CG Korba News: मृत व्यक्ति का गिरफ्तारी वारंट: मृत्यु के 18 महीने बाद पुलिस पहुंची घर तो पढ़िये फिर क्या हुआ...

CG Korba News: छत्तीसगढ़ में आज मृतक के ट्रांसफर और जिला बदर की कार्रवाई के बाद तीसरा मामला गिरफ्तारी वारंट का आया है। मौत के 18 महीने बाद गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस को देख घरवाले हतप्रभ रह गए।

Update: 2025-09-19 10:45 GMT

CG Korba News: कोरबा। छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में एक मृत व्यक्ति को जिला बदर करने के आदेश के बाद अब कोरबा में भी ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहाँ एक ऐसे व्यक्ति का गिरफ्तारी वारंट जारी हो गया है, जिसका निधन 18 महीने पहले हो चुका था। यह घटना कानूनी और पुलिस प्रक्रियाओं की गंभीर लापरवाही को उजागर करती है।

मृत्यु के बाद कोर्ट में हाजिर न होने पर वारंट

यह मामला दिलीप दुबे नामक व्यक्ति से जुड़ा है, जो कोरबा के एमपी नगर के निवासी थे। उनका निधन 31 जनवरी 2024 को हो गया था। इसके बावजूद, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने 19 सितंबर 2024 को उनके नाम से एक गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। वारंट में उन्हें एक मामले में साक्षी के रूप में अदालत में पेश न होने के कारण गिरफ्तार करने का निर्देश दिया गया है।

परिवार हैरान, पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल

दुबे के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने इस मामले में उन्हें कभी भी समन नहीं भेजा और सीधे गिरफ्तारी वारंट लेकर उनके घर पहुंच गई। यह मामला तब का है जब एक युवक ने उनके बेटे के साथ मारपीट की थी, जिसकी रिपोर्ट रामपुर पुलिस चौकी में दर्ज कराई गई थी। इस मामले में पुलिस ने दिलीप दुबे और उनकी पत्नी को साक्षी बनाया था। परिवार अब वारंट रद्द करवाने के लिए न्यायालय के चक्कर लगा रहा है।




 

लापरवाही पर उठे गंभीर सवाल

यह घटना पुलिस और न्यायिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है। यह समझ से परे है कि वारंट जारी करने से पहले व्यक्ति की स्थिति की जांच क्यों नहीं की गई। यह मामला स्पष्ट रूप से दिखाता है कि पुलिस और न्यायिक रिकॉर्ड्स को अपडेट करने की प्रक्रिया में बड़ी कमी है, जिसके कारण इस तरह की गंभीर मानवीय त्रुटियां हो रही हैं। फिलहाल इस मामले पर किसी भी अधिकारी का कोई बयान नहीं आया है।

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