Brijmohan Agrawal: नए शिक्षा और संसदीय कार्य मंत्री का आज शाम तक ऐलान, कैबिनेट की बैठक में बृजमोहन देंगे इस्तीफा!

Brijmohan Agrawal: छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल आज मंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं। आज शाम हो रही विष्णुदेव साय कैबिनेट की बैठक की लास्ट में सबसे सीनियर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की औपचारिक विदाई भी होने की खबर है। इसके बाद नए शिक्षा, संस्कृति और पर्यटन मंत्री की घोषणा हो सकती है।

Update: 2024-06-19 06:13 GMT

Brijmohan Agrawal: रायपुर। छत्तीसगढ़ के शिक्षा, संस्कृति और पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल आज शाम इस्तीफा दे सकते हैं। आज अपरान्ह तीन बजे मंत्रालय में विष्णुदेव साय कैबिनट की बैठक है। कैबिनेट की बैठक करीब घंटे भर चलेगी। क्योंकि, आज कोई खास इश्यू नहीं है। नौ बिंदुओं का एजेंडा है। इसके बाद खबर है बृजमोहन अग्रवाल मंत्री पद से इस्तीफा देंगे। खबर ये भी आ रही कि कैबिनेट में इस्तीफे के बाद मंत्रिपरिषद अपने सबसे वरिष्ठ और अनुभवी मंत्री को औपचारिक विदाई देगा।

धन्यवाद बैठक?

बृजमोहन अग्रवाल ने कल शाम स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक करीब दो घंटे चली। इसमें मंत्री बृजमोहन की बातों से लग गया था कि वे आजकल में इस्तीफा दे देंगे और अधिकारियों को आभार जताने के लिए बैठक की गई है। बैठक में वे बेहद कूल रहे। स्कूल शिक्षा विभाग की सारी योजनाओं पर उन्होंने अफसरों से सवाल पूछा और फिर समझाइश दी कि आगे क्या करना चाहिए। बरसात में स्कूलों की बिल्डिंग बनाने के साथ ही उन्होंने यह भी विचार व्यक्त किया कि स्कूल भवनों की मरम्मत में तभी तेजी आएगी, जब विभाग के पास अपना इंजीनियरिंग सेक्शन हो। वरना, पीडब्लूडी के भरोसे स्कूल बिल्डिंग का निर्माण या मरम्मत संभव नहीं है।

कैनिबेट से ठीक पहले समीक्षा

कैबिनेट की बैठक से ठीक पहले बृजमोहन अग्रवाल संस्कृति और पर्यटन विभाग की बैठक करने वाले हैं। समझा जाता है कि इस बैठक में भी औपचारिक चर्चाओं के साथ अफसरों को वे अप्रत्यक्ष तौर पर धन्यवाद देंगे। इसके बाद वे कैबिनेट की बैठक में हिस्सा लेंगे। कैबिनेट की बैठक से पहले अगर वे इस्तीफा देंगे तो वे कैबिनेट में शामिल नहीं हो पाएंगे। सो, राजनीतिक प्रेक्षकों को अंदाजा है कि कैबिनेट खतम होते ही वे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को अपना इस्तीफा सौंप देंगे। फिर उन्हें औपचारिक विदाई दी जाएगी। हालांकि, अभी ये अटकलें है। कैबिनेट में क्या होता है, इस पर सबकी नजरें टिकी हुई है।

नए मंत्री अभी नहीं

बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफे के बाद विष्णुदेव मंत्रिमंडल में दो मंत्रियों की जगह खाली हो जाएगी। एक मंत्री का पद पहले से खाली है और दूसरा बृजमोहन की विदाई के बाद रिक्त हो जाएगा। सूत्रों का कहना है कि फिलहाल नए मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल करने की कोई योजना नहीं है। लोकसभा चुनाव के बाद अभी केंद्रीय नेतृत्व भी नई सरकार में व्यस्त है। इसलिए, दो मंत्रियों की नियुक्ति में अभी वक्त लग सकता है। लिहाजा, वर्तमान मंत्रियों में से किसी को बृजमोहन अग्रवाल के विभागों को अतिरिक्त तौर पर दिया जा सकता है।

