CG Good Governance: अफसरों में हड़कंपः मंत्रालय में लगने जा रहा बायोमेट्रिक सिस्टम, बड़े साहबों को अब आना होगा टाईम से, सुशासन की दिशा में विष्णुदेव सरकार का पहला कदम

CG Good Governance: छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार सुशासन की दिशा में अहम कदम उठाते हुए मंत्रालय, विभागाध्यक्ष कार्यालयों समेत राजधानी के महत्वपूर्ण विभागों में हाजिरी के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम लगाने जा रहा है। दरअसल, छत्तीसगढ़ राज्य बने 24 साल हो गए मगर वर्किंग कल्चर यहां डेवलप नहीं हो पाया। अफसर हो या कर्मचारी...कोई टाईम पर आफिस नहीं आता। इससे जनता परेशान होती है।

Update: 2024-05-01 14:43 GMT

CG Good Governance: रायपुर। छत्तीसग़़ढ़ में मंत्रालय, विभागाध्यक्ष भवनों समेत कई जनता से जुड़े कई महत्वपूर्ण विभागों में अधिकारियों, कर्मचारियों के हाजिरी के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार की कोशिश है कि बदलाव की शुरूआत उपर से होनी चाहिए। इसलिए, बायोमेट्रिक सिस्टम को पहले मंत्रालय और इंद्रावती भवन में बायोमेट्रिक लगाया जाएगा। पता चला है, चीफ सिकरेट्री अमिताभ जैन ने मीटिंग लेकर इसका रिव्यू किया और अफसरों को निर्देशित किया है। याने अधिकारियों, कर्मचारियों को अब टाईम से आफिस आना होगा।

बताते हैं, चीफ सिकरेट्री के रिव्यू के बाद सुशासन विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। बताते हैं, सीएम विष्णुदेव साय को पता चला कि फाइव डे वीक होने के बाद भी अधिकांश अधिकारी, कर्मचारी टाईम पर नहीं आ रहे। खासकर, मंत्रालय और इंद्रावती भवन में पोस्टेड बड़े अफसर अपने मन से आफिस आते हैं और मनमर्जी से जाते हैं। आम आदमी से लेकर दूरदराज से सराकरी काम से आने वाले सरकारी कर्मचारी, अधिकारी मंत्रालय और इंद्रावती भवन का चक्कर लगाते रहते हैं। उद्योग, व्यापार फील्ड के लोग अफसरों से मिलने के लिए बैठे रहते हैं मगर अधिकारी हैं तो कर्मचारी नहीं और कर्मचारी हैं तो अधिकारी नहीं।

इससे पहले कई बार निचले स्तर पर बायोमेट्रिक लगाने की शुरूआत हुई मगर वह सफल नहीं हो पाई। हमेशा इसका विरोध शुरू हो जाता है। शिक्षाकर्मियों के संविलियन के बाद बायोमेट्रिक की शर्त रखी गई थी। तब स्कूलों में बायोमेट्रिक सिस्टम लगाया गया था। मगर नेटवर्क नहीं आ रहा, पेड़ और छज्जे पर चढ़कर थंब लगाते इतना ज्यादा फोटो शिक्षकों ने सोशल मीडिया में वायरल किया कि वे जो चाहते थे, वही हुआ। बायोमेट्रिक सिस्टम अपने आप खतम हो गया।

बायोमेट्रिक का विरोध क्यों?

कोई भी सरकारी मुलाजिम नहीं चाहता कि उसे समय पर आफिस आन पड़े। भारत सरकार में जब बायोमेट्रिक लगा था तो वहां भी कर्मचारी, अधिकारी हाजिरी नहीं लगाते थे। इसके बाद केंद्र ने सख्त कदम उठाया था। मंत्रालय और इंद्रावती भवन समेत नवा रायपुर के आफिसों में बायोमेट्रिक लगने के बाद अधिकारियों, कर्मचारियों को समय पर आना होगा। याने सुबह साढ़े नौ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक। अभी साढ़े पांच बजते ही मंत्रालय समेत नवा रायपुर के आफिसों में बैग, झोला, टिफिन समेटना शुरू कर देते हैं।

सरकार अडिग

चूकि चीफ सिकरेट्री अमिताभ जैन ने बायोमेट्रिक हाजिरी के लिए बैठक ली है, लिहाजा इसकी गंभीरता को समझी जा सकती है। लोकसभा चुनाव की व्यस्तता के बाद भी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय लगातार इसका अपडेट ले रहे हैं। इसलिए, अबकी लगता है विरोधों के बाद भी सरकार बायोमेट्रिक सिस्टम लगा देगी।

नौकरशाहों को दिक्कत

कर्मचारी तो फिर भी इसे स्वीकार लेंगे, बायोमेट्रिक से सबसे अधिक दिक्कत नौकरशाहों की होगी। अभी आलम यह है कि मंत्रालय में सिकरेट्री नजर नहीं आते। जिस रोज चार-पांच सिकरेट्री दिख जाएं, उस दिन चर्चा शुरू हो जाती है...क्या बात है आज इतने लोग आएं हैं। आते भी हैं तो अपनी सुविधा से 12 बजे, एक बजे तक और फिर दो-एक घंटे इधर-उधर करके फिर गायब। जिस दिन चीफ सिकरेट्री की मीटिंग होती है या फिर भारत सरकार से कोई वीडियोकांफ्रेंसिंग, तभी उतने टाईम के लिए अफसर मंत्रालय में टिकते हैं।

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