Bilaspur Highcourt News: अब हर जिले में होंगे जेल वेलफेयर अफ़सर: राज्य के 33 जेलों में ओवर क्राउड; क्षमता से 40 फ़ीसदी कैदी ज़्यादा

Bilaspur Highcourt News: जेलों में भीड़ और अफसरों की कमी को लेकर हाई कोर्ट ने चिंता व्यक्त की है। प्रदेश की जेलों में 14,883 कैदियों की क्षमता है लेकिन क्षमता के विरुद्ध 21,335 कैदी प्रदेश की जेलों में निरुद्ध हैं। हर जिले में जेल वेलफेयर आफिसर नियुक्त करने के निर्देश हाईकोर्ट ने दिए हैं।

Update: 2025-09-17 10:19 GMT

Bilaspur Highcourt News: जेलों में भीड़ और अफसरों की कमी को लेकर हाई कोर्ट ने चिंता व्यक्त की है। प्रदेश की जेलों में 14,883 कैदियों की क्षमता है लेकिन क्षमता के विरुद्ध 21,335 कैदी प्रदेश की जेलों में निरुद्ध हैं। हर जिले में जेल वेलफेयर आफिसर नियुक्त करने के निर्देश हाईकोर्ट ने दिए हैं।

बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्य की जेलों में बढ़ती भीड़ और कल्याण अधिकारियों की कमी पर गंभीर चिंता जताई है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बी.डी. गुरु की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार और जेल महानिदेशक को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए है।

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने राज्य की 33 जेलों में क्षमता से करीब 40 प्रतिशत ज्यादा कैदियों की मौजूदगी और कल्याण अधिकारियों की कमी पर अदालत ने कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने स्पष्ट कहा कि हर जिला जेल में वेलफेयर आफिसर की नियुक्ति और अतिरिक्त बैरक का समय पर निर्माण आवश्यक है, ताकि कैदियों को मानक सुविधाएं मिल सकें और भीड़भाड़ की समस्या कम हो।

जेल डीजी ने प्रस्तुत किया शपथपत्र

डीजी, जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं ने अपने शपथपत्र में बताया कि 9 सितंबर 2025 तक 33 जेलों में 14,883 की क्षमता के मुकाबले 21,335 कैदी हैं। भीड़ कम करने के लिए कई जगह अतिरिक्त बैरक का निर्माण जारी है।

नए बैरक व नई जेल

रायपुर सेंट्रल जेल: 8 नए बैरक तैयार, बाउंड्री वाल का काम जारी

दुर्ग सेंट्रल जेल: 4 नए बैरक पूरे, टायलेट निर्माण बाकी

जगदलपुर: 11 बैरक (550 कैदी क्षमता) निर्माणाधीन

बेमेतरा: ओपन जेल में विद्युतीकरण जारी

बिलासपुर (बैमा नागोई): 1500 कैदी क्षमता वाली नई जेल का टेंडर जारी

अन्य जिलों जैसे जांजगीर, अंबिकापुर, सुरजपुर, गारियाबंद, रामानुजगंज, कटघोरा व सारंगढ़ में बैरक निर्माण और टेंडर प्रक्रिया प्रगति पर है।

कल्याण अधिकारी के पद रिक्त

हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान बताया गया कि, माडल प्रिजन मैनुअल के मुताबिक प्रत्येक जिला जेल में कल्याण अधिकारी होना चाहिए, पर राज्य में केवल पांच केंद्रीय जेलों के लिए पद स्वीकृत हैं। वर्तमान में तीन पद खाली हैं। फिलहाल रायपुर व अंबिकापुर में वरिष्ठ प्रोबेशन वेलफेयर आफिसर तैनात हैं, जबकि रायपुर का अधिकारी दुर्ग जेल की जिम्मेदारी भी निभा रहा है। नियुक्ति के लिए राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग को पत्र भेजा है, लेकिन विज्ञापन अभी तक जारी नहीं हुआ।

सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां भी

मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बी.डी. गुरु की डिवीजन बेंच ने सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान प्रदेश की जेलों की वास्तविक स्थिति, निर्माण कार्य और सुधारात्मक कदमों की जानकारी ली। कोर्ट को बताया गया कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ की विभिन्न केंद्रीय और जिला जेलों की कुल क्षमता करीब 15 हजार कैदियों की है, लेकिन इनमें 20 हजार 500 से अधिक कैदी बंद हैं। यह स्थिति न केवल जेलों में भीड़भाड़ बढ़ा रही है, बल्कि कैदियों और जेल प्रशासन दोनों के लिए गंभीर सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां भी उत्पन्न कर रही है। शासन की ओर से अदालत को अवगत कराया गया कि भीड़ कम करने के लिए नए जेलों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। हाल ही में बेमेतरा जिले में एक नई जेल का निर्माण पूरा कर लिया गया है।

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