CG Education News: NEP लागू होने के बाद अब प्राइवेट परीक्षा दिलाने वाले छात्रों को 45 दिन कक्षाएं करना होगा अनिवार्य, 30 घंटे का प्रैक्टिकल भी...

CG Education News: राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के बाद रेगुलर विद्यार्थियों की तरह प्राइवेट विद्यार्थियों को भी 45 दिन की कक्षाएं अनिवार्य तौर पर अटेंड करनी होगी। इसके अलावा 30 घंटे का प्रैक्टिकल भी करना होगा। अपने विषय के अलावा अन्य विभाग से संबंधित एक विषय वैकल्पिक के तौर पर लेना होगा।

Update: 2024-10-17 10:42 GMT
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CG Education News रायपुर। राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के बाद उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव हुआ है। उच्च शिक्षा विभाग ने प्राइवेट परीक्षार्थियों के लिए भी नए नियम कानून लागू कर दिए हैं। इसके तहत प्राइवेट परीक्षा दिलाने वाले परीक्षार्थियों को भी 45 दिनों की कक्षाएं अनिवार्य कर दी गई है। इसके अलावा 30 घंटे का प्रैक्टिकल भी करना होगा। साथ ही कॉलेज में उपलब्ध विषय में से एक वैकल्पिक विषय भी चुनना होगा। उच्च शिक्षा विभाग ने इसके निर्देश प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को जारी कर दिए हैं।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति रेगुलर छात्रों के साथ अब प्राइवेट परीक्षार्थियों के लिए भी लागू कर दी गई है। जिसके तहत वार्षिक परीक्षा न होकर सेमेस्टर वाइज एग्जाम होंगे। एक ही शिक्षा सत्र में दो सेमेस्टर होने से दो बार प्राइवेट परीक्षार्थियों को रेगुलर परीक्षार्थियों के साथ परीक्षा दिलानी होगी। इसके लिए दो बार परीक्षा फॉर्म भर कर दो बार शुल्क भी देना होगा। साथ ही नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार प्राइवेट छात्रों को भी 45 दिन की कक्षाएं करना और 30 घंटा प्रायोगिक कार्य करना अनिवार्य होगा।

21 से 26 तक चुनना होगा ऑप्शनल विषय

प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कर दी गई है। 20 अक्टूबर तक प्राइवेट परीक्षार्थियों को पंजीयन करवाना है। प्राइवेट छात्रों को एक ऑप्शनल विषय के रूप में अपने विषय के अलावा अन्य विभाग का विषय चुनना होगा। हालांकि इसमें यह ध्यान रखना होगा कि जिस प्राइवेट कॉलेज में विद्यार्थी ने अपना पंजीयन करवाया है उसे कॉलेज में उपलब्ध विभाग के विषयों में से ही ऑप्शनल विषय परीक्षार्थी चुन सकेंगे। छात्रों को ऑप्शनल विषय का चयन 20 अक्टूबर को प्राइवेट परीक्षा का पंजीयन समाप्त होने के बाद 21 से 26 अक्टूबर तक करना है। प्राइवेट छात्रों के ऑप्शनल विषय की लिस्ट कॉलेजों को 31 अक्टूबर तक यूनिवर्सिटी को भेजनी है।

ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड में कर सकेंगे कक्षाएं

कॉलेज प्रबंधन प्राइवेट परीक्षार्थियों के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में कक्षाओं का आयोजन करेगा। जो प्राइवेट परीक्षार्थी कॉलेज जाकर क्लास अटेंड करना चाहेगा वह कॉलेज जाकर पढ़ सकेगा पर जो असमर्थ होगा वह ऑनलाइन मोड में भी प्राइवेट परीक्षार्थियों के लिए आयोजित कक्षाओं में शामिल हो सकेगा। इसका मतलब साफ है कि 45 दिन की कक्षाओं में ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड में शामिल होना अनिवार्य है। 30 घंटे की प्रायोगिक कक्षाओं में कॉलेज में जाकर प्रैक्टिकल परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य होगा। यही वजह है कि कॉलेजों को निर्देशित किया गया है जितनी उनकी क्षमता होगी उतनी ही प्राइवेट परीक्षा से होकर पंजीयन वे करेंगे।

रेगुलर कक्षाओं की वीडियो भी करना होगा अपलोड

प्राइवेट परीक्षार्थियों की शिक्षा के स्तर बढ़ने के लिए उच्च शिक्षा विभाग में कॉलेज को निर्देशित किया है कि कॉलेज में लगने वाली रेगुलर कक्षाओं का भी वीडियो तैयार कर कॉलेज अपनी वेबसाइट में अपलोड करें ताकि प्राइवेट छात्र इससे पढ़ाई कर सके।

अतिथि व्याख्याताओं को लगाया जाएगा व्यवस्थाओं में

उच्च शिक्षा विभाग ने यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को निर्देशित किया है कि प्राइवेट और रेगुलर छात्रों की कक्षा लेने प्रायोगिक कार्य करने परीक्षा फॉर्म भरने असाइनमेंट का मूल्यांकन सहित अन्य कार्य होंगे ऐसे में हर जगह अतिरिक्त लोगों की जरूरत पड़ेगी ऐसे में अतिथि शिक्षकों से पढ़ाने के अलावा अतिरिक्त कार्य भी लिए जा सकेंगे।

 प्राइवेट परीक्षार्थियों के लिए ऑनलाइन होंगी कक्षाएं

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कारण अतिथि शिक्षकों का वेतन बढ़ा दिया गया है। जिसके चलते अब अतिथि शिक्षकों को 45 मिनट की जगह 1 घंटे का क्लास लेना होगा। साथी कॉलेज में जो पढ़ाया जाएगा उसे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में संचालित करना होगा ताकि ऑनलाइन माध्यम से प्राइवेट छात्र इसका फायदा उठा सकें। सिलेबस के अनुसार प्राइवेट छात्रों को भी पढ़ाई करनी होगी। इसके लिए छुट्टी के दिनों में भी अतिथि शिक्षक प्राइवेट छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं लेंगे इसके लिए बाकायदा प्राइवेट छात्रों को समय सारणी घोषित करनी है।

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