कौन होगा स्कूल, संस्कृति, पर्यटन और संसदीय कार्य मंत्री

बृजमोहन अग्रवाल के बाद सबसे सीनियर रामविचार नेताम हैं। वे रमन सरकार में 10 साल मंत्री रहने के अलावा एक बार राज्य सभा सदस्य भी रह चुके हैं। इसी महीने विधानसभा का मानसून सत्र होने वाला है। इसलिए, किसी सीनियर मंत्री को ही संसदीय कार्य मंत्रालय दिया जाएगा। हालांकि, केदार कश्यप रमन सिंह सरकार में 15 साल मंत्री रहे। मगर रामविचार नेताम को इस पद के लिए सरकार ज्यादा उपयुक्त मान रही है। रही बात शिक्षा, संस्कृति और पर्यटन की तो उसे केदार कश्यप या टंकराम वर्मा में से किसी को सौंपा जा सकता है। 

जानिये कौन है बृजमोहन अग्रवाल

लोकसभा चुनाव 2024 में रायपुर सीट से सांसद चुने गए बृजमोहन अग्रवाल 2023 में रायपुर दक्षिण सीट से विधायक चुने गए थे। विष्‍णुदेव साय सरकार में उन्‍हें कैबिनेट मंत्री बना गया। पहले विधानसभा फिर लोकसभा चुनाव में बृजमोहन अग्रवाल प्रदेश की सबसे बड़ी लीड लेकर लगातार चुनाव जीते हैं। वे लगातार 8 बार विधायक चुने जा चुके हैं। विधानसभा चुनाव में बृजमोहन ने प्रदेश में सर्वाधिक मतों से जीत हासिल की है। उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी महंत रामसुंदर दास को 67919 मतों के अंतर से हराया है। कॉमर्स व आर्ट्स दोनों विषय से पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाले बृजमोहन अग्रवाल ने एलएलबी की भी डिग्री ली है। 1990 में पहली बार विधायक निर्वाचित होने वाले बृजमोहन अग्रवाल ने अपने राजनीतिक की शुरुआत भाजपा की छात्र इकाई एबीवीपी से अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की। वे कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष व भारतीय जनता युवा मोर्चा अविभाजित मध्यप्रदेश के प्रदेश उपाध्यक्ष रहें हैं। अविभाजित मध्य प्रदेश में राज्य मंत्री रहने के अलावा छत्तीसगढ़ की सरकार में तीन बार कैबिनेट मंत्री रहे हैं। भाजपा विधायक दल के सदन में मुख्य सचेतक भी रहे हैं। राजिम में राजिम कुंभ करवा कर उन्होंने राजिम कुंभ को राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि दिलवाई है।

राजिम को दिलाया कुंभ का दर्जा

छत्‍तीसगढ़ का राजिम तीन नदियों महानदी, पैरी नदी व सोढुर संगम स्थल है। इसे छत्‍तीसगढ़ का प्रयाग भी कहा जाता है। वहां राजीव लोचन और कुलेश्‍वर महादेव का मंदिर भी हैं। वहां माघी पुन्‍नी मेला का आयोजन होता था। 2005में धर्मस्‍व मंत्री रहते बृजमोहन अग्रवाल ने इस आयोजन को कुंभी मेले की तर्ज पर शुरू कराया। पखवाड़ेभर तक चलने वाले इस आयोजन की चर्चा देश- विदेश तक होती है। इसमें देशभर के साधु-संतों आते हैं। हालांकि 2019 से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की शासन आते ही, सरकार ने फिर से आयोजन को राजिम पुन्नी मेला नाम दे दिया।..उनके बारे में जाने के लिए यहाँ क्लिक करें



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