CG Holidays News: छुट्टियां होंगी निरस्त! छुट्टियों ने सिस्टम का किया कबाड़ा, 11 दिन में 7 दिन अवकाश, फाइव डे वीक का आदेश होगा कैंसिल!...

CG Holidays News: सरकारी कार्यालयों में सप्ताह में दो दिन का अवकाश, शनिवार और रविवार को दफ्तर बंद होने और समय पर सरकारी मुलाजिमों के कार्यालय नहीं पहुंचने से आम आदमी को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले महीने 11 दिन में सात दिन छुट्टी रही, चार दिन ही दफ्तर लग पाया। मंत्रालय और विभागाध्यक्ष भवन के कामकाज भी छुट्टियों की वजह से खासा प्रभावित हो रहा है। छत्तीसगढ़ में एक तरह कहें कि छुट्टियों के मामले में ऐसा रामराज आ गया है कि बाबू से लेकर अफसर तक मौज कर रहे हैं। ऑफिस आने का टाईम दस बजे का है, मगर 11 से पहले कोई आता नहीं और साढ़े पांच बजे के घंटे भर पहले निकल लेते हैं। बायोमेट्रिक इंप्रेशन के लिए न मंत्रालय के अफसर तैयार हैं और न बाबू और शिक्षक। इस चक्कर में छत्तीसगढ़ का वर्किंग कल्चर बेपटरी होता जा रहा।

Update: 2025-05-17 12:25 GMT

CG Holidays News: रायपुर। छत्तीसगढ़ में फाइव डे वीक और राष्ट्रीय और प्रादेशिक अवकाश के चलते सिस्टम का कबाड़ा हो रहा है। सरकारी दफ्तरों में लोग सुबह से लेकर चक्कर काटकर थक जा रहे हैं। अफसर को छोड़िए आफिस का बाबू भी समय पर नजर नहीं आते। सप्ताह में दो दिन के अवकाश के कारण पांच दिन ही आफिस लगता है।

फाइव डे वीक से सबसे अधिक नुकसान होता है जब किसी सप्ताह शुक्रवार या सोमवार को छुट्टी पड़ जाए। इस चक्कर में तीन दिन सब कुछ बंद। पिछले हफ्ते 10 और 11 मई को सटर्ड और संडे था, इसके अगले दिन सोमवार को बुद्ध पूर्णिमा। याने लगातार तीन दिन छुट्टी। इससे पहले पिछले महीने 11 दिन में सात छुट्टियां रहीं। 10 अप्रैल को महावीर जयंती, 12 और 13 को सर्टडे, संडे। फिर 14 को आंबेडकर जयंती, 18 को गुड फ्रायडे, 19, 20 मई को सर्टडे, संडे।

लोकल छुट्टियों की भरमार

पिछली सरकार ने कर्मचारियों को खुश करने के लिए फाइव डे वीक किया ही, टाईमिंग को कड़ाई से पालन कराने कोई ठोस व्यवस्था नहीं की। कर्मचारी अपने हिसाब से ऑफिस आते-जाते रहे। उपर से लोकल छुट्टियों की भरमार कर दी। छोटे-छोटे तीज-त्यौहारों में भी पूरे दिन का अवकाश। ऐसे में सरकारी व्यवस्था चरमराती जा रही है। कोई योजना या परियोजना पर गंभीरता से काम करने का प्रयास भी किया जाए तो छुट्टियों के चलते उसमें व्यवधान आ जाता है।

फाइव डे वीक का आदेश निरस्त?

हालांकि, दिसंबर 2023 में सरकार बदलने के बाद से पब्लिक डोमेन में यह चर्चा है कि सरकार फाइव डे वीक का आदेश निरस्त कर सकती है। अब अधिकारिक स्तर पर भी इसकी चर्चा शुरू हो गई है कि राज्य के व्यापक हित में फाइव डे वीक को समाप्त कर सप्ताह के दूसरे और तीसरे शनिवार को छुट्टी वाली व्यवस्था फिर से लागू कर दिया जाए।

केंद्र का नकल

राज्य सरकार ने भारत सरकार का नकल करते हुए फाइव डे वीक किया। मगर केंद्रीय संस्थानों की टाईमिंग फॉलो नहीं किया। अगर केंद्रीय संस्थानों का वर्किंग आवर का पालन किया गया होता, तब भी कोई दिक्कत नहीं थी। दिल्ली को छोड़ दें, रायपुर या छत्तीसगढ़ में जितने भी भारत सरकार के कार्यालय या सरकारी उपक्रम हैं, कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक नौ बजे पहुंच जाते हैं और पांच बजे से पहले हिलते नहीं। बकायदा बायोमेट्रिक अटेंडेंस भी लगाना पड़ता है। कर्मचारियों के बीच के लोगों का ही कहना है कि राज्य सरकार के ऑफिसों में अगर बायोमेट्रिक की बात की जाए तो उसे सम्मान से जोड़ लिया जाएगा या फिर नेतागिरी शुरू हो जाएगी। याने कोई काम करना चाहता ही नहीं।

सरकार को कोई फायदा नहीं

भूपेश बघेल सरकार ने कर्मचारियों को छुट्टियों की सौगातें दी मगर उसे कोई फायदा नहीं हुआ। बीजेपी पहले से अधिक सीटों के साथ सरकार बनाने में कामयाब हो गई। कहने का मतलब यह कि बेहिसाब छुट्टियों को पौने चार लाख कर्मचारियों और उनके परिवारों ने भी पसंद नहीं किया। वरना, वोट तो कांग्रेस को मिले होते।

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