Bilaspur News: नगरीय निकाय चुनाव, अंर्तकलह से भाजपा ने पाया पार, अपनों में उलझी रही कांग्रेस

Bilaspur News: नगरीय निकाय चुनाव का परिणाम आ चुका है। जीतने वाले उम्मीदवारों के दमकते चेहरे और लगे रंग गुलाल, समर्थकों का उल्लास यह बता रहा है कि उन्होंने चुनावी बाजी जीत ली है। हार-जीत के इस खेल को करीब से देखने वालों का तो यही कहना है कि भाजपा अंतर्कलह के बीच से जीत का रास्ता निकालने में कामयाब रही। या यूं कहें कि कुछ एक वार्डों में कार्यकर्ताओं की रार के बावजूद एक बड़ी जीत दर्ज करने में भाजपा सफल रही।

Update: 2025-02-15 12:15 GMT

Bilaspur News: बिलासपुर। मौजूदा चुनाव परिणाम पर गौर करें तो कांग्रेस के रणनीतिकार से लेकर पदाधिकारी और प्रत्याशी अपनों में ही उलझे रहे। आखिर तक इस उलझन को ना तो दूर कर पाए और ना ही दूर करने की कोशिश करते दिखाई दिए। तभी तो भाजपा ने इतनी बड़ी लकीर खींच दी है कि कांग्रेस कहीं नजर ही नहीं आ रही है। प्रदेश में कांग्रेस का सुपड़ा साफ हो गया है। बिलासपुर के परिप्रेक्ष्य में देखें तो शहरी मतदाताओं ने भाजपा का वनवास खत्म कर शहर सरकार की कुर्सी खुलेमन से सौंप दिया है।

भाजपा को बिलासपुर नगर निगम चुनाव में दो तिहाई से भी अधिक पार्षदों के बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करने में सफलता मिली है। 70 वार्डाें वाले निगम में भाजपा के 50 पार्षद टाउन हाल पहुंचने में सफल रहे हैं। 49 पार्षदों ने चुनाव जीतकर और एक पार्षद निर्विरोध नगर निगम पहुंचा है। कांग्रेस की स्थिति बीते निकाय चुनाव से बेहद खराब रहा। 17 पार्षद ही चुनाव जीतन में सफल रहे। बीते निकाय चुनाव की तुलना में कांग्रेस के पार्षदों की संख्या इस बार आधी रह गई है। सत्ताधारी दल भाजपा के सामने एक कमजोर विपक्ष रहेगा। तीन निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी जीत दर्ज करने में सफलता पाई है।

0 पूजा विधानी ने बनाया कीर्तिमान

नवनिर्वाचित महापौर पूजा विधानी जीत का नया कीर्तिमान रच दिया है। पूजा ने रिकार्ड वोटों से जीत हासिल की है। जीत के आंकड़ें पर नजर डालें तो 66067 वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की है। पूजा विधानी को 152011 वोट मिला। कांग्रेस के प्रमोद नायक को 85944 मिला।

0 निगम में दूसरी महिला महापौर

बिलासपुर नगर में पूजा की जीत ने एक और कीर्तिमान रचा है। कांग्रेस की वाणीराव महापौर बनी थी। वाणी राव ने जीत दर्ज कर निगम की राजनीत में कांग्रेस का एक दशक का सूखा खत्म् किया था। कमोबेश कुछ इसी तरह की सियासी परिस्थिति इस बार भाजपा के लिए थी। पूजा ने जीत हासिल कर भाजपा का पांच साल का वनवास खत्म कर दिया है।

0 उलझन दोनों ही दलों में, कांग्रेेस उलझ गई

वार्ड पार्षद पद के उम्मीदवारी को लेकर भाजपा व कांग्रेस दोनों ही उलझन रही। बागियों ने परेशानी भी बढ़ाई। उलझन से भाजपा ने पार पा लिया, कांग्रेस वहीं उलझ कर रह गई। इसका दुष्परिणाम भी झेलना पड़ा। पांच साल शहर सरकार की राजनीति से दूर होने के साथ ही साख भी गंवा दी।

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