Bilaspur High Court: मुख्य सूचना आयुक्त की होगी नियुक्ति या टलेगी, 29 जुलाई को हाई कोर्ट में सुनवाई के बाद होगा फैसला
Bilaspur High Court: मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त की नियुक्ति को बनी असमंजस की स्थिति अब जल्द ही समाप्त होने वाली है। हाई कोर्ट ने दायर याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 29 जुलाई की तिथि तय कर दी है। आज सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने रिज्वाइंडर पेश करने कोर्ट से समय मांगा। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। दूसरी तरफ राज्य सरकार ने जवाब पेश करते हुए जारी स्थगन आदेश को हटाने की मांग की है।
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Bilaspur High Court: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्य सूचना आयुक्त व आयुक्त की नियुक्ति में कानूनी पेंच फंस गया है। नियुक्ति को लेकर तय किए गए मापदंड को चुनौती देते हुए तीन अलग-अलग याचिका दायर की गई है। याचिका की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने मुख्य सूचना आयुक्त व सूचना आयुक्त के पदों पर हाेने वाली नियुक्तियाें में रोक लगा दी है। आज इस मामले की सुनवाई जस्टिस रविंद्र अग्रवाल के सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने रिज्वाइंडर पेश करने कोर्ट से समय की मांग की। जिस पर कोर्ट ने दो दिन का समय दिया है। याचिका की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 29 जुलाई की तिथि तय कर दी है।
सभी याचिकाओं पर एकसाथ सुनवाई चल रही है। आज जस्टिस रविंद्र अग्रवाल के सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश करते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने जारी स्थगन आदेश को हटाने की मांग की।
याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने रिज्वाइंडर पेश करने समय देने की मांग की। अधिवक्ताओं ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि सुनवाई की तिथि पर वे बहस करेंगे। अधिवक्ताओें के अनुरोध को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने रिज्वाइंडर पेश करने के लिए दो दिन का समय दिया है। बता दें कि कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद 29 मई 2025 को मुख्य सूचना आयुक्त व सूचना आयुक्त के पद पर की जाने वाली नियुक्ति में रोक लगा दी थी।
नई शर्तों को दी गई है चुनौती
मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त के पदों के लिए भर्ती विज्ञापन जारी करने के बाद अनुभव की जो नई शर्त जोड़ दी गई है उसके खिलाफ हाई कोर्ट में अनिल तिवारी, डॉ दिनेश्वर प्रसाद सोनी व अन्य ने याचिका दायर की है। दायर याचिका में मुख्य सूचना आयुक्त एवं सूचना आयुक्त की नियुक्ति में अनुभव की नई शर्त जोड़े जान को चुनौती दी है। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने मुख्य सूचना आयुक्त एवं सूचना आयुक्त की नियुक्ति पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था।
याचिका में कहा है कि जब मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त के पदों के लिए राज्य शासन ने विज्ञापन जारी किया तब आवेदन के लिए अनुभव की कोई विशेष शर्त नहीं रखी गई थी। 9 मई 2025 को जारी इंटरव्यू कॉल लेटर में सर्च कमेटी ने विधि, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, समाज सेवा, प्रबंधन, पत्रकारिता, जनसंपर्क या प्रशासन के क्षेत्र में कम से कम 25 वर्षों के अनुभव की अनिवार्यता जोड़ दी। इसी नई मापदंड के आधार पर 172 आवेदनों में से सिर्फ 51 को ही इंटरव्यू के लिए चुना गया। मुख्य सूचना आयुक्त के लिए 30 वर्ष के अनुभव की अनिवार्यता जोड़ दी गई। नई जोड़ी गई शर्तों को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। जिस पर सुनवाई चल रही है।
बता दें कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में दो सूचना आयुक्त कार्यरत थे। एनके. शुक्ल का कार्यकाल 21 मई 2025 को समाप्त हो गया है। इसके बाद आयोग का भार दूसरे सूचना आयुक्त आलोक चंद्रवंशी के कंधे पर आ गया है। आयोग में सूचना आयुक्त का पद 11 नवंबर 2022 को एमके. राउत का कार्यकाल समाप्त होने के बाद खाली है।