CG-सीएम के प्रोटोकॉल का नए मंत्रियों को ध्यान नहीं, सीएम के कार्यक्रम छोड़ दूसरे कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंच गए मंत्रीजी
CG-छत्तीसगढ़ के नए मंत्रियों को यह भी नहीं मालूम कि मुख्यमंत्री का प्रोटोकॉल क्या होता है। तभी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के जिले में दौरा पहले से तय होने के बाद भी मंत्री उनके कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। पहले से कार्यक्रम रख भी लिया गया था तो सीएम विजिट का हवाला देकर कार्यक्रम को थोड़ा-आगे पीछे किया जा सकता था।
रायपुर। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का अपना प्रोटोकॉल होता है। प्रधानमंत्री अगर राज्यों के दौरे पर जाते हैं तो संबंधित राज्य के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को उनके कार्यक्रम में मौजूद रहना होता है। इसके अलावे जिस विभाग का कार्यक्रम होता है, उसके केंद्रीय मंत्री भी उस कार्यक्रम में पहले से पहुंचे होते हैं। इसी तरह राज्य के मुख्यमंत्री अगर किसी जिले में जाते हैं तो वहां का कोई मंत्री हो तो उन्हें सीएम के कार्यक्रम में न केवल शामिल होना चाहिए बल्कि हेलीपैड पर उनकी अगुवानी भी करनी चाहिए। मगर छत्तीसगढ़ में ऐसा हो नहीं रहा है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज बलौदा बाजार जिले के भाटापारा पहुंचे थे। उनका वहां आदिवासी समाज का कार्यक्रम था। कार्यक्रम का विवरण कल जारी हो गया था। बलौदा बाजार जिले से टंकराम वर्मा विष्णुदेव कैबिनेट में राजस्व मंत्री हैं। मगर उन्होंने सीएम के कार्यक्रम में शिरकत नहीं की। उसके बदले सेम टाईम में उन्होंने बलौदा बाजार के लवन में अलग कार्यक्रम रख लिया। जबकि, क्षेत्र के सांसद बृजमोहन अग्रवाल समेत कई विधायक और तमाम नेता उस कार्यक्रम में पहुंचे थे
बलौदा बाजार जिले के भाटापारा में सीएम का कार्यक्रम चल रहा था और लवन में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा का। जबकि, टंकराम दोपहर तक रायपुर में वे मुख्यमंत्री के साथ थे। मगर खुद के जिले में आयोजित सीएम के कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। ऐसा भी नहीं होगा कि उन्हें पहले से कार्यक्रम के बारे में पता नहीं होता। सीएम का किसी जिले में अगर प्रोग्राम बनता है तो उसकी जानकारी वहां के मंत्री को दी जाती है। ताकि, वे प्रोटोकॉल का ध्यान रख सकें। टंकराम वर्मा पहले मंत्रियों के पीए रह चुके हैं। उन्हें पता भी होगा कि मुख्यमंत्री का प्रोटोकॉल क्या होता है।
इसलिए नया मंत्री बोलकर इस इश्यू को खारिज नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री के प्रोटोकॉल का सम्मान तो होना ही चाहिए। राजस्व मंत्री ने अगर पहले से कार्यक्रम रख लिया था, तो सीएम विजिट का हवाला देते हुए उसे एकाध घंटे आगे-पीछे किया जा सकता था। मगर इसकी भी जरूरत महसूस नहीं की गई। राजस्व मंत्री के पीए द्वारा आज कार्यक्रम जारी किया गया है, उनमें वे जन्मदिन के कार्यक्रम में भी वे जाने वाले हैं।
कायदे से सरकारी कार्यक्रम में जन्मदिन का उल्लेख नहीं किया जाता। और सवाल ये भी कि जन्मदिन में मंत्री जा सकते हैं तो एडजस्ट करके सीएम के कार्यक्रम मेें क्यों नहीं...ये सवाल तो उठेंगे ही।