थ अथवा सामग्री उस क्षेत्र के खान-पान की आदत (फुड हैबिट) के अनुसार होनी चाहिए। पूर्ण भोजन की स्थिति में नियमित रूप से दिये जाने वाले भोजन के समान बच्चों को दाल, सब्जी और चावल सभी दिया जाना है। फल, दूध, मिठाई, बिस्किट्स, हलवा, चिक्की, अंकुरित खाद्य पदार्थ जैसे सामग्री, जो बच्चों को पसंद हो का चुनाव अतिरिक्त पूरक पोषण सामग्री के रूप में किया जा सकता है। पौष्टिक एवं स्वादिष्ट मौसमी फलों का चयन भी पूरक पोषण सामग्री के रूप में किया जा सकता है।

न्योता भोजन का उद्देश्य समुदाय के बीच अपनेपन की भावना का विकास, भोजन के पोषक मूल्य में वृद्धि तथा सभी समुदाय वर्ग के बच्चों में समानता की भावना विकसित करना है। इस योजना में समाज के अग्रणी और सक्षम लोगों के अलावा कोई भी सामाजिक संगठन, स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को पूर्ण भोजन का योगदान कर सकते हैं अथवा अतिरिक्त पूरक पोषण के रूप में खाद्य सामग्री का योगदान कर सकते हैं। यह स्कूल में दिए जाने वाले भोजन का विकल्प नहीं होगा, बल्कि यह विद्यार्थियों को दिए जा रहे भोजन का पूरक होगा।

न्योता भोजन समुदाय के सक्षम लोग भी विवाह के वर्षगांठ, जन्मदिन, राष्ट्रीय पर्व आदि विशेष अवसरों पर भी स्कूली बच्चों को पौष्टिक भोज्य पदार्थ उपलब्ध करा सकेंगे। यह पूर्ण रूप से ऐच्छिक होगा। दानदाता स्कूली बच्चों को मौसमी फल, दूध, मिठाई, बिस्किट, हलवा, अंकुरित खाद्य पदार्थ आदि वितरित कर सकते हैं। न्यौता भोजन के लिए बच्चों की रूचि के अनुरूप दानदाता खाद्य पदार्थ का चयन कर सकते हैं।

‘न्योता भोजन’ में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना से लाभांवित हो रहे बच्चों को अतिरिक्त खाद्य पदार्थ या पूर्ण भोजन के रूप में पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन प्रदाय किया जा सकेगा। इस योजना के संचालन के लिए शाला विकास समिति को जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह समिति समुदाय में ऐसे दान दाताओं की पहचान करेगी, जो रोटेशन में माह में कम से कम एक दिन शाला में ‘न्योता भोजन’ करा सके। दान दाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें शाला की प्रार्थना सभा अथवा वार्षिक दिवस में सम्मानित भी किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के जन्मदिवस के अवसर पर जिले में आज न्योता भोजन कार्यक्रम का आयोजन सभी आश्रम एवं छात्रावास में किया गया। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना अन्तर्गत न्योता भोजन कार्यक्रम जनसहभागिता से आयोजित किया गया। बच्चों को पौष्टिक एवं स्वादिष्ट भोजन दिया गया। बच्चों को खीर, पूड़ी, पुलाव, गुलगुला भजिया, सलाद एवं अन्य स्वादिष्ट व्यंजन परोसे गए। खुशी के माहौल में बच्चों ने स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठाया। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के जन्मदिन को न्योता भोजन के रूप में उत्साह एवं खुशी के साथ मनाया गया।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना अन्तर्गत शालेय अवधि में बच्चों को गर्म भोजन उपलब्ध कराया जाता है। यह योजना भारत सरकार के साथ राज्य शासन की भी अति महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना की गाईडलाईन में सामुदायिक आधार पर तिथि भोजन का प्रावधान किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य में इसे न्योता भोजन के नाम से लागू किया गया है। न्योता भोजन की अवधारणा एक सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है। यह विभिन्न त्यौहारों या अवसरों जैसे वर्षगांठ, जन्मदिन, विवाह और राष्ट्रीय पर्व आदि पर बड़ी संख्या में लोगों को भोजन प्रदान करने की भारतीय परम्परा पर आधारित है। समुदाय के सदस्य ऐसे अवसरों एवं त्यौहारों पर अतिरिक्त खाद्य पदार्थ या पूर्ण भोजन के रूप में बच्चों को पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन प्रदान कर सकते हैं। न्योता भोजन पूरी तरह स्वैच्छिक है और समुदाय के लोग अथवा कोई भी सामाजिक संगठन या तो पूर्ण भोजन का योगदान कर सकते हैं या अतिरिक्त पूरक पोषण के रूप में मिठाई, नमकीन, फल या अंकुरित अनाज आदि के रूप में खाद्य सामग्री का योगदान कर सकते हैं। न्योता भोजन शाला में दिये जाने वाले भोजन का विकल्प नहीं है, बल्कि यह केवल शाला में प्रदान किये जाने वाले भोजन का पूरक है। न्योता भोजन समुदाय के बीच अपनेपन की भावना विकसित करने में मदद करेगा। यह प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना अन्तर्गत प्रदान किये जाने वाले भोजन के पोषक मूल्य में वृद्धि करने में मदद करेगा। यह शाला और स्थानीय समुदाय के मध्य आपसी तालमेल के विकास में सहायक होगा। सभी समुदाय, वर्ग के बच्चों में समानता की भावना पैदा करने में मदद करना। पूरक पोषण के माध्यम से न्योता भोजन बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को और मजबूत करने में मदद करेगा।

