CG Congress Politics: तस्वीरे बोलती हैं! वेणुगोपाल और चरणदास महंत की गलबहियां के क्या हैं राजनीतिक मायने
CG Congress Politics: सोमवार को राजधानी रायपुर में कांग्रेस के बैनर तले किसान जवान संविधान सभा का आयोजन किया गया था। घनघोर बारिश के बीच सभा में भीड़ उमड़ी। इसकी जमकर चर्चा हो रही है। इसी बीच एक तस्वीर सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रही है। यह तस्वीर है अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव संगठन केसी वेणुगाेपाल और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डा चरणदास महंत की। यह सिर्फ तस्वीर नहीं, छत्तीसगढ़ की आने वाली राजनीति का आहट भी है और सुखद संकेत भी। कांग्रेस के अलावा भाजपा से जुड़े दिग्गज भी तस्वीर के मायने निकाल रहे हैं।
CG Congress Politics
CG Congress Politics: रायपुर। राजधानी रायपुर में कांग्रेस की सफल सभा के बाद की राजनीतिक परिस्थितियों,पूर्वानुमानों के बीच इस तस्वीर ने एक अलग ही चर्चा छेड़ दी है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ एआईसीसी महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल भी छत्तीसगढ़ के प्रवास पर आए। कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में भीड़ भी जमकर जुटी और कांग्रेसी नेताओं ने उसी अंदाज में वाहवाही भी लूटी। सभा की सफलता और वाहवाही के बीच वेणुगोपाल और डा महंत की तस्वीर की चर्चा कुछ अलग ही अंदाज में हो रही है।
एनपीजी के पास उपलब्ध तस्वीरों में वेणुगोपाल डा महंत के साथ बेहद आत्मीयता के साथ मिलते दिखाई दे रहे हैं। वेणुगोपाल ने डा महंत को बेहद सहजता के साथ गले लगा लिया। गले लगाने के साथ ही कुछ बोलेते भी दिखाई दे रहे हैं। वेणुगोपाल डा महंत के कान पर कुछ बोल रहे हैं और डा महंत चिरपरिचित अंदाज में सिर झुकाए मुस्कराते नजर आ रहे हैं। यही तो डा महंत की सहजता और आत्मीयता है। पूरी सिद्धत के साथ वेणुगोपाल की बातों को सुन रहे हैं और बतौर स्वीकारोक्ति मु्स्करा भी रहे हैं। आत्मीयता भरे संवाद और संवाद के बीच डा महंत की मुस्कराहट के मायने भी निकाले जा रहे हैं। ये भी तय है कि वेणुगोपाल के डा महंत के कान में क्या कहा, य तो डा महंत ही जान सकते हैं। बातों-बातों में जो कुछ बातें अब निकलकर सामने आ रही है उससे छत्तीसगढ़ की कांग्रेसी राजनीति भी अछूता रहने वाली नहीं है। इसका असर और दूरगामी प्रभाव भी जल्द ही देखने को मिलेगा। ऐसी संभावना और अटकलें राजनीति के पंडित और प्रेक्षक जोर शोर से लगाने लगे हैं और इसी अंदाज में दावे भी कर रहे हैं। अंदाज,अटकलबाजी और दावों से परे डा महंत क्या सोचते हैं। वेणुगोपाल से उनकी क्या बात हुई,आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ की राजनीति में क्या असर देखने को मिलेगा, इसे लेकर चर्चा का बाजार सरगर्म होने लगा है।
कांग्रेस पालिटिक्स के पावर सेंटर से आत्मीयता के अपने अलग मायने-
कांग्रेस की राजनीति में दिलचस्पी रखने वालों से लेकर सियासी पंडित यह बात भलीभांति जानते और समझते हैं कि कांग्रेस के पालिटिस में वेणुगोपाल अहम पावर सेंटर हैं। देश के साथ ही छत्तीसगढ़ की सियासत ये भी वे अच्छी तरह वाकिफ हैं। कांग्रेस शासनकाल में प्रदेश में हुए घपले घोटाले के बीच डा महंत की छवि बेदाग है। मध्य प्रदेश के जमाने से लेकर राष्ट्रीय राजनीति ओर डा मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद से लेकर आजतलक उनकी राजनीति बेदाग ही रही है। ये भी गौर करने वाली बात है कि डा मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल में डा महंत और वेणुगोपाल साथ-साथ रहे हैं। दोनों के बीच राजनीति समझ और सामंजस्य भी बेहतर ही है।
संगठन में बदलाव का दौर, चर्चा इसलिए भी-
कांग्रेस संगठन में बदलाव का दौर भी शुरू हो गया है। सृजनात्मकता के दौर से संगठन गुजर रहा है। संगठन में व्यापक बदलाव की संभावना भी देखी जा रही है। संगठन सृजन के मौजूदा दौर में जिम्मेदारियों को लेकर भी चर्चा छिड़ी हुई है। नए सियासी समीकरण,नई जिम्मेदारी और नए बनते समीकरण के बीच वेणुगोपाल और डा महंत की तस्वीर की चर्चा गंभीरता के साथ होने लगी है। हो भी क्यों ना, कांग्रेस पालिटिक्स के पावर सेंटर कहे जाने वाले वेणुगोपाल से करीबी अपने आप में चर्चा का विषय है। फिर तो वेणु ने डा महंत को सहजता के साथ गले लगाया है। जाहिरतौर पर यह तस्वीर कुछ अलग ही कहानी लिखने को आतूर है।