Bilaspur High Court: हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला, भर्ती के लिए आयु सीमा तय करना राज्य सरकार का अधिकार

Bilaspur High Court: बिलासपुर हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि नियुक्ति या पदोन्नति के लिए आयु सीमा निर्धारित करने का अधिकार राज्य सरकार को है।

Update: 2025-10-27 06:54 GMT

Bilaspur High Court: बिलासपुर। राज्य शासन ने लीगल मेट्रोलॉजी विभाग में इंस्पेक्टर के पद पर सीमित प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से पदोन्नति के लिए 45 वर्ष की अधिकतम आयु सीमा निर्धारित की है। नियम की वैधानिकता को चुनौती देनते हुए याचिका दायर की गई थी। याचिका की सुनवाई के बाद डीविजन बेंच ने खारिज कर दिया है। जस्टिस संजय के. अग्रवाल और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने कहा कि नियोक्ता को किसी पद विशेष के लिए आयु सीमा निर्धारित करने का अधिकार है। कोर्ट ने यह भी कहा राज्य शासन का नियम मनमाना या अनुचित नहीं है। यह संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन नहीं है।

रायपुर निवासी खोमिन नायक ने छत्तीसगढ़ लीगल मेट्रोलॉजी क्लास-3 (गैर-मंत्रालयी) सेवा भर्ती नियम, 2013 के नियम 13 के तहत बनाए गए अनुसूची-IV के खंड 2 (iii) की संवैधानिक वैधता को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका में बताया कि इस प्रावधान में इंस्पेक्टर, लीगल मेट्रोलॉजी के पद पर सीमित प्रतियोगी परीक्षा में भाग लेने के लिए अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष निर्धारित की गई है। जबकि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए 50 वर्ष की आयु सीमा निर्धारित है। याचिकाकर्ता ने कहा कि वह सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्त हुई थीं, उन्हें 29 सितंबर 2022 को आयु सीमा अधिक होने के आधार पर परीक्षा के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

राज्य सरकार की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारियों ने कहा कि आयु सीमा का निर्धारण करना नियोक्ता का विशेषाधिकार है। नियम 2013 पदोन्नति के नहीं, बल्कि सीधी भर्ती के नियम हैं।

ला अफसर ने कहा कि पदोन्नति अपने आप में कोई निहित अधिकार नहीं है। हाई कोर्ट ने कहा कि इंस्पेक्टर, लीगल मेट्रोलॉजी के पद पर नियुक्ति के लिए एक अतिरिक्त अवसर और प्रोत्साहन देने के लिए है, ताकि वे जल्द पदोत्रति प्राप्त कर सकें।

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