Bilaspur Airport: रनवे में भरा पानी: दिल्ली फ्लाइट बिलासपुर एयरपोर्ट में लैंडिंग के बजाय हो गया रायपुर डायवर्ट....

Bilaspur Airport: बीते तीन दिनों से हो रही तेज बारिश के कारण बिलासपुर एयरपोर्ट रनवे में पानी भरा होने के कारण दिल्ली फ्लाइट लैंड नहीं कर पाया। दिल्ली फ्लाइट को डायवर्ट कर रायपुर एयरपोर्ट में लैंडिंग कराया गया। आशंका जताई जा रही है कि बिलासपुर एयरपोर्ट का अगर जल्द दोबारा कारपेटिंग नहीं कराई गई तो बारिश के दिनों में फ्लाइट की लैंडिंग में तकनीकी दिक्कतें आएंगे।

Update: 2025-07-26 15:58 GMT

Bilaspur Airport: बिलासपुर। हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने शुक्रवार के दिन दिल्ली से आने वाली फ्लाइट के बिलासपुर एयरपोर्ट रनवे में पानी भरा होने के कारण रायपुर डाइवर्ट हो जाने की घटना को गंभीरता से लिया है। इस संबंध में जानकारी हासिल करने के बाद यह पता चला है कि रनवे से पानी न निकलने का एक बड़ा कारण नालियों का पक्का ना होना है। अधिक बारिश से कच्ची नाली में मिट्टी आ जाने से वह जाम हो गई और हरेली त्योहार के दिन मजदूर ना मिलने के कारण समय पर रनवे का पानी नहीं निकला जा सका। र बिलासपुर में फ्लाइट उतारने के बजाय रायपुर चली गई। और वहीं से खाली फ्लाइट दिल्ली वापस गई। 40 से अधिक यात्रियों को इसके कारण अपनी यात्रा शुक्रवार को स्थगित करनी पड़ी। दिल्ली से बिलासपुर आ रहे यात्री बिना कारण रायपुर में उतार दिए जाने कह वजह से अपने खर्चे से बिलासपुर पहुंचे और उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने कहा कि इस साल अत्यधिक बारिश होने के कारण एयरपोर्ट के रनवे का ऊपरी परत भी उधड़ रहा है। अलायंस एयर के पायलट भी बीते मार्च के महीने में रनवे पर पुनः डामरीकरण कारपेटिंग करने की मांग कर चुके हैं। यह पूरा काम लंबित है। बाउंड्री वॉल और रनवे के घेरे वाली सड़क जिसमें मरम्मत आदि का कार्य देखा जाता है, वह भी अभी तक कच्ची है और उसे डामरीकृत सड़क नहीं बनाया गया है।

हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने कहा कि यह अत्यंत खेद का विषय है कि हाई कोर्ट के द्वारा लगातार कड़े शब्दों में आगाह करने के बाद भी अधिकारियों का ध्यान बिलासपुर एयरपोर्ट में सुविधाओं के विस्तार और सुरक्षा संबंधी आवश्यक कार्य करने की तरफ नहीं है। बिलासपुर एयरपोर्ट एक जन भावना और जन आंदोलन का मुद्दा बन चुका है इसलिए यह उपेक्षा आम जनता की भावनाओं के साथ एक खुला खिलवाड़ भी है। समिति ने कहा कि हाई कोर्ट के कड़े शब्दों के बाद भी अगर यह मसला हल नहीं किया जा रहा है तो यह अंचलवासियों के लिए दुर्भाग्य की बात है।

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