Bilaspur High Court: त्योहारी सीजन में सड़कों पर पंडाल, स्वागत द्वार, राज्य सरकार ने हाई कोर्ट से नई गाइड लाइन के लिए मांगा समय
Bilaspur High Court: त्योहारी सीजन में सड़कों पर पंडला और स्वागत द्वार के चलते यातायात व्यवस्था चौपट होने और लोगों को हाेने वाली परेशानी को देखते हुए हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। पीआईएल की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने नई गाइड लाइन तैयार करने की जानकारी कोर्ट को दी। राज्य सरकार ने इसके लिए समय की मांग की। डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार को मोहलत दे दी है।
Bilaspur High Court: बिलासपुर। सड़कों पर बिना अनुमति बनाए जाने वाले पंडाल व स्वागत द्वार के चलते लोगों को होने वाली परेशानियों को लेकर नितिन सिंघवी ने जनहित याचिका दायर की है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। राज्य शासन की ओर से पैरवी कर रहे महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि राज्य शासन के विभिन्न विभागों द्वारा गाइड लाइन तैयार की जा रही है। इसमें और वक्त लगेगा। कोर्ट ने राज्य शासन को समय देते हुए कहा कि पंडाल व स्वागत द्वार सहित अन्य कार्य के लिए पूर्व की तरह अनुमति लेनी होगी।
सड़कों पर त्योहारी सीजन में बिना अनुमति पंडाल और स्वागत द्वार लगाने को लेकर दायर की गई याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में हुई। राज्य शासन ने नई गाइड लाइन बनाने के लिए डिवीजन बेंच से समय मांगा। राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारी ने बताया कि राज्य के विभिन्न विभागों के सहयोग से गाइड लाइन तैयार की जा रही है। इसमें कुछ समय और लगेगा। राज्य सरकार की मांग को स्वीकार करते हुए डिवीजन बेंच ने कहा कि जब तक राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में नई गाइड लाइन जारी नहीं कर दी जाती तब तक वर्तमान में लागू व्यवस्था मसलन अनुमति लेने की अनिवार्यता जारी रहेगी।
छत्तीसगढ़ शासन गृह विभाग के 22 अप्रैल 2022 को जारी आदेश के अनुसार विभिन्न संस्थाओं और संगठनों के लिए यह अनिवार्य किया गया है कि आयोजन के पूर्व जिला प्रशासन की पूर्व अनुमति अनिवार्य रूप से प्राप्त लेनी होगी। जिससे आम नागरिकों के आवागमन, बाजार व्यवस्था एवं सुरक्षा के उपाय करने तथा सुचारू रूप से प्रशासनिक व्यवस्था बनाई जा सके। आदेश में विविध, निजी, सार्वजनिक, धार्मिक, राजनीतिक व अन्य संगठन अथवा संस्थाओं के द्वारा विभिन्न आयोजन मसलन धरना, जुलूस, रैली, प्रदर्शन, भूख हड़ताल, सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक आदि आयोजन जिसमें भीड़ आती हो उसके लिए कलेक्टर की अनुमति अनिवार्य है। जिसके तहत निर्धारित प्रारूप में आवेदन कर घोषणा पत्र देना होगा।
पंडालों के लिए अनुमति नहीं लेने से त्योहारी सीजन के दौरान पूरे शहर में अव्यवस्था फैली रहती है। रायपुर की सकरी सडकों में, जहां पार्किंग की भी जगह नहीं मिलती, सड़क जाम कर, बिना अनुमति के विभिन्न आयोजन करे जाते हैं, जिससे आम नागरिकों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।