शुक्रवार को बस्तर कलेक्टर विजय एवं जिला पंचायत सीईओ श्री प्रकाश सर्वे ने स्कूली बच्चों को भोजन परोस कर कर उपस्थित समाज के सदस्यों और पत्रकारों के साथ न्योता भोजन किया। शहर के टाउन हॉल में आयोजित न्योता भोजन में प्रशासन के साथ-साथ मैत्री संघ और बौद्ध समाज के पदाधिकारियों द्वारा सहयोग से आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में समाजों के प्रतिनिधियों ने भी अपना वक्तव्य दिया। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान, बीईओ एम भारद्वाज सहित शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना के अंतर्गत आज ’’न्योता भोजन’’ का प्राथमिक शाला माधोपारा हारम, विकास खण्ड गीदम में आयोजन किया गया। जिसमें दंतेवाड़ा जिले के कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कुमार बिश्वरंजन पुलिस अधीक्षक गौरव राय, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व दंतेवाड़ा श्री जयंत नहाटा अनुविभागीय अधिकारी राजस् अभिषेक तिवारी, जिला शिक्षा अधिकारी श्री राजकुमार कठौते द्वारा पौष्टिक और स्वादिष्ट ’’न्योता भोजन’’ खीर, पूरी, सब्जी, दाल-चावल आदि परोसा। अधिकारियों ने नन्हें स्कूली विद्यार्थियों के साथ पंक्ति में बैठकर भोजन किए।

ज्ञात हो कि छ.ग. शासन ने स्कूलों में ’’न्योता भोजन’’ की शुरुआत की है। इसके तहत कोई भी व्यक्ति, संगठन या फिर समाज के लोग सरकारी स्कूलों में भोजन दे सकेंगे। न्योता भोजन का उद्देश्य भोजन के पोषक मूल्य में वृद्धि, समुदाय के बीच अपनेपन की भावना विकसित करना है। जिला कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने विद्यार्थियों के साथ चर्चा की, विद्यार्थियों द्वारा की गई मांग की पूर्ति भी कलेक्टर ने किया। इसके अलावा कलेक्टर द्वारा विद्यार्थियों के साथ क्रिकेट भी खेला। स्कूली विद्यार्थियों के चेहरे में बहुत खुशी नजर आई। अधिकारियों ने स्कूल के शिक्षकों, शाला प्रबंधन समिति एवं सैकड़ों की संख्या में आए पालक एवं ग्रामीणों से चर्चा की। ’’न्योता भोजन’’ कार्यक्रम में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी गीदम शेख रफीक, खण्ड स्त्रोत समन्वयक जितेंद्र शर्मा, संकुल समन्वयक वसंत पाल स्कूल के समस्त शिक्षक, एस एम सी सदस्य सहित ग्रामीण उपस्थित रहे।

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