CG God of Honour: मंत्रियों, वीवीआईपी को अब गॉड ऑफ ऑनर नहीं, छत्तीसगढ़ सरकार ने अंग्रेजों के समय की सामंती व्यवस्था की समाप्त

CG God of Honour: छत्तीसगढ़ सरकार ने अंग्रेजों के समय से चली आ रही सलामी गारद यानी गॉड ऑन ऑनर सिस्टम को समाप्त कर दिया है। गृह विभाग ने इसका आदेश भी जारी कर दिया है।

Update: 2025-12-24 15:32 GMT

CG God of Honour: रायपुर। मंत्री, मिनिस्टर समेत विशिष्ट व्यक्तियों के आगमन पर पुलिस की टुकड़ी गॉड ऑफ ऑनर देती थी। अंग्रेजों के समय की यह व्यवस्था आजादी के सालों बाद भी जारी रही। मगर छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे समाप्त कर दिया है। वीवीआईपी को जिले में आने पर अब गॉड ऑफ ऑनर नहीं होगा। हालांकि, सरकार ने कुछ मामलों में इसकी छूट दी है।

छत्तीसगढ़ राज्य के मंत्रीगणों और पुलिस के आला अधिकारियों को सामान्य दौरे, निरीक्षण, भ्रमण के दौरान गार्ड ऑफ ऑनर दिए जाने की औपनिवेशिक परंपरा को समाप्त कर दिया गया है। गृह विभाग द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर के नियमों में संशोधन किए जाने का आदेश जारी कर दिया गया है, जो तत्काल प्रभाव से लागू होगा।

उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा की विशेष पहल पर गृह विभाग ने गार्ड ऑफ ऑनर की औपनिवेशिक काल से चली आ रही परंपरा की समीक्षा करने के उपरांत इसमें संशोधन का आदेश जारी किया है। इसका उद्देश्य पुलिस बल की कार्यक्षमता का उपयोग कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने और औपनिवेशिक सोच से जुड़ी परंपराओं को समाप्त करना है।

गौरतलब है कि गृहमंत्री विजय शर्मा ने स्वयं विभाग के अधिकारियों को गार्ड ऑफ ऑनर की वर्तमान व्यवस्था की समीक्षा कर इसमें वर्तमान स्थिति में आवश्यकतानुसार बदलाव करने के निर्देश दिए थे। जिसके परिपालन में गृह विभाग ने पुलिस बल को अनावश्यक औपचारिकताओं से मुक्त कर उनकी कार्यक्षमता का उपयोग उनके मूल दायित्वों के पालन के लिए यह संशोधन किया है।

सामान्य दौरों में सलामी गारद समाप्त

जारी आदेश के तहत राज्य के भीतर सामान्य दौरों, आगमन-प्रस्थान एवं निरीक्षण के दौरान अब गृहमंत्री, समस्त मंत्रीगण, पुलिस महानिदेशक सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सलामी गारद (गार्ड ऑफ ऑनर) नहीं दिया जाएगा। जिला भ्रमण, दौरे या निरीक्षण के समय पूर्व में प्रचलित सलामी व्यवस्था को पूर्णतः समाप्त कर दिया गया है। इससे पुलिस बल का समय और ऊर्जा का प्रभावी उपयोग सुरक्षा, कानून-व्यवस्था तथा जनसेवा के कार्यों में हो सकेगा।

राष्ट्रीय एवं राजकीय आयोजनों में यथावत व्यवस्था

यह प्रतिबंध राष्ट्रीय और राजकीय समारोहों पर लागू नहीं होगा। गणतंत्र दिवस (26 जनवरी), स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त), शहीद पुलिस स्मृति दिवस (21 अक्टूबर), राष्ट्रीय एकता दिवस (31 अक्टूबर), राजकीय समारोहों तथा पुलिस दीक्षांत परेड जैसे अवसरों पर औपचारिक सलामी गारद की व्यवस्था पूर्ववत रहेगी।

संवैधानिक पदों के लिए प्रोटोकॉल जारी

आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि प्रोटोकॉल के अनुसार संवैधानिक पदों पर आसीन महानुभावों एवं विशिष्ट अतिथियों के लिए सलामी गारद की व्यवस्था पहले की तरह यथावत रहेगी। यह निर्णय शासन की प्रशासनिक सुधारों के प्रति प्रतिबद्धता और आधुनिक, जनोन्मुखी व्यवस्था की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे पुलिस बल की कार्यक्षमता में सकारात्मक सुधार होगा।

देखिए गृह विभाग का आदेश....

नीचे पढ़ें आदेश

राज्य शासन एतद्‌द्वारा सलामी की समीक्षा कर सलामी गारद (गार्ड ऑफ ऑगर) की प्रक्रिया में संशोधन करते हुए, पुलिस बल की कार्य क्षमता बढ़ाने और उपनिवेशवाद (Colonial System) को दर्शाती प्रक्रिया को रामाप्त करने के उददेश्य से सलामी गारद (गार्ड ऑफ ऑनर) की गर्तगान व्यवस्था में व्यापक परिवर्तन करने का निर्णय लिया गया है।

जाता है। अतः सक्षम स्वीकृति उपरांत निम्नलिखित निर्देश तत्काल प्रभाग से लागू किया

1. रालागी गारद (गार्ड ऑफ ऑनर) की समाप्तिः-

राज्य के गीतर सामान्य दौरों, आगमन / प्रस्थान एवं निरीक्षण के दौरान निम्नलिखित को अब सलामी गारद (गार्ड ऑफ ऑनर) नहीं दिया जायेगा।

राज्य के माननीय गृहमंत्री एवं माननीय समस्त मंत्रीगण, पुलिस महानिदेशक सहित अन्य वरिश्ठ पुलिरा अधिकारी जिला में भ्रमण / दौरे/निरीक्षण के समय इन महानुभावों एवं अधिकारियों के लिये पूर्व में प्रचलित सलामी की व्यवस्था पूर्णतः समाप्त की जाती है।

2. राष्ट्रीय आयोजन एवं अन्य अवसर पर छूट-

उपयुक्त उल्लेखित कंडिका 1 के प्रतिबंध राष्ट्रीय एवं राजकीय समारोह के अवसर पर लागू नहीं होगें। निम्नलिखित अवसरों पर औपचारिक सलामी गारद पूर्ववत दी जायेगी:-

गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) एवं स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त)। शहीद पुलिस स्मृति दिवस (21 अक्टूबर) एवं राष्ट्रीय एकता दिवस (1) अक्टूबर)। राजकीय समारोह, पुलिस दीक्षांत परेड।

3. संवैधानिक एवं अन्य विशिष्ट व्यक्तियों हेतु निरंतरताः-

प्रोटोकॉल अनुसार संवैधानिक पदों पर आसीन महानुभाव एवं अतिथियों के लिगे सलामी गारद (गार्ड ऑफ ऑनर) की व्यवस्था पूर्वानुसार यथावत रहेगी।

देखें आदेश 



 


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