CG NAN Scam: ED छापे के बाद गिरोह ने वसूले 22 करोड़, कोल लेवी की तर्ज पर 20रुपये प्रति क्विंटल मिलरों से की गई वसूली

CG NAN Scam: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान घोटाले की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है, राइस मिलर्स भी संगठित गिरोह का हिस्सा बन गए थे। दुस्साहस ऐसा कि ED की छापेमारी के बाद मिलर्स ने 22 करोड़ वसूल लिए।

Update: 2025-10-10 07:53 GMT

CG NAN Scam: रायपुर। छत्तीसगढ़ में हुए 140 करोड़ रुपए के कस्टम मिलिंग घोटाले में अफसर और कारोबारी ही नहीं, राइस मिलर्स की भी बड़ी भूमिका सामने आई है। प्रवर्तन निदेशालय ED द्वारा स्पेशल कोर्ट में पेश1500 पन्नों की चार्जशीट में इस बात का सनसनीखेज खुलासा किया है कि राइस मिलर्स ने भी घोटालेबाज अफ़सरों के साथ मिलकर मोटी कमाई की।

चार्जशीट के मुताबिक रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा, कारोबारी अनवर ढेबर, सिद्धार्थ सिंघानिया, रोशन चंद्राकर, छत्तीसगढ़ स्टेट राइस मिलर्स एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट कैलाश रूंगटा और पारसमल चोपड़ा, तत्कालीन प्रबंध संचालक मनोज सोनी और डिस्ट्रिक्ट मार्केटिंग अधिकारी पूजा केरकेट्टा घोटाले में शामिल थे। ED की जांच में सामने आया है कि इन सभी ने तत्कालीन सरकार में कस्टम मिलिंग दरों को जानबूझकर बढ़वाया।

कोल स्कैम की तर्ज पर नान स्कैम

कोल स्कैम की तर्ज पर राइस मिलरों के माध्यम से धान उठाव की मात्रा के आधार पर 20 रुपए प्रति क्विंटल की दर से अवैध वसूली की गई। रोशन ने कांकेर के दुधावा जलाशय में राइस मिलर्स की मीटिंग में इसके निर्देश दिए थे।

ईडी की जांच में सामने आया है कि इन सभी ने तत्कालीन सरकार में कस्टम मिलिंग दरें जानबूझकर बढ़वाईं, ताकि मिलर्स से धान उठाव की मात्रा के आधार पर प्रति क्विंटल 20 रुपए की अवैध वसूली की जा सके। वसूली करने रोशन चंद्राकर ने कांकेर के दुधावा जलाशय में राइस मिलर्स के साथ बैठक की थी।

EOW की चार्जशीट में पूर्व IAS पर साजिश रचने का दावा

EOW की चार्जशीट के अनुसार, खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के लिए हुई बैठक में अनिल टुटेजा ने 104 लाख मैट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान पेश किया। इस बैठक में उन्होंने रोशन चंद्राकर के साथ मिलकर खाद्य सचिव को चावल के लिए केंद्रीय कोटा मांगने के निर्देश भी दिए। जबकि 2020-21 में 24 लाख मैट्रिक टन का कोटा ही मिलर्स द्वारा पूरा करना मुश्किल हुआ था। अनुमानित उपार्जन के समाधान के लिए कस्टम मिलिंग में मिलरों को विशेष प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की योजना बनाई गई, जिससे कथित रूप से अवैध वसूली की जा सके।

मिलर्स से रोशन ने घूम घूमकर की वसूली

चार्जशीट के अनुसार, रोशन चंद्राकर ने पदभार संभालने के बाद राइस मिलर्स से घूम-घूमकर वसूली की। जो कारोबारी पैसे देने से पीछे हटे, उनके मिल में छापा डलवाया गया।

कांग्रेस पार्टी को भी फंडिंग

EOW का आरोप है कि अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा ने पद का दुरुपयोग करते हुए करीब 22 करोड़ रुपए कमीशन के रूप में वसूले। यह राशि कांग्रेस पार्टी के फंड में भी जाने का उल्लेख है।।पूरे घोटाले में कुल 140 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध वसूली हुई। जिन कारोबारियों ने इसका विरोध किया, उनके मिलों में छापेमारी कराई गई।

कस्टम मिलिंग घोटाला टाइमलाइन

  • अक्टूबर 2023- ED को 140 करोड़ रुपये से अधिक के कस्टम मिलिंग वसूली घोटाले का सुराग मिला।
  • 23 अक्टूबर 2023- ED ने खुशी वाटिका, रायपुर में मनोज सोनी के आवास और राइस मिलर्स के ठिकानों पर छापा मारा।
  • 29 जनवरी 2024- EOW ने इस मामले में आधिकारिक तौर पर FIR दर्ज की।
  • 1 फरवरी 2024- EOW ने कोर्ट में पहला चालान पेश किया (3500 पेज का दस्तावेज़)।
  • अप्रैल 2024- मनोज सोनी को गिरफ्तार किया गया। रोशन चंद्राकर की भी गिरफ्तारी।
  • 27 मई 2024-ED ने रोशन चंद्राकर को कोर्ट में पेश किया।
  • फरवरी 2025- EOW ने मामले में 3500 पेज का पहला चालान कोर्ट में पेश किया।
  • 10 जुलाई 2025- अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा को ईओडब्ल्यू ने औपचारिक रूप से रिमांड पर लिया।
  • जुलाई 2025- दोनों को पूछताछ के लिए 11 दिन की रिमांड पर भेजा गया।
  • 21 जुलाई 2025- अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर से पूछताछ की अंतिम तारीख निर्धारित ।
  • जुलाई (2025)- EOW जल्द दूसरा चालान पेश कर सकती है।

कस्टम मिलिंग स्कैम में किसकी क्या भूमिका ?

  • मनोज सोनी, मार्कफेड के पूर्व MD- भूमिका-राइस मिलर्स को कस्टम मिलिंग के बदले भुगतान करने की जिम्मेदारी थी। रौशन चंद्राकर के बताए गए मिलर्स को राशि जारी करना।
  • रोशन चंद्राकर मिलर्स एसोसिएशन कोषाध्यक्ष- भूमिका-राइस मिलर्स से प्रति क्विंटल 20 रुपए वसूली कर मनोज सोनी को देता था।
  • प्रीतिका पूजा केरकेट्टा मार्कफेड अधिकारी- भूमिका-डीईओ काटने का काम । रोशन के कहने पर चिन्हित मिलर्स का डीईओ काटती थी।
  • अनवर ढेबर कारोबारी- मनोज सोनी के कहने पर राइस मिलर्स का पैसा अपने कर्मचारियों से मंगवाता था।
  • सिद्धार्थ सिंघानिया, कारोबारी- अनवर ढेबर के कहने पर अपने कर्मचारी के माध्यम से मिलर्स से पैसे मंगवाता था। उसे सिंडिकेट के सदस्यों को देता था।
  • अनिल टुटेजा-रिटायर्ड IAS- राइस मिलर्स का पैसा रामगोपाल अग्रवाल तक पहुंचाने का काम।
  • रामगोपाल अग्रवाल कांग्रेस नेता- राइस मिलर्स से वसूली के बाद हिसाब-किताब का काम।

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