Bilaspur High Court: चीफ जस्टिस ने कहा; न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि यह एक पवित्र उत्तरदायित्व भी

Bilaspur High Court: चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा नवनियुक्त न्यायिक को सम्बोधित कर रहे थे. बिलासपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने कहा कि न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति केवल एक नौकरी नहीं है, बल्कि यह एक पवित्र उत्तरदायित्व है।

Update: 2025-06-30 14:23 GMT

Bilaspur High. Court: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने कहा कि न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति केवल एक नौकरी नहीं है, बल्कि यह एक पवित्र उत्तरदायित्व है। विधि के शासन को बनाए रखने एवं सामान्य नागरिक को न्याय सुनिश्चित करने के लिए उन्हें यह पवित्र उत्तरदायित्व सौंपा गया है।

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने नव नियुक्त न्यायिक अधिकारियों को न्यायिक सेवा में चयनित होने पर बधाई दी। नव नियुक्त न्यायिक अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए सतत् अध्ययन, न्यायिक आचार संहिता एवं विनम्रता के महत्व को रेखांकित किया। नव नियुक्त न्यायिक अधिकारियों को प्रशिक्षण के प्रति समर्पण एवं ईमानदारी से जुड़ने हेतु प्रेरित किया। चीफ जस्टिस ने कहा कि प्रशिक्षण अवधि के दौरान रखी गई नींव उनके भविष्य के न्यायिक आचरण एवं क्षमता को आकार देगी।

चीफ जस्टिस सिन्हाने समय की पाबंदी, तैयारी और धैर्य को एक अच्छे न्यायाधीश की पहचान बताया। साथ ही स्मरण कराया कि "विलंबित न्याय, अन्याय के समान है और कभी-कभी, जल्दबाज़ी में किया गया न्याय भी अन्याय ही होता है। इसलिए गति और न्याय के बीच संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।

0 अब आप न्याय के संरक्षक हैं

चीफ जस्टिस ने नवनियुक्त न्यायिक अफसरों से कहा कि अब आप न्याय के संरक्षक हैं, उस स्तर पर जहाँ सामान्य नागरिक न्याय प्रणाली से पहली बार जुड़ता है। निचली अदालतों में, न्याय की सच्ची छवि जनता के मन में बनती है।" उन्होंने आशा व्यक्त की कि न्यायिक सेवा की यह यात्रा निरंतर अध्ययन, निर्भीक स्वतंत्रता और न्याय के प्रति अटूट समर्पण से परिपूर्ण होगी। इस अवसर पर

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल, रजिस्ट्री एवं न्यायिक अकादमी के अधिकारीगण उपस्थित थे।

0 सिविल जज जूनियर के लिए इंडक्शन ट्रेनिग

छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी, बिलासपुर ने आज नव नियुक्त सिविल न्यायाधीश (कनिष्ठ श्रेणी) के लिए प्रथम चरण के इंडक्शन ट्रेनिंग कार्यक्रम (3 माह) का शुभारंभ किया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 30 जून से 27 सितम्बर, 2025 तक आयोजित किया जाएगा। उक्त कार्यक्रम में जस्टिस एवं अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी रजनी दुबे शामिल हुईं।